आसमान से भारतीय सेना के ड्रोन बरसा रहे थे बम, तो तोपें गरज के साथ उगल रही थीं गोले. कुछ ऐसा ही दृश्य यूपी में झांसी के बबीना आर्मी फायरिंग रेंज का था. यहां दिन-रात बम के धमाकों की गूंज सुनाई दे रही थी. यहां भारतीय सेना की दक्षिणी कमान की सुदर्शन चक्र कोर ने युद्धाभ्यास किया. इसमें आधुनिक तकनीकी से लैस शस्त्रों का अभ्यास करते हुए परखा गया कि किस प्रकार अपना बचाव करते हुए युद्ध के दौरान दुश्मनों पर हमला किया जाए.
बबीना में इसके साथ ही एक मेला भी लगाया गया है जिसमें उपकरणों को डिस्प्ले किया गया था और उनके बारे में जानकारी दी जा रही थी.
झांसी के बबीना में आर्मी फायरिंग रेंज में 17 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक आधुनिक तकनीक से लैस शस्त्रों द्वारा युद्धाभ्यास स्वावलंबन शक्ति प्रदर्शन किया गया. इसके माध्यम से बताया गया कि भारतीय सेना अब आधुनिक तकनीकी से लैस उपकरणों का प्रयोग करेगी. वह अब आत्मनिर्भर बनने जा रही है. युद्धाभ्यास में 1800 सैन्यकर्मी, 200 से अधिक बख्तरबंद वाहन, भाग ले रहे थे. इसमें 50 विशेष और हवाई उपकरणों का प्रयोग किया गया.
डीआरडीओ की प्रयोगशाला में तैयार किए गए रक्षा उपकरणों के अलावा निजी स्टार्टअप के रक्षा उपकरणों का इस्तेमाल कर सेना के जवानों को युद्धाभ्यास कराया गया. साथ ही युद्धाभ्यास के दौरान स्वार्म ड्रोन, कामिकाजे ड्रोन, लॉजिस्टिक ड्रोन जैमर, मोबाइल एडहॉक नेटवर्क सिस्टम, रोबोटिक म्यूल, ऑल टेरेन वाहन, लाइट आर्म्ड मल्टीपर्पस वाहन, माइडेड प्रिसिजन एरियल डिलीवरी स्टिम, लेजर आधारित संचार प्रणाली निर्देशित ऊर्जा हथियार आदि शामिल किए.
सोमवार को किए गए युद्धाभ्यास में बताया गया कि किस प्रकार दुश्मनों के हमले से बचते हुए उन अटैक किया जाता है. इसके अलावा एयर फोर्स द्वारा हवाई हमले का भी प्रदर्शन किया गया. ड्रोन और तोपों से बम बरसाए गए.
(झांसी से विनोद कुमार गौतम की रिपोर्ट)
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