वाशिंगटन:
भारतीय मूल की सिख लड़की को मध्य पूर्व की निवासी समझकर एक अमेरिकी युवक ने प्रताड़ित करने की कोशिश की और उससे कहा कि वह लेबनान लौट जाए. मीडिया में आई खबरों के अनुसार, युवक ने भारतीय मूल की लड़की से कहा कि वह अमेरिकी नागरिक नहीं है. समाचार-पत्र 'न्यूयॉर्क टाइम्स' द्वारा शुरू किए गए एक स्तंभ 'दिस वीक इन हेट' में राजप्रीत हेयर ने अपने साथ घटी इस घटना का जिक्र किया है. अमेरिका के इंडियाना प्रांत में जन्मी राजप्रीत इसी महीने अपने दोस्त के जन्मदिन के जश्न में शामिल होने सबवे ट्रेन से मैनहटन जा रही थी. तभी ट्रेन में सवार एक व्यक्ति उस पर चीखने लगा.
न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा जारी किए गए वीडियो में राजप्रीत बताती हैं कि वह उस वक्त अपने फोन में कुछ कर रही थीं, तभी पास ही में खड़ा व्यक्ति चीखकर कहने लगा 'तुम्हें पता भी है कि एक नौसैनिक कैसा दिखता है? तुम्हें पता है कि उसे क्या-क्या झेलना पड़ता है? वे इस देश के लिए क्या करते हैं? यह सब तुम जैसे लोगों की वजह से है'. राजप्रीत के अनुसार उस व्यक्ति ने कहा, "उम्मीद है उसे (राजप्रीत) वापस लेबनान भेज दिया जाएगा. तुम इस देश की नहीं हो."
ट्रेन में सवार दो व्यक्ति राजप्रीत की मदद के लिए आगे भी आए. एक महिला ने राजप्रीत के कंधे पर हाथ रखा और उसका कुशलक्षेम पूछा. राजप्रीत कहती हैं, "इसके बहुत मायने हैं, क्योंकि जब आप किसी देश में अल्पसंख्यक होते हैं, तो आपको यह सब खुद झेलने की आदत हो जाती है." रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस घटना की रिपोर्ट एक अन्य महिला ने भी एक पुलिस अधिकारी को की.
समाचार-पत्र में कहा गया है कि न्यूयॉर्क सिटी तेजी से बढ़े घृणा अपराधों एवं भेदभाव की घटनाओं से निपटने के उपायों पर विचार कर रहा है, लेकिन सबवे ट्रेनों में इस तरह की घटनाएं ज्यादा देखी जा रही हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा जारी किए गए वीडियो में राजप्रीत बताती हैं कि वह उस वक्त अपने फोन में कुछ कर रही थीं, तभी पास ही में खड़ा व्यक्ति चीखकर कहने लगा 'तुम्हें पता भी है कि एक नौसैनिक कैसा दिखता है? तुम्हें पता है कि उसे क्या-क्या झेलना पड़ता है? वे इस देश के लिए क्या करते हैं? यह सब तुम जैसे लोगों की वजह से है'. राजप्रीत के अनुसार उस व्यक्ति ने कहा, "उम्मीद है उसे (राजप्रीत) वापस लेबनान भेज दिया जाएगा. तुम इस देश की नहीं हो."
ट्रेन में सवार दो व्यक्ति राजप्रीत की मदद के लिए आगे भी आए. एक महिला ने राजप्रीत के कंधे पर हाथ रखा और उसका कुशलक्षेम पूछा. राजप्रीत कहती हैं, "इसके बहुत मायने हैं, क्योंकि जब आप किसी देश में अल्पसंख्यक होते हैं, तो आपको यह सब खुद झेलने की आदत हो जाती है." रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस घटना की रिपोर्ट एक अन्य महिला ने भी एक पुलिस अधिकारी को की.
समाचार-पत्र में कहा गया है कि न्यूयॉर्क सिटी तेजी से बढ़े घृणा अपराधों एवं भेदभाव की घटनाओं से निपटने के उपायों पर विचार कर रहा है, लेकिन सबवे ट्रेनों में इस तरह की घटनाएं ज्यादा देखी जा रही हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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