
उत्तर प्रदेश (यूपी) के ललितपुर में भीषण गर्मी के चलते पारा 43 डिग्री तक पहुंच गया है. इंसानों के साथ साथ यह पारा पशु पक्षियों को प्रभावित करने लगा है जिसके चलते एक साथ सैकड़ों चमगादड़ों की मौत हो गई है. इस घटना से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है और बीमारियां फैलने का भी डर सताने लगा है. चमगादड़ों की मौत के बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर चमगादड़ों के बचाव का प्रयास तेज किया है.
बरगद के पेड़ से गिरे चमगादड़
कोतवाली तालबेहट क्षेत्र के सेरबास गांव में एक बरगद के पेड़ से सैकड़ों चमगादड़ नीचे गिर गए. ग्रामीणों ने चमगादड़ों को देखा तो उनकी मौत हो चुकी थी. एक साथ सैकड़ों चमगादड़ों की मौत से गांव में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने मृत चमगादड़ों के वीडियो बनाकर वायरल कर दिए. इसके बाद उन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मृत चमगादड़ों के शव परीक्षण को लिए है. बताया जा रहा है कि चमगादड़ों की मौत भीषण गर्मी के चलते हुई है. भीषण गर्मी में बढ़ते तापमान को चमगादड़ सहन नहीं कर पाता है जिससे उसकी मौत हो जाती है.
गर्मी सहन नहीं कर पाता चमगादड़
वन विभाग की डीएफओ शीरीन सिद्दीकी ने बताया कि चमगादड़ों पर गर्मी का जल्दी असर पड़ता है. उन्होंने बताया कि तापमान 44 से ऊपर जाने से चमगादड़ों की मौत होना शुरू हो जाती है. सेरवास गांव में हुई चमगादड़ों की मौत होने के मामले में मृत चमगादड़ों के शव का पोस्टमार्टम कराकर गहनता से उनकी मौत का कारण जानने का प्रयास किया जा रहा है. बहरहाल जनपद में जिन जिन स्थानों पर चमगादड़ों के रहने के स्थान है वहां जूट के बोरे गीले कर टांगने और पानी का छिड़काव शुरू कराया जा रहा. इससे उन्हें ठंडक मिल सकेगी और साथ ही उन जगहों पर तरबूज जैसे कुछ फल भी रखवाए जा रहे है.
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