न्यूयॉर्क:
अमेरिकी वायुसेना की मंत्री देबोराह ली जेम्स ने 'ऑपरेशन संकट मोचन' के शानदार अमल के लिए भारतीय वायुसेना की सराहना की है. इस अभियान के तहत पिछले महीने दक्षिण सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को निकाला गया था.
भारत के दौरे की तैयारी में जुटीं जेम्स ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, 'मैं भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष को बधाई देने का इंतजार कर रही हूं. विशेषकर सी-17 अभियान के लिए, जिसमें भारतीय नागरिकों को दक्षिण सूडान से निकालने के काम को बहुत शानदार ढंग से अंजाम दिया गया. बहुत अच्छा.' 'ऑपरेशन संकट मोचन' के तहत दक्षिण सूडान की राजधानी जूबा से 156 नागरिकों को अमेरिका से खरीदे गए सी-17 ग्लोबमास्टर विमान का इस्तेमाल कर निकाला गया था.
नई दिल्ली यात्रा के दौरान उनका वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा से मिलने का कार्यक्रम है. राहा चीफ ऑफ एयर स्टाफ एवं चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने भारतीय वायुसेना को एक बहुत प्रभावी लड़ाकू इकाई करार दिया. उन्होंने अमेरिकी वायुसेना के साथ रेड फ्लैग अभ्यास में आईएएफ की भागीदारी को याद किया. उन्होंने कहा, 'अभ्यास के दौरान हमलोग गठबंधन के साझीदारों के साथ एकत्रित हुए, साथ में प्रशिक्षण लिया और मिलकर काम किया. कभी-कभी हम लोगों ने खुद को परखने के लिए नकली खतरों से आगे बढ़कर बहुत चुनौतीपूर्ण एवं मुश्किल माहौल में काम किया.'
भारतीय वायुसेना ने मई में अलास्का में संपन्न हुए चार हफ्ते के रेड फ्लैग अभ्यास में हिस्सा लिया था. भारत ने अभ्यास में सुखोई 30-एमके और जगुआर लड़ाकू विमान के साथ हवा में विमान में ईंधन भरने में सक्षम आईएल-78 को तैनात किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारत के दौरे की तैयारी में जुटीं जेम्स ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, 'मैं भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष को बधाई देने का इंतजार कर रही हूं. विशेषकर सी-17 अभियान के लिए, जिसमें भारतीय नागरिकों को दक्षिण सूडान से निकालने के काम को बहुत शानदार ढंग से अंजाम दिया गया. बहुत अच्छा.' 'ऑपरेशन संकट मोचन' के तहत दक्षिण सूडान की राजधानी जूबा से 156 नागरिकों को अमेरिका से खरीदे गए सी-17 ग्लोबमास्टर विमान का इस्तेमाल कर निकाला गया था.
नई दिल्ली यात्रा के दौरान उनका वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा से मिलने का कार्यक्रम है. राहा चीफ ऑफ एयर स्टाफ एवं चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने भारतीय वायुसेना को एक बहुत प्रभावी लड़ाकू इकाई करार दिया. उन्होंने अमेरिकी वायुसेना के साथ रेड फ्लैग अभ्यास में आईएएफ की भागीदारी को याद किया. उन्होंने कहा, 'अभ्यास के दौरान हमलोग गठबंधन के साझीदारों के साथ एकत्रित हुए, साथ में प्रशिक्षण लिया और मिलकर काम किया. कभी-कभी हम लोगों ने खुद को परखने के लिए नकली खतरों से आगे बढ़कर बहुत चुनौतीपूर्ण एवं मुश्किल माहौल में काम किया.'
भारतीय वायुसेना ने मई में अलास्का में संपन्न हुए चार हफ्ते के रेड फ्लैग अभ्यास में हिस्सा लिया था. भारत ने अभ्यास में सुखोई 30-एमके और जगुआर लड़ाकू विमान के साथ हवा में विमान में ईंधन भरने में सक्षम आईएल-78 को तैनात किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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