इस्लामाबाद:
नौसेना युद्ध कक्ष लीक मामले के आरोपी रवि शंकरन को भारत में किए जाने वाले प्रत्यर्पण के खिलाफ की गई अपील के मामले में हार मिली है।
लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में जिला न्यायाधीश निकोलस इवान्स ने अपने फैसले में कहा कि वह कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सके कि ‘किसी मामले में वह जवाबदेह नहीं हैं।’ मामले को अब ब्रिटेन के गृह सचिव थेरेसा मे को भेजा जाएगा, जो शंकरन के भारत प्रत्यर्पण पर निर्णय करेंगे।
नौसेना के सेवानिवृत्त कमांडर और पूर्व नौसेना अध्यक्ष एडमिरल अरुण प्रकाश के रिश्तेदार शंकरन (46) युद्ध कक्ष से गुप्त सूचनाओं को हथियार डीलर को लीक करने के मामले में मुख्य आरोपी हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मार्च 2006 में मामला दर्ज किए जाने के बाद से ही वह फरार हैं।
सीबीआई ने उसी वर्ष मई में उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया था और जुलाई 2006 में आरोप पत्र दायर करने के बाद उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
शंकरन के लंदन में होने के खबर मिलने के बाद ब्रिटेन को प्रत्यर्पण के लिए आग्रह भेजा गया था और ब्रिटेन के अधिकारियों ने उन्हें अप्रैल 2010 में गिरफ्तार कर लिया था। नई दिल्ली के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा गैर-जमानती वारंट जारी करने के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में जिला न्यायाधीश निकोलस इवान्स ने अपने फैसले में कहा कि वह कोई साक्ष्य पेश नहीं कर सके कि ‘किसी मामले में वह जवाबदेह नहीं हैं।’ मामले को अब ब्रिटेन के गृह सचिव थेरेसा मे को भेजा जाएगा, जो शंकरन के भारत प्रत्यर्पण पर निर्णय करेंगे।
नौसेना के सेवानिवृत्त कमांडर और पूर्व नौसेना अध्यक्ष एडमिरल अरुण प्रकाश के रिश्तेदार शंकरन (46) युद्ध कक्ष से गुप्त सूचनाओं को हथियार डीलर को लीक करने के मामले में मुख्य आरोपी हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मार्च 2006 में मामला दर्ज किए जाने के बाद से ही वह फरार हैं।
सीबीआई ने उसी वर्ष मई में उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया था और जुलाई 2006 में आरोप पत्र दायर करने के बाद उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
शंकरन के लंदन में होने के खबर मिलने के बाद ब्रिटेन को प्रत्यर्पण के लिए आग्रह भेजा गया था और ब्रिटेन के अधिकारियों ने उन्हें अप्रैल 2010 में गिरफ्तार कर लिया था। नई दिल्ली के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा गैर-जमानती वारंट जारी करने के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
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