उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (फाइल फोटो)
- CM रावत को बुलाना पड़ा महंगा शादी में बुलाना बसपा नेता को पड़ा महंगा
- पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता
- बीजेपी और सीएम से उनकी नजदीकियों के कारण पार्टी ने लिया यह फैसला
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देहरादून:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हरिद्वार में पूर्व बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद के बेटे की शादी में जाने से प्रदेश की राजनीति में विवाद पैदा हो गया है. एक तरफ पार्टी के हरिद्वार जिले की लक्सर सीट से भाजपा विधायक संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के उनकी बजाय शहजाद को तरजीह देने से नाराज हैं वहीं दूसरी तरफ बसपा आलाकमान ने भाजपा और मुख्यमंत्री से शहजाद की बढती नजदीकियों से खफा होकर उन्हें पार्टी से बाहर का दरवाजा दिखा दिया है. गुप्ता ने कुछ समाचार माध्यमों में दिये अपने बयान में मुख्यमंत्री रावत की खुली आलोचना करते हुए कहा कि रावत को शादी में जाने के लिए तो समय है लेकिन विधायकों से मिलने का वक्त नहीं है. गुप्ता के इस बयान पर संज्ञान लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट ने आज विधायक को 'कारण बताओ' नोटिस जारी कर दिया है.
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भटट ने बताया, ' सार्वजनिक रूप से बयान जारी कर अपनी नाराजगी जताना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. इसे किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. विधायक को हमने कारण बताओ नोटिस कर उनसे सार्वजनिक टिप्पणी करने का कारण पूछा है.' उन्होंने कहा कि विधायक से सात दिन के अंदर जवाब तलब किया गया है. इसके बाद आगे की कार्रवाई के बारे में विचार किया जायेगा. भटट ने कहा कि मुख्यमंत्री हर विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर चिंतित हैं और समीक्षायें करते रहते हैं और वैसे भी शादी-ब्याह में जाने से किसी पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
VIDEO: उत्तराखंड : सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से बदसलूकी पर टीचर सस्पेंड
इस बीच, दूसरी बार बसपा से निष्कासित हुए शहजाद ने कहा कि पार्टी हाईकमान के इस फैसले से उन्हें आघात पहुंचा है और मुख्यमंत्री को बुलाकर उन्होंने कोई पार्टी विरोधी कार्य नहीं किया है. इधर, शहजाद के जल्द ही भाजपा का दामन थामने की अटकलें भी जोरों पर हैं. हांलांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भटट ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनकी शहजाद से इस संबंध में अब तक कोई बात नहीं हुई है. लेकिन उन्होंने कहा कि शहजाद की तरफ से कोई प्रस्ताव आने पर इस बारे में कुछ सोचा जायेगा.
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भटट ने बताया, ' सार्वजनिक रूप से बयान जारी कर अपनी नाराजगी जताना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. इसे किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. विधायक को हमने कारण बताओ नोटिस कर उनसे सार्वजनिक टिप्पणी करने का कारण पूछा है.' उन्होंने कहा कि विधायक से सात दिन के अंदर जवाब तलब किया गया है. इसके बाद आगे की कार्रवाई के बारे में विचार किया जायेगा. भटट ने कहा कि मुख्यमंत्री हर विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर चिंतित हैं और समीक्षायें करते रहते हैं और वैसे भी शादी-ब्याह में जाने से किसी पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
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इस बीच, दूसरी बार बसपा से निष्कासित हुए शहजाद ने कहा कि पार्टी हाईकमान के इस फैसले से उन्हें आघात पहुंचा है और मुख्यमंत्री को बुलाकर उन्होंने कोई पार्टी विरोधी कार्य नहीं किया है. इधर, शहजाद के जल्द ही भाजपा का दामन थामने की अटकलें भी जोरों पर हैं. हांलांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भटट ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि उनकी शहजाद से इस संबंध में अब तक कोई बात नहीं हुई है. लेकिन उन्होंने कहा कि शहजाद की तरफ से कोई प्रस्ताव आने पर इस बारे में कुछ सोचा जायेगा.
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