मुंबई:
मुम्बई के 26/11 आतंकवादी हमले की जांच का हिस्सा रहे प्रमुख अधिकारियों का बयान दर्ज करने के लिए पाकिस्तान का आठ सदस्यीय एक न्यायिक आयोग गुरुवार को यहां पहुंचा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पाकिस्तान से दिल्ली पहुंचने के एक दिन बाद आयोग मुम्बई आया है। सुरक्षा कारणों के चलते मुम्बई में आयोग की होने वाली बैठकों के बारे में गोपनीयता बरती जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि आयोग के सदस्य जांच अधिकारियों, एक मजिस्ट्रेट, नौ आतंकवादियों का पोस्टमार्टम करने वाले दो डॉक्टरों और पीड़ितों के परिजनों से पूछताछ करेंगे। सूत्रों ने बताया कि आयोग सबसे पहले जांच अधिकारी रमेश महाले एवं मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट आर.वी. सावंत वाघले का बयान दर्ज करेगा।
ज्ञात हो कि वाघले ने मुम्बई में तबाही मचाने वाले 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों में से एकमात्र जिंदा पकड़े गए अजमल कसाब का पहला इकबालिया बयान 27 नवंबर 2008 को दर्ज किया था। इस हमले में विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे।
आयोग सरकारी अस्पतालों सर जे.जे. अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी (फॉरेंसिक) गणेश नितुकर एवं नायर अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी (फॉरेंसिक) शैलेष मोहित का बयान दर्ज करेगा। भारतीय कार्रवाई में मारे गए आतंकवादियों का पोस्टमार्टम इन दो डॉक्टरों ने किया था।
सूत्रों ने बताया कि कसाब को फांसी की सजा दिलाने में निचली अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़ितों का पक्ष रखने वाले विशेष सरकारी अभियोजक उज्जवल निकम मुम्बई में आयोग की मदद करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान से आए इस आयोग में चार रक्षा वकील, दो सरकारी अभियोजक, संयुक्त जांच दल का एक सदस्य और न्यायालय का एक अधिकारी शामिल हैं।
पाकिस्तान से दिल्ली पहुंचने के एक दिन बाद आयोग मुम्बई आया है। सुरक्षा कारणों के चलते मुम्बई में आयोग की होने वाली बैठकों के बारे में गोपनीयता बरती जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि आयोग के सदस्य जांच अधिकारियों, एक मजिस्ट्रेट, नौ आतंकवादियों का पोस्टमार्टम करने वाले दो डॉक्टरों और पीड़ितों के परिजनों से पूछताछ करेंगे। सूत्रों ने बताया कि आयोग सबसे पहले जांच अधिकारी रमेश महाले एवं मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट आर.वी. सावंत वाघले का बयान दर्ज करेगा।
ज्ञात हो कि वाघले ने मुम्बई में तबाही मचाने वाले 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों में से एकमात्र जिंदा पकड़े गए अजमल कसाब का पहला इकबालिया बयान 27 नवंबर 2008 को दर्ज किया था। इस हमले में विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे।
आयोग सरकारी अस्पतालों सर जे.जे. अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी (फॉरेंसिक) गणेश नितुकर एवं नायर अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी (फॉरेंसिक) शैलेष मोहित का बयान दर्ज करेगा। भारतीय कार्रवाई में मारे गए आतंकवादियों का पोस्टमार्टम इन दो डॉक्टरों ने किया था।
सूत्रों ने बताया कि कसाब को फांसी की सजा दिलाने में निचली अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़ितों का पक्ष रखने वाले विशेष सरकारी अभियोजक उज्जवल निकम मुम्बई में आयोग की मदद करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान से आए इस आयोग में चार रक्षा वकील, दो सरकारी अभियोजक, संयुक्त जांच दल का एक सदस्य और न्यायालय का एक अधिकारी शामिल हैं।
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