नई दिल्ली:
आईटी कंपनी इंफोसिस के लिए काम करने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उसके 3 साल के बेटे की अमेरिका में स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई. 31 वर्षीय नागराजू सुरेपल्ली गुंटूर के रहने वाले थे. वह मिशिगन में ही नौकरी करते थे और वहीं अपनी पत्नी और बच्चे के साथ रहते थे. उनका और उनके बच्चे का शव उस इमारत के क्लबहाउस के स्विमिंग पूल में मंगलवार को मिला, जहां वो रहते थे.
स्थानीय मीडिया के अनुसार क्लबहाउस पहुंचे एक जोड़े ने उनके शवों को स्विमिंग पूल में देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी.
स्थानीय पुलिस प्रमुख डेविड मेलॉय ने बताया, 'पिता अपने बेटे को लेकर पूल के पास गए थे. ऐसा लगता नहीं कि वो तैरने गए थे. घटनास्थल को देखकर और उनके कपड़ों को देखकर तो ऐसा लगता है कि वो पूल के पास बैठने गए थे. उन्होंने तैरने वाले कपड़े भी नहीं पहन रखे थे.'
उन्होंने बताया कि 'सुरेपल्ली का बेटा जब साइकिल चला रहा था तो अचानक पूल में गिर पड़ा. बेटे को बचाने पिता भी स्विमिंग पूल में कूद गए और डूब गए. वहां ना तो कोई लाइफगार्ड था और ना ही वो दोनों अनुभवी तैराक थे'
परिवार के मित्र और मिशिगन में इंफोसिस के कर्मचारी क्राउड फंडिंग के जरिए उनकी मदद करना चाह रहे हैं ताकि उनके पार्थिव शरीरों को उनके घर भेजा जा सके. इस कवायद का उद्देश्य करीब 1,50,000 डॉलर इकट्ठा करना है.
क्राउड फंडिंग के लिए की गई अपील में सुरेपल्ली के दोस्तों ने उन्हें बेहद खुशमिजाज, ईमानदार और मित्रवत व्यक्ति बताया है. ऑर्गेनाइजर्स ने लिखा, 'इस दुख की घड़ी में हम लोगों ने यह फंड इसलिए बनाया, ताकि परिवार की मदद की जा सके. इसमें उनके पार्थिव शरीरों को भारत वापस भेजने की बेहद महंगी प्रक्रिया भी शामिल है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार क्लबहाउस पहुंचे एक जोड़े ने उनके शवों को स्विमिंग पूल में देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी.
स्थानीय पुलिस प्रमुख डेविड मेलॉय ने बताया, 'पिता अपने बेटे को लेकर पूल के पास गए थे. ऐसा लगता नहीं कि वो तैरने गए थे. घटनास्थल को देखकर और उनके कपड़ों को देखकर तो ऐसा लगता है कि वो पूल के पास बैठने गए थे. उन्होंने तैरने वाले कपड़े भी नहीं पहन रखे थे.'
उन्होंने बताया कि 'सुरेपल्ली का बेटा जब साइकिल चला रहा था तो अचानक पूल में गिर पड़ा. बेटे को बचाने पिता भी स्विमिंग पूल में कूद गए और डूब गए. वहां ना तो कोई लाइफगार्ड था और ना ही वो दोनों अनुभवी तैराक थे'
परिवार के मित्र और मिशिगन में इंफोसिस के कर्मचारी क्राउड फंडिंग के जरिए उनकी मदद करना चाह रहे हैं ताकि उनके पार्थिव शरीरों को उनके घर भेजा जा सके. इस कवायद का उद्देश्य करीब 1,50,000 डॉलर इकट्ठा करना है.
क्राउड फंडिंग के लिए की गई अपील में सुरेपल्ली के दोस्तों ने उन्हें बेहद खुशमिजाज, ईमानदार और मित्रवत व्यक्ति बताया है. ऑर्गेनाइजर्स ने लिखा, 'इस दुख की घड़ी में हम लोगों ने यह फंड इसलिए बनाया, ताकि परिवार की मदद की जा सके. इसमें उनके पार्थिव शरीरों को भारत वापस भेजने की बेहद महंगी प्रक्रिया भी शामिल है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं