मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी पाकिस्तान के रावलपिंडी जेल में विलासितापूर्ण जीवन का आनंद उठा रहा है। जेल के अंदर न सिर्फ उसे मोबाइल फोन और इंटरनेट उपलब्ध कराया गया है, बल्कि हर दिन वह कई आगंतुकों से मुलाकात भी करता है।
लश्कर-ए-तैयबा के कार्यवाहक कमांडर लखवी साल 2008 में हुए मुंबई हमलों के प्रमुख संदिग्धों में से एक है। इन हमलों में 160 लोगों की मौत हो गई थी।
बीबीसी उर्दू द्वारा रविवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई हमले में अभ्यारोपित अपने छह साथियों के साथ 55 वर्षीय लखवी अदियाला जेल में बंद है। जेलर की मंजूरी से जेल के अंदर उसे एक टेलीविजन, मोबाइल फोन तथा इंटरनेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
जेल के एक अधिकारी ने कहा, 'लखवी हफ्ते में किसी भी दिन, किसी भी समय किसी भी आगंतुक से मुलाकात कर सकता है।'
अधिकारी ने कहा, 'उससे मिलने वाले आगंतुकों को किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है, यहां तक कि उन्हें अपनी पहचान जाहिर करने की भी जरूरत नहीं है।'
यह घटना भले ही किसी के लिए चकित करने वाली हो सकती है, लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरान ऐसी मंजूरी देने के लिए ही जाने जाते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि भविष्य में उन्हें उनकी जरूरत हो सकती है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने लखवी को 26/11 मुंबई हमले का एक प्रमुख संदिग्ध घोषित किया था, जिसके चार दिन बाद पाकिस्तान ने सात दिसंबर, 2008 को उसे गिरफ्तार किया था।
इसके छह साल बाद वह एक बार फिर सुर्खियों में तब आया, जब पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने मुंबई हमले के मामले में उसे जमानत देने का आदेश दिया।
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