विज्ञापन
This Article is From May 18, 2025

मायावती आज भतीजे आकाश पर सुना सकती हैं फैसला

अपना तो अपना ही होता है. वे तो मायावती के सबसे प्रिय भाई का बेटे हैं. इसीलिए चालीस दिनों में ही आकाश आनंद की बीएसपी में वापसी हो गई. आज मायावती ने एक बड़ी मीटिंग बुलाई है. आम तौर पर ऐसी बैठकें लखनऊ में होती है पर इस बार दिल्ली में मीटिंग है.

मायावती आज भतीजे आकाश पर सुना सकती हैं फैसला
लखनऊ:

मायावती आज भतीजे आकाश पर फैसला करने वाली हैं क्योंकि यह मामला घर का भी है और पार्टी का भी. दोनों की मुखिया मायावती हैं. तो फैसला उनको ही करना है. कब और कैसे! इसका जवाब भी बीएसपी अध्यक्ष के पास ही है. इतना जरूर है कि माहौल अब अच्छा है. आकाश, आनंद को लेकर मायावती का मूड ठीक हो गया है. मायावती ने उनकी माफी स्वीकार कर ली है.  तो फिर गुड न्यूज़ कभी भी आ सकता है. हो सकता है कुछ कम मिले पर शायद आकाश के लिए मायावती ने प्लान कर लिया है. 

रिश्तों में एक बार गांठ पड़ जाती है तो फिर वक्त लगता है. मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को राजनैतिक उत्तराधिकारी बना दिया था. बीएसपी में हर तरीके से आकाश आनंद नंबर दो की हैसियत वाले नेता बन गए थे. सतीश चंद्र मिश्रा समेत पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने इस बदलाव को मान लिया था पर आकाश आनंद के कुछ फैसलों ने मायावती को नाराज कर दिया. बीएसपी अध्यक्ष को लगा कि उनका भतीजा अब अपने ससुराल के इशारों पर चल रहा है. वैसे मायावती ने ही आकाश की शादी भी तय की थी. उन्होंने आकाश को पार्टी से बाहर करने से पहले ससुर अशोक सिद्धार्थ को निकाला. 

अपना तो अपना ही होता है. वे तो मायावती के सबसे प्रिय भाई का बेटे हैं. इसीलिए चालीस दिनों में ही आकाश आनंद की बीएसपी में वापसी हो गई. आज मायावती ने एक बड़ी मीटिंग बुलाई है. आम तौर पर ऐसी बैठकें लखनऊ में होती है पर इस बार दिल्ली में मीटिंग है. पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को इसमें बुलाया गया है. कई राज्यों के पार्टी के प्रभारी भी इस बैठक में शामिल होंगे. यूपी से तो बीएसपी की बड़ी टीम इस मीटिंग में शामिल हो रही है. पार्टी के सभी जिला अध्यक्ष को इसमें बुलाया गया है. ऑपरेशन सिंदूर और केंद्र सरकार के जाति जनगणना कराने के मुद्दे पर बातचीत होगी. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की नगर दलित वोटरों पर है. दोनों ही पार्टियां लगातार इन्हें अपना बनाने में जुटी हैं.

बीएसपी संकट के दौर में हैं. पार्टी चुनाव दर चुनाव फेल हो रही है. हाल के हर चुनाव में पार्टी ने अपना जनाधार खोया है. हाल ये है कि अपने सबसे मजबूत गढ़ में भी बीएसपी को हर मोर्चे पर चुनौती मिल रही है. मायावती जिस राज्य की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं वहॉं अब गिनती के दमदार नेता पार्टी के पास बचे हैं पर मायावती ने राजनीति के अपने तौर तरीके बदलने को तैयार नहीं है. ऐसे में उन्हें जरूरत हैं भरोसे के एक नेता की. जिसकी जनता में भी अपील हो. ऐसा एक चेहरा उनके पास हैं आकाश आनंद. अब तक उन्हें कामयाबी तो नहीं मिली है. पर क्या पता गोटिंया फिट बैठी तो आकाश इस बार मायावती के लिए राजनैतिक जमीन बन सकते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com