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This Article is From Aug 25, 2018

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां संगम में विसर्जित 

अस्थि विसर्जन से पहले संगम तट पर विशेष कार्यक्रम का किया गया आयोजन.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां संगम में विसर्जित 
अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां विसर्जित की गईं
लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां शनिवार दोपहर इलाहाबाद स्थित संगम में विसर्जित की गईं. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं मंत्री महेंद्र नाथ सिंह की अगुवाई में लखनऊ से यहां लाया गया था. अस्थि विसर्जन से पूर्व संगम तट पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अस्थि कलश को श्रद्धा सुमन अर्पित किए. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गत 16 अगस्त को दिल्ली में निधन हो गया था. सभा को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि अटल जी स्वच्छ और स्वस्थ राजनीति के ध्रुव तारा थे जिन्होंने देश की राजनीति को एक नया आयाम देने की चेष्टा की.

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राजनीति के क्षितिज पर ऐसे सितारे का जल्दी उदय नहीं होता. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अटल जी के अस्थि कलश को प्रयागवासियों ने जिस तरह से अंतिम विदाई दी है, उससे उनके प्रति जनता के अगाध प्रेम का पता चलता है. मैं तो यही कहूंगा कि अटल जी अजर हैं, अमर हैं और अटल हैं. सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक अनिल ने कहा कि अटल जी के एक शब्द पर महीनों चर्चा होती थी और लोग उस शब्द के मूल अर्थ को समझ नहीं पाते थे. मैं इतना ही बता सकता हूं कि जब दोहरी सदस्यता का मुद्दा उठा था तो अटल जी ने कहा था कि मां और बेटे के बीच जो संबंध होता है, वहीं रिश्ता उनका और आरएसएस का है.

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शहर के सर्किट हाउस में बने एक विशाल पंडाल में अस्थि कलश रखा गया जहां बड़ी तादाद में लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. सुबह से ही हो रही बारिश के बीच करीब 10:30 बजे सर्किट हाउस से अस्थि कलश यात्रा संगम के लिए शुरू हुई और परेड ग्राउंड पहुंचने पर वहां से लोग संगम के लिए पैदल चले. संगम तट पर पुलिस के जवानों द्वारा अस्थि कलश को गारद सलामी दी गई और इसके बाद इसे संगम तट पर श्रद्धांजलि सभा के लिए बनाए गए पंडाल में रखा गया.





कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जल पुलिस की मोटर बोट से अस्थि कलश को संगम के मध्य में ले जाकर विसर्जित किया गया. इस मौके पर इलाहाबाद के सांसद श्यामा चरण गुप्ता, कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर एवं कई क्षेत्र के विधायक और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे. (इनपुट भाषा से) 

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