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This Article is From Jun 14, 2014

आम के बाद भारतीय पान पर भी यूरोप में पाबंदी का खतरा

आम के बाद भारतीय पान पर भी यूरोप में पाबंदी का खतरा
लंदन:

आम के बाद अब भारतीय पान के आयात पर भी यूरोपीय संघ (ईयू) में पाबंदी लगायी जा सकती है। ईयू ने भारत के अल्फांसो आम पर ऐसे कीट पतंगे होने के आरोप में इस बार अस्थाई पाबंदी लगा दी है जो यूरोप में नहीं पाए जाते।

भोजन और चारे के बारे में ईयू की त्वरित चेतावनी प्रणाली (रास्फ) ने इसी सप्ताह जारी अपनी वाषिर्क रिपोर्ट में कहा है कि भारत से आयी पान के पत्ते की कुछ खेपों में साल्मोनेला बैक्टीरिया का संक्रमण पाया गया है। ईयू इससे पहले इसी साल बांग्लादेश से पान के अयात पर पाबंदी लगा चुका है जो कम से कम जुलाई तक प्रभावी रहेगी।

रास्फ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 से पान के पत्तों में रालमोनेला के संक्रमण के मामले लगातार मिलते रहे हैं। ब्रिटेन से लगातार इस तरह की रिपोर्ट मिलने के बाद बांग्लादेश से पान के पत्तों का अयात अस्थाई रूप से रोक दिया गया है तथा भारत और थाइलैंड से आने वाली पान की खेप की निगरानी बढ़ा दी गई है।' सालमोनेला बैक्टीरिया के संक्रमण से गंभीर उल्टी-दस्त की शिकायत हो सकती है।

इस संगठन ने पिछले साल भारत को खाद्य पदार्थों में संक्रमण को लेकर 111 बार अधिसूचित या आगाह किया था। इसमें से 12 मामले कढ़ी पत्तों ओर 84 मामले भिंडी को लेकर थे। इनके अलावा पांच मामले लाल मिर्च को लेकर थे।

ईयू की इस एजेंसी की तरफ से शिकायत या चेतवानी की अधिसूचना जारी किए जाने के मामले में चीन (433) के बाद भारत (257) दूसरे नंबर पर रहा।

अल्फांसो आम पर पहली मई से पाबंद है। इसका व्यापक विरोध हुआ है। अब उम्मीद है कि ईयू के निरक्षक भारत में जल्द निगरानी के लिए आ सकते हैं ताकि यह पाबंदी उठायी जा सके।

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