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This Article is From Jun 02, 2017

अमेरिका पेरिस समझौते से अलग हुआ, भारत-चीन को फायदा मिलने की बात कही

चीन और भारत जैसे देशों को पेरिस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा होने की दलील देते हुए ट्रंप ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है

अमेरिका पेरिस समझौते से अलग हुआ, भारत-चीन को फायदा मिलने की बात कही
डोनाल्‍ड ट्रंप के पेरिस समझौते से हटने के फैसले की आलोचना हो रही है.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अमेरिका ने पेरिस समझौते से अलग होने की घोषणा की
कहा-नए सिरे से इस पर विचार करने की जरूरत
भारत और चीन जैसे देशों को इस डील से होगा फायदा
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से अमेरिका को अलग करने के फैसले की घोषणा की और उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के दौरान 190 देशों के साथ किए गए इस समझौते पर फिर से बातचीत करने की जरूरत है. चीन और भारत जैसे देशों को पेरिस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा होने की दलील देते हुए ट्रंप ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है क्योंकि इससे उद्योगों और रोजगार पर बुरा असर पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत को पेरिस समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने के लिए अरबों डॉलर मिलेंगे और चीन के साथ वह आने वाले कुछ वर्षों में कोयले से संचालित बिजली संयंत्रों को दोगुना कर लेगा और अमेरिका पर वित्तीय बढ़त हासिल कर लेगा.

व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से बहु प्रत्याशित फैसले की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें पिट्सबर्ग का प्रतिनिधित्व करने के लिए निर्वाचित किया गया है ना कि पेरिस का. उन्होंने कहा कि वह अमेरिका के कारोबारी और कामगारों के हितों की रक्षा करने के लिए यह निर्णय ले रहे हैं.

उन्होंने कहा, ''मैं हर दिन इस देश के अच्छे लोगों के लिए लड़ रहा हूं. अत: अमेरिका और उसके नागरिकों की रक्षा करने के अपने गंभीर कर्तव्य को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हटेगा लेकिन उन शर्तों के साथ पेरिस समझौते या पूरी तरह से नए समझौते पर बातचीत शुरू करेगा जो अमेरिका, उसके उद्योगों, कामगारों, लोगों और करदाताओं के लिए उचित हों.''

ट्रंप ने कहा, ''हम इससे बाहर हो रहे हैं लेकिन फिर से बातचीत शुरू करेंगे और हम देखेंगे कि क्या हम एक ऐसा समझौता कर सकते हैं जो उचित हो. अगर हम कर सकें तो यह अच्छा होगा और अगर नहीं कर सकें तो भी कोई बात नहीं. राष्ट्रपति के तौर पर मैं अमेरिकी नागरिकों के भले से पहले किसी और चीज के बारे में नहीं सोच सकता.''
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)

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