
जब कोई किसी अपराध का शिकार होता है और पुलिस के पास जाकर एफआईआर लिखवाई जाती है.फिर एफआईआर की कॉपी लेने के लिए कभी थाने दौड़ना पड़ता है तो कभी वेबसाइट खोलकर एफआईआर कॉपी ढूंढने की जद्दोजहद करनी पड़ती है, तो इससे बहुत परेशानी होती है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की पुलिस कुछ ऐसा कर रही है जिससे ये परेशानी अब नहीं उठानी पड़ेगी. पुलिस अब पीड़ित के घर एफआईआर की कॉपी देने जा रही है. यूपी पुलिस को इस काम के लिए खूब सराहा जा रहा है.
पुलिस घर जाकर दे रही FIR की कॉपी
गाजियाबाद पुलिस अब मुकदमा दर्ज करवाने वालों के घर जाकर उनको FIR की कॉपी दे रही है. गाजियाबाद में तैनात हुए नए पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड़ के आदेश के बाद शनिवार से यह नियम लागू हुआ है. अब किसी भी वादी को थाने या चौकी पर चक्कर काटने की जरूरत नहीं है बल्कि उसके घर पर उसको FIR की कॉपी मिलेगी. गाजियाबाद के थाना लिंक रोड क्षेत्र के सूर्य नगर के रहने वाली चेतना मित्तल के घर से उनकी ज्वैलरी चोरी हो गई थी. चेतना के मुताबिक वह अपनी शिकायत दर्ज करवाने थाने गई तो थाने से उन्हें आश्वासन मिला कि आपका मुकदमा दर्ज होने के बाद आपको कॉपी घर पर मिलेगी. उनके मुकदमे के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर और एक सिपाही उनके घर पर खुद FIR की कॉपी देने पहुंचे. चेतना मित्तल इस पहल से खुश हैं.
UP पुलिस की सराहनीय पहल
दरअसल तहरीर देने के बाद कई बार किसी तकनीकी या अन्य कारण से मुकदमा लिखने में देरी होती है. ऐसे में पीड़ित को अपने FIR की कॉपी लेने के लिए थाने या चौकी के चक्कर लगाने पड़ते हैं. खास तौर से महिलाओं के लिए यह काफी कष्टदायक होता है. ऐसे में गाजियाबाद के नियुक्त हुए दूसरे पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड़ ने अब पुलिस सेंट्रिक के हिसाब से यह सुविधा शुरू की है. अब मुकदमा कोई भी हो मुकदमे के वादी को FIR की कॉपी उसकी चौखट पर मिलेगी.
यूपी सरकार की ये पहल सराहनीय है. लेकिन इसको मुकम्मल अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अब खाकी के कंधों पर है. इसके लिए FIR डिलीवर करने वाला कांस्टेबल या दरोगा अपने थाना अध्यक्ष को इस बारे में जानकारी देता है. थाना अध्यक्ष उन्हें समझाता है कि डिलीवरी देते समय व्यवहार मृद रखना है साथ ही पीड़ित की अगर कोई शंका हो तो उसका निस्तारण करना है.
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