
मुंबई हमला मामले के मुख्य साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी को उसकी रिहाई से ठीक पहले एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया।
इससे पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने एक जन सुरक्षा आदेश के तहत लखवी की हिरासत बढ़ाने के लिए जारी अधिसूचना को निलंबित कर दिया था। लखवी की रिहाई को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, लखवी को एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है। लखवी को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रावलपिंडी की अदाइला जेल से सुबह रिहा किया जाना था। उसने 10 लाख रुपये का मुचलका भी भर दिया था, लेकिन इससे ठीक पहले जेल के अधीक्षक को एक अन्य मामले में लखवी को गिरफ्तार करने संबंधी सरकारी आदेश मिला।
अधिकारी ने बताया, लखवी को तब एक न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसे हिरासत में भेज दिया। लखवी के वकील रजा रिजवान अब्बासी ने सरकार के आदेश पर विरोध जताया।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को सरकार के 'जन सुरक्षा बनाए रखने संबंधी आदेश' (मेन्टेनेन्स ऑफ पब्लिक ऑर्डर) को निलंबित कर दिया था, जिसके तहत लखवी को हिरासत में रखा जा रहा था। इससे उसकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। इस पर भारत में रोष की लहर फैल गई और पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर विरोध भी जताया गया था।
बीते 18 दिसंबर को आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश सैयद कौसर अब्बास जैदी ने सबूत के अभाव का हवाला देते हुए लखवी को जमानत दे दी थी, लेकिन उसके जेल से बाहर आने से पहले ही पाकिस्तान की सरकार ने लखवी को लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी आदेश (एमपीओ) के तहत हिरासत में लेने का आदेश दिया था।
(इनपुट भाषा से भी)
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