यूपी के मंत्री नंद गोपाल नंदी
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                लखनऊ: 
                                        उत्तर प्रदेश के काबीना मंत्री नंद गोपाल नंदी द्वारा सपा, बसपा के शीर्ष नेताओं की रावण तथा अन्य पात्रों से तुलना किए जाने को लेकर आज विधान परिषद में जोरदार हंगामा और जमकर नारेबाजी हुई जिसके कारण आज पूरे दिन की कार्रवाई स्थगित कर दी गयी. इसके पहले पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बसपा दल के नेता सुनील चित्तौड़ ने प्रदेश के नागर उड्डयन मंत्री नंदी द्वारा परसों इलाहाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में बसपा अध्यक्ष मायावती समेत विभिन्न नेताओं की तुलना पौराणिक पात्रों से किए जाने का कड़ा विरोध जताते हुए सभापति रमेश यादव से मंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग की.
सदन में सपा और विपक्ष के नेता अहमद हसन ने भी कहा कि मंत्री नंदी ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रति किया है, उस पर लगाम लगाने की जरूरत है. अगर लगाम नहीं लगी तो सदन चलना उचित नहीं होगा. भाजपा नफरत फैला रही है.
उन्होंने कहा कि हर मंत्री सरकार का भागीदार होता है और किसी भी मंत्री का ऐसी गैरजिम्मेदाराना, अशोभनीय और बेहूदा बात करना उचित नहीं है. उन्होंने इस पर सदन में तुरंत चर्चा कराने की मांग की. सभापति रमेश यादव ने इस मामले को शून्य काल में उठाने की बात कही. इस पर सपा बसपा के सदस्यों ने खड़े होकर आपत्ति की.
इसी बीच, मंत्री स्वाति सिंह ने बसपा के पूर्व नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी तथा पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा वर्ष 2016 में उनके परिवार के प्रति की गई अशोभनीय टिप्पणी की याद दिलाई. इसके बाद 12 बजे शून्यकाल शुरू होते ही सपा और बसपा के सदस्य सदन के बीचो-बीच आ गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. सदस्य ‘‘नकली राम भक्त बर्खास्त करो', ‘‘मंत्री माफी मांगे’’ जैसे नारे लगा रहे थे . हंगामा कर रहे सदस्यों ने मंत्री नंदी की बर्खास्तगी की मांग भी की.
सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपने आसन पर जाने को कहा लेकिन हंगामा थमते ना देख सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल में पहले 20-20 मिनट के लिए स्थगित कर दी. बाद में इसे 20 मिनट और बढ़ा दिया. इस तरह प्रश्नकाल नहीं हो सका.
इसके बाद शून्यकाल में भी सदस्यों ने हंगामा जारी रखा, जिसके बाद सभापति ने पहले दोपहर साढ़े बारह बजे तक परिषद की कार्रवाई स्थगित की . बाद में जब सदन की कार्रवाई फिर शुरू हुई तो सदस्य एक बार फिर सदन के बीचो बीच आकर नारेबाजी करने लगे . तब सभापति ने सदन की कार्रवाई को पूरे दिन के लिये स्थगित कर दिया . मालूम हो कि इलाहाबाद में परसों आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री नंदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा अन्य वरिष्ठ मंत्रियों की मौजूदगी में सपा तथा बसपा के शीर्ष नेताओं की तुलना रावण, कुम्भकर्ण कथा शूर्पणखा से की थी.
                                                                        
                                    
                                सदन में सपा और विपक्ष के नेता अहमद हसन ने भी कहा कि मंत्री नंदी ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रति किया है, उस पर लगाम लगाने की जरूरत है. अगर लगाम नहीं लगी तो सदन चलना उचित नहीं होगा. भाजपा नफरत फैला रही है.
उन्होंने कहा कि हर मंत्री सरकार का भागीदार होता है और किसी भी मंत्री का ऐसी गैरजिम्मेदाराना, अशोभनीय और बेहूदा बात करना उचित नहीं है. उन्होंने इस पर सदन में तुरंत चर्चा कराने की मांग की. सभापति रमेश यादव ने इस मामले को शून्य काल में उठाने की बात कही. इस पर सपा बसपा के सदस्यों ने खड़े होकर आपत्ति की.
इसी बीच, मंत्री स्वाति सिंह ने बसपा के पूर्व नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी तथा पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा वर्ष 2016 में उनके परिवार के प्रति की गई अशोभनीय टिप्पणी की याद दिलाई. इसके बाद 12 बजे शून्यकाल शुरू होते ही सपा और बसपा के सदस्य सदन के बीचो-बीच आ गए और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. सदस्य ‘‘नकली राम भक्त बर्खास्त करो', ‘‘मंत्री माफी मांगे’’ जैसे नारे लगा रहे थे . हंगामा कर रहे सदस्यों ने मंत्री नंदी की बर्खास्तगी की मांग भी की.
सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपने आसन पर जाने को कहा लेकिन हंगामा थमते ना देख सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल में पहले 20-20 मिनट के लिए स्थगित कर दी. बाद में इसे 20 मिनट और बढ़ा दिया. इस तरह प्रश्नकाल नहीं हो सका.
इसके बाद शून्यकाल में भी सदस्यों ने हंगामा जारी रखा, जिसके बाद सभापति ने पहले दोपहर साढ़े बारह बजे तक परिषद की कार्रवाई स्थगित की . बाद में जब सदन की कार्रवाई फिर शुरू हुई तो सदस्य एक बार फिर सदन के बीचो बीच आकर नारेबाजी करने लगे . तब सभापति ने सदन की कार्रवाई को पूरे दिन के लिये स्थगित कर दिया . मालूम हो कि इलाहाबाद में परसों आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री नंदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा अन्य वरिष्ठ मंत्रियों की मौजूदगी में सपा तथा बसपा के शीर्ष नेताओं की तुलना रावण, कुम्भकर्ण कथा शूर्पणखा से की थी.
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