प्रतीकात्मक तस्वीर
पैराग्वे:
पैराग्वे में एक 11 साल की बलात्कार पीड़ित लड़की ने गुरुवार को एक बच्ची को जन्म दिया है। पीड़ित लड़की के साथ उसकी मां के बॉयफ्रेंड ने लंबे समय तक बलात्कार किया था जिसके बाद लड़की ने इस बच्ची को जन्म दिया।
ये लड़की 10 साल की थी जब इसकी मां के बॉयफ्रेंड ने इसके साथ रेप किया था। लड़की इसी साल मई महीने में ग्यारह साल की हुई है। लड़की की डिलीवरी कराने वाले डॉक्टर डॉ डोलोरोस कास्टेलानोस के अनुसार डिलीवरी सीज़ेरियन के ज़रिए हुई है। नवजात बच्ची का वज़न 3.5 किलो है। लड़की ने अपनी नवजात बच्ची का नाम मिलाग्रोस रखा है जिसका स्पैनिश में मतलब होता है करिश्मा।
इस लड़की के गर्भ के बारे में तब पता चला था जब वो पेट दर्द की शिकायत लेकर इसी साल अप्रैल महीने में डॉक्टरों के पास गई, डॉक्टरों को शुरुआत में लगा कि लड़की के पेट में कीड़े हो सकते हैं लेकिन जांच के बाद पता चला कि वो पांच महीने गर्भ से है।
एक ईसाई बहुल देश होने के कारण पैराग्वे में गर्भपात तब तक ग़ैरकानूनी है जब तक कि मां की जान को खतरा नहीं है। इस मामले में अधिकारियों ने पीड़ित लड़की की जान को किसी तरह का खतरा होने से इंकार किया था।
डिलीवरी के दौरान लड़की 37 महीने से गर्भवती थी। उसे 72 घंटे अस्पताल में ही देखरेख के लिए रखा जाएगा उसके बाद अस्पताल लड़की और उसके नवजात बच्चे के बारे में आगे का फैसला करेगी।
नवजात बच्ची के पिता को मई महीने में ही पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी है और उसपर रेप का केस चल रहा है। दोषी पाए जाने पर उसे 12 से 15 साल की सज़ा हो सकती है। पीड़ित लड़की की मां को भी लापरवाही के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था। लेकिन उसे अपनी बेटी से मिलने की इजाज़त दी गई थी।
इस मामले की चर्चा संयुक्त राष्ट्र तक उठी, जहां इस मामले पर पैराग्वे सरकार के रुख़ की निंदा की गई। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेश्नल ने भी पैराग्वे सरकार से अपील की वे अपने यहां के सख़्त गर्भपात कानून में बदलाव करे। संस्था ने ये भी कहा कि पीड़ित लड़की का ज़िंदा बचना उनकी खुशकिस्मती है।
यूनिसेफ ने भी अपनी बेटियों की रक्षा न कर पाने के लिए पैराग्वे सरकार की निंदा की है।
ये लड़की 10 साल की थी जब इसकी मां के बॉयफ्रेंड ने इसके साथ रेप किया था। लड़की इसी साल मई महीने में ग्यारह साल की हुई है। लड़की की डिलीवरी कराने वाले डॉक्टर डॉ डोलोरोस कास्टेलानोस के अनुसार डिलीवरी सीज़ेरियन के ज़रिए हुई है। नवजात बच्ची का वज़न 3.5 किलो है। लड़की ने अपनी नवजात बच्ची का नाम मिलाग्रोस रखा है जिसका स्पैनिश में मतलब होता है करिश्मा।
इस लड़की के गर्भ के बारे में तब पता चला था जब वो पेट दर्द की शिकायत लेकर इसी साल अप्रैल महीने में डॉक्टरों के पास गई, डॉक्टरों को शुरुआत में लगा कि लड़की के पेट में कीड़े हो सकते हैं लेकिन जांच के बाद पता चला कि वो पांच महीने गर्भ से है।
एक ईसाई बहुल देश होने के कारण पैराग्वे में गर्भपात तब तक ग़ैरकानूनी है जब तक कि मां की जान को खतरा नहीं है। इस मामले में अधिकारियों ने पीड़ित लड़की की जान को किसी तरह का खतरा होने से इंकार किया था।
डिलीवरी के दौरान लड़की 37 महीने से गर्भवती थी। उसे 72 घंटे अस्पताल में ही देखरेख के लिए रखा जाएगा उसके बाद अस्पताल लड़की और उसके नवजात बच्चे के बारे में आगे का फैसला करेगी।
नवजात बच्ची के पिता को मई महीने में ही पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी है और उसपर रेप का केस चल रहा है। दोषी पाए जाने पर उसे 12 से 15 साल की सज़ा हो सकती है। पीड़ित लड़की की मां को भी लापरवाही के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था। लेकिन उसे अपनी बेटी से मिलने की इजाज़त दी गई थी।
इस मामले की चर्चा संयुक्त राष्ट्र तक उठी, जहां इस मामले पर पैराग्वे सरकार के रुख़ की निंदा की गई। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेश्नल ने भी पैराग्वे सरकार से अपील की वे अपने यहां के सख़्त गर्भपात कानून में बदलाव करे। संस्था ने ये भी कहा कि पीड़ित लड़की का ज़िंदा बचना उनकी खुशकिस्मती है।
यूनिसेफ ने भी अपनी बेटियों की रक्षा न कर पाने के लिए पैराग्वे सरकार की निंदा की है।
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