
पाकिस्तान में 1990 में बम हमलों में कथित संलिप्तता के लिए मौत की सजा पाए भारतीय कैदी सरबजीत ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को दया माफी के लिए नई याचिका भेजी है।
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सरबजीत की ओर से यह पांचवीं दया माफी याचिका दाखिल की गई है। उसे पंजाब में 1990 में कई बम हमलों में कथित रूप से शामिल रहने के आरोप में मौत की सजा दी गई थी। इन हमलों में 14 लोग मारे गए थे। 49 वर्षीय भारतीय कैदी को इस समय लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है।
एक लाख भारतीयों के हस्ताक्षर वाली सरबजीत की नई याचिका में जरदारी से अपील की गई है कि वह पाकिस्तानी डॉक्टर खलील चिश्ती को हाल ही में भारत द्वारा रिहा किए जाने के जवाब में सरबजीत की रिहाई का आदेश दें। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में यह खबर प्रकाशित हुई है।
अजमेर में 1992 में एक व्यक्ति की हत्या में संलिप्तता के लिए दोषी ठहराए गए चिश्ती को भारत के उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में रिहा किया है। अदालत ने रिहाई के बाद चिश्ती को अपने परिवार से मिलने के लिए पाकिस्तान जाने की भी इजाजत दी।
सरबजीत की दया माफी याचिका के साथ जरदारी के नाम दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी तथा सैयद मुहम्मद यामीन हाश्मी द्वारा लिखे गए दो पत्रों को नत्थी किया गया है। हाश्मी सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के संरक्षक हैं।
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Appeal Of Mercy, Sarabjeet Wrote Letter Zardari, सरबजीत ने जरदारी को लिखा खत, दया याचिका, Sarabjeet Singh