अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार से बाहर होने का ऐलान कर दिया है. मानवाधिकार परिषद में सुधार न होने की वजह से अमेरिका लंबे समय से बाहर होने की धमकी देता आया है. अमेरिका का आरोप है कि 47 सदस्यों वाली यह परिषद इजराइल विरोधी है. अमेरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और संयुक्त राष्ट्र के लिए अमेरीका की दूत निकी हेली ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की घोषणा की. निकी हैली ने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हो रहा है.
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बता दें कि अमेरिका तीन साल से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य है. इस परिषद में अमेरिका का अभी डेढ़ साल पूरा हुआ था. बीते दिनों यह खबर आई थी कि परिषद में सुधारों पर सहमति नहीं बनी थी और अमेरिका की मांगों को नहीं माना गया था. तभी से यह खबर आ रही थी कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से हट जाएगा. अमेरिका के इस परिषद के हटने का औपचारिक ऐलान होना रह गया था, जो आज हो गया.
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अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के शासन काल में भी तीन साल तक मानवाधिकार परिषद का बहिष्कार किया था, लेकिन ओबामा के राष्ट्रपति बनने के बाद 2009 में वह इस परिषद में फिर से शामिल हुआ था.
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US Ambassador to the United Nations Nikki Haley says US withdrawing from UN Human Rights Council, calling it 'not worthy of its name.': The Associated Press (file pic) pic.twitter.com/elJ3Ruds4n
— ANI (@ANI) June 19, 2018
बता दें कि अमेरिका तीन साल से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य है. इस परिषद में अमेरिका का अभी डेढ़ साल पूरा हुआ था. बीते दिनों यह खबर आई थी कि परिषद में सुधारों पर सहमति नहीं बनी थी और अमेरिका की मांगों को नहीं माना गया था. तभी से यह खबर आ रही थी कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से हट जाएगा. अमेरिका के इस परिषद के हटने का औपचारिक ऐलान होना रह गया था, जो आज हो गया.
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अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के शासन काल में भी तीन साल तक मानवाधिकार परिषद का बहिष्कार किया था, लेकिन ओबामा के राष्ट्रपति बनने के बाद 2009 में वह इस परिषद में फिर से शामिल हुआ था.
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