अलीगढ़ के डीएस डिग्री कॉलेज में आज दक्षिणपंथी छात्रों ने प्रदर्शन कर कॉलेज में बुर्का बैन करने की मांग की. और यह वार्निंग भी दी कि अगर बुर्का बैन नहीं हुआ तो सभी हिन्दू छात्र भगवा वस्त्र धारण करके कॉलेज आएंगे. इन छात्रों का आरोप है कि लड़कियां बुर्का पहनकर इस्लाम का प्रचार कर रही हैं और अलगाववाद पैदा कर रही हैं. चंद रोज़ पहले ही फ़िरोज़ाबाद के एसआरके डिग्री कॉलेज के वीडियो सामने आए थे जिनमें कॉलेज के प्रिंसिपल बुर्कापोश छात्राओं को छड़ी लेकर दौड़ते और दुत्कारते हुए कॉलेज से भगाते नज़र आई हैं.
डीएस डिग्री कॉलेज अलीगढ़ का पुराना डिग्री कॉलेज है. इसमें बुर्का विरोधी प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले छात्र नेता आदित्य पंडित ने एनडीटीवी से कहा, "यह शिक्षा का मंदिर है.यह कोई मदरसा नहीं है.यह कोई दरगाह भी नहीं है. न ही यह कोई पीर का मज़ार है जो आप यहां बुर्का और टोपी पहनकर आएं."
आंदोलनकारी छात्र नेता अमित गोस्वामी कहते हैं कि,"मुस्लिम छात्र-छात्राएं बुर्का और टोपी पहनकर छात्रों के बीच अलगाववाद की भावना पैदा कर रहे हैं. इस तरह मुसलमान कॉलेज में असमानता का बीज बो रहे हैं. बुर्क़े वाली लड़कियां इस्लाम का प्रचार भी कर रही हैं. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."
बुर्का पहनकर कॉलेज आईं लड़कियां तो प्रिंसिपल ने छड़ी दिखाकर भगाया, Video आने पर मचा बवाल
आंदोलनकारी छात्रों ने धमकी दी है कि अगर कैंपस में फ़ौरन बुर्का बैन नहीं किया गया तो सारे हिन्दू छात्र भगवा वस्त्र धारण करके कॉलेज आएंगे, जो हिंदुत्व का प्रतीक है. छात्रों ने यही वार्निंग कॉलेज प्रशासन को दिए एक ज्ञापन में भी दी है.
उधर कॉलेज के मुख्य अनुशासन अधिकारी मुकेश कुमार भरद्वाज कहते हैं,"बुर्का बैन करने का तो सवाल तब पैदा होता है जब कोई बुर्का पहनकर कॉलेज आए. हमारे कॉलेज में सभी छात्र और छात्राएं सिर्फ कॉलेज यूनिफार्म में ही पढ़ने आते हैं. चूंकि आजकल एडमिशन चल रहे हैं इसलिए बाहर से काफी लोग कैंपस में आते हैं. उनमें बच्चों के पेरेंट्स, उनके रिश्तेदार वगैरह भी होते हैं. छात्रों के रिश्तेदारों को तो प्रशासन बुर्का पहनने से रोक नहीं सकता.
VIDEO : कॉलेज में बुर्का पहनकर आने पर पाबंदी
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