उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को दिए एक इंटरव्यू में पिछले 8 साल के अपने शासन और देश दुनिया की तमाम बातों पर खुलकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश उनके नेतृत्व में हर मोर्चे पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जहां 2014 में मोदी जी की सरकार बनने के बाद पूरे देश में उमंग और उत्साह था वहीं उत्तर प्रदेश में केंद्र की योजनाओं को तत्कालिन सरकार लागू ही नहीं होने देती थी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ-साफ शब्दों में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेताओं से तकरार की बातों को खारिज करते हुए पूछा है कि क्या केंद्रीय नेताओं से मतभेद करके वो यहां बैठे रह सकते हैं.
जब सीएम योगी आदित्यनाथ से इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि देश का एक बहुत ही बड़ा तबका आपको प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है, कभी न कभी. इस पर सीएम योगी ने जवाब देते हुए कहा कि राजनीति मेरे लिए महज एक कोई फुल टाइम जॉब नहीं है.
वक्फ बिल से मुस्लिमों को भी फायदा होगा: योगी आदित्यनाथ
वक्फ बिल के विरोध पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने जवाब देते हुए कहा कि यकीनन हर अच्छे काम का विरोध होता है. इसे बिल का लाभ तो देश के मुसलमानों को भी मिलेगा. वक्फ बिल को लेकर देशभर में कई जगहों पर प्रदर्शन किया जा रहा है. बीते दिने ईद की नमाज में भी लोगों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज अदा की. जिसे वक्फ बिल के खिलाफ सांकेतिक विरोध के तौर पर देखा जा रहा है, जिसे बीजेपी नेताओं ने सियासत करा दिया है.
यही प्रदेश था, जिसके आगे आठ साल पहले पहचान का संकट था. आज ईद कितने शांति के साथ मनाई जा रही है. 2017 से पहले कोई पर्व और त्योहार आता था, तो लोगों में आशंका आने लगती थी. लेकिन यह आशंकाएं बंद होनी चाहिए.
ट्राई लैंग्वेज फॉर्मूले पर CM योगी ने क्या कहा?
ट्राई लैंग्वेज वाले मसले पर सीएम योगी ने जवाब देते हुए कहा कि हम तो कन्नड़, बंगाली, मराठी भी पढ़ा रहे हैं. उत्तर प्रदेश क्या इससे छोटा हो गया. ट्राई लैंग्वेज फॉर्मूले पर डीएमके सांसदों ने अलग रूख अपनाया हुआ, उस पर सरकार ने भी पिछले दिनों संसद में साफ किया कि कोई भी भाषा किसी भी राज्य पर थोपी नहीं जाएगी और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा को लेकर लचीला रुख अपनाया गया है. सरकार ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में कहा कि बच्चों के लिए सीखे जाने वाली तीन भाषाएं, उनके राज्यों, क्षेत्रों और पाठ्यक्रमों से जुड़ी होंगी.
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