खशोगी मामले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया
वाशिंगटन:
अमेरिका ने असंतुष्ट पत्रकार जमाल खशोगी की नृशंस हत्या में कथित रूप से संलिप्तता रखने वाले सऊदी अरब के 17 नागरिकों पर गुरुवार को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के लिए प्रतिबंध लगा दिया. खशेागी की तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी. अमेरिका ने सऊद अल कहतानी, उनके मातहत माहेर मुतरीब, सऊदी अरब के महावाणिज्य दूत मोहम्मद अल उतैबी और एक ऑपरेशन दल के 14 अन्य सदस्यों पर प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने गुरुवार को कहा कि यह कार्रवाई शासकीय आदेश 13818 के तहत की गई है जिससे ग्लोबल मैगनीटस्काई ह्यूमन राइट्स अकाउंटीबिलिटी एक्ट लागू होता है.
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ग्लोबल मैगनीटस्काई ह्यूमन राइट्स अकाउंटिबिलिटी एक्ट अमेरिका को यह अधिकार देता है कि वह दुनिया भर में मानवाधिकारों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने व भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए अहम कदम उठा सकता है. इस प्रतिबंध के तहत, इन सभी व्यक्तियों की अमेरिकी अधिकार क्षेत्र में जो भी संपत्ति है उसके लेन-देन पर रोक लगा दी गई है और अमेरिकी लोगों को उनके साथ कोई भी लेन देन करने से रोक दिया गया है. पोंपियो ने कहा कि खशोगी के कत्ल के वक्त इन व्यक्तियों के पास शाही दरबार (रॉयल कोर्ट) में पद थे और सऊदी अरब सरकार में मंत्रालय थे.
यह भी पढ़ें: पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या को सऊदी के शहजादे ने 'जघन्य अपराध' बताया
वित्त मंत्री स्टीवन मनुचिन ने कहा कि हमने सऊदी अरब के जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं वे खशोगी की हत्या में शामिल रहे. गौरतलब है कि तुर्की के एक शीर्ष अभियोजक ने बुधवार को कहा कि इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी के प्रवेश करने के साथ ही गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी गई थी और उनके शव को ठिकाने लगाने से पहले शरीर के टुकड़े-टुकड़े किए गए थे. उन्होंने कहा कि यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया.
यह भी पढ़ें: अमेरिका ने कहा- खशोगी की हत्या में सऊदी अरब की खुफिया सर्विस का हाथ, उठाया यह कदम
इस्तांबुल के प्रमुख अभियोजक इरफान फिदान के कार्यालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि सच का खुलासा करने के तुर्की के “भरसक प्रयासों” के बावजूद सऊदी अरब के प्रमुख अभियोजक अल-मोजेब के साथ चर्चा में कोई “ठोस परिणाम''नहीं निकले. यह बयान किसी तुर्की अधिकारी द्वारा की गई पहली सार्वजनिक पुष्टि है कि खशोगी को गला घोंटकर मारा गया था और उनके शरीर के टुकड़े कर दिए गए थे. यह घोषणा सऊदी अरब के मुख्य अभियोजक सऊद अल-मोजेब का इस्तांबुल का तीन दिवसीय दौरा खत्म होने के बाद की गई. अपने इस दौरे के दौरान मोजेब ने फिदान और अन्य तुर्की अधिकारियों के साथ बातचीत की.
VIDEO: सही सूचना जनता तक नहीं पहुंचने देना चाहती है सरकार.
तुर्की खशोगी की हत्या को लेकर सऊदी अरब में हिरासत में लिए गए 18 संदिग्धों के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है. साथ ही वह सऊदी अरब पर खशोगी के अवशेषों के बारे में सूचना मुहैया कराने का भी दबाव बना रहा है जिसके बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है. इसके अलावा वह पत्रकार की हत्या का आदेश देने वाले के बारे में भी जानकारी मांग रहा है.(इनपुट भाषा से)
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इस्तांबुल के प्रमुख अभियोजक इरफान फिदान के कार्यालय की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि सच का खुलासा करने के तुर्की के “भरसक प्रयासों” के बावजूद सऊदी अरब के प्रमुख अभियोजक अल-मोजेब के साथ चर्चा में कोई “ठोस परिणाम''नहीं निकले. यह बयान किसी तुर्की अधिकारी द्वारा की गई पहली सार्वजनिक पुष्टि है कि खशोगी को गला घोंटकर मारा गया था और उनके शरीर के टुकड़े कर दिए गए थे. यह घोषणा सऊदी अरब के मुख्य अभियोजक सऊद अल-मोजेब का इस्तांबुल का तीन दिवसीय दौरा खत्म होने के बाद की गई. अपने इस दौरे के दौरान मोजेब ने फिदान और अन्य तुर्की अधिकारियों के साथ बातचीत की.
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तुर्की खशोगी की हत्या को लेकर सऊदी अरब में हिरासत में लिए गए 18 संदिग्धों के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है. साथ ही वह सऊदी अरब पर खशोगी के अवशेषों के बारे में सूचना मुहैया कराने का भी दबाव बना रहा है जिसके बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है. इसके अलावा वह पत्रकार की हत्या का आदेश देने वाले के बारे में भी जानकारी मांग रहा है.(इनपुट भाषा से)
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