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मंदिर को दान कर ठाकुर जी को लेकर चले जाएंगे...क्यों बांके बिहारी कॉरिडोर के विरोध में गोस्वामी समाज

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन में प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन को लेकर दो निजी पक्षों के बीच मुकदमेबाजी को 'हाईजैक' करने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई थी.

मंदिर को दान कर ठाकुर जी को लेकर चले जाएंगे...क्यों बांके बिहारी कॉरिडोर के विरोध में गोस्वामी समाज
मथुरा/वृंदावन:

वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सुप्रीम कोर्ट और यूपी सरकार के द्वारा न्यास बोर्ड का गठन करने के बाद विरोध को लेकर लामबंद हुए. गोस्वामी समाज और जिला प्रशासन के अधिकारियों के मध्य एक बैठक संपन्न हुई. जिसमें कॉरिडोर को लेकर बांके बिहारी मंदिर से सेवायतों के बीच चर्चा हुई. भीड़ एक बैठक वृंदावन के संत समाज ने की, जिसमें संतो ने कॉरिडोर बनाने के फैसले का स्वागत किया. न्यास बोर्ड और कॉरिडोर को लेकर गोस्वामी समाज और स्थानीय लोग कई दिनों से लगातार विरोध कर रहे हैं. जिसके बाद जिला प्रशासन और के बीच बैठक हुई.

गोस्वामी समाज का विरोध तेज

इस बैठक में गोस्वामी समाज के लोगों द्वारा एक स्वर से न्यास बोर्ड का विरोध किए जाने का ऐलान किया गया है. वहीं बैठक में मौजूद जिला अधिकारी अन्य अधिकारियों द्वारा गोस्वामी समाज को यह आश्वस्त किया गया है कि गोस्वामी समाज का कहीं भी कोई अहित नहीं होने दिया जाएगा. बैठक के बारे में जिलाधिकारी सी पी सिंह का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर के आसपास जो कॉरिडोर बनना है और जो ट्रस्ट बना है उसको लेकर हम लगा गोस्वामी समाज से चर्चा कर रहे हैं उन्होंने कहा कि चर्चा के माध्यम से ही समस्या का निदान किया जाएगा.

ठाकुर जी को लेकर यहां से चले जाएंगे...

उन्होंने कहा कि सभी के सामंजस्य और सहमति संबंधित से कार्य करेंगे उन्होंने विश्वास व्यक्त किया की चर्चा करके समाधान निकाल लिया जाएगा. गोस्वामी समाज ने बैठक में अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वह न्यास बोर्ड को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो वह मंदिर और जगह दान में देकर अपने ठाकुर जी को लेकर यहां से चले जाएंगे. साथ ही कहा कि जो मीटिंग का तीसरा चौथा दिन है और लगातार यह मीटिंग हो रही है और हमने जिला प्रशासन को जो एक्ट लाया गया है उसे पढ़ कर सुनाया.

प्रमुख संत महंतो के सामने भी रखी बात

इस एक्ट को लाने के बाद हमसे कोई भी चर्चा नहीं की गई है हमारे सारे अधिकार हैं वह इस एक्ट के अंदर खत्म कर दिए गए हैं. बांके बिहारी कॉरिडोर और मंदिर न्यास बनाने के लिए लाए गए अध्यादेश को लेकर मंदिर सेवायतों द्वारा किए जा रहे विरोध को लेकर वृंदावन के संतो की एक आवश्यक बैठक शनिवार को चतु:संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत लाडली दास महाराज की अध्यक्षता में परिक्रमा मार्ग स्थित चैतन्य कुटी आश्रम पर आयोजित की गई. बैठक में उपस्थित सन्त महंतो ने बताया कि मंदिर कॉरिडोर को लेकर चल रहे विरोध के मामले में बृंदावन के प्रमुख सन्त महंतो द्वारा शासन के समक्ष कुछ बातों को रखा गया है.

शासन की तरफ से दिया गया ये स्पष्टीकरण

इससे विशेष रूप से बनने वाले कॉरिडोर क्षेत्र में रहने वाले लोग, दुकानदार व गोस्वामी परिवारों का हनन न हो सके. जिसमें शासन की तरफ से स्पष्टीकरण हुआ है कि मंदिर कॉरिडोर को लेकर जो भ्रांतियां फैल रही है, उन पर ध्यान न दिया जाए. चाहे वो गोस्वामी परिवार हो या स्थानीय लोग व दुकानदार सभी का ध्यान दिया जायेगा. इसके अलावा गोस्वामी परिवार जिस तरह सेवा कर रहा है, उसमें भी किसी प्रकार फेरबदल नहीं किया जाएगा और हम कॉरिडोर के फैसले का स्वागत करते हैं और योगी आदित्यनाथ जी को आभार जताते हैं.

मंदिर के खजाने का होगा इस्तेमाल

प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर प्रकरण में उच्चतम न्यायालय ने 15 मई को एक फैसला दिया कि मंदिर का पांच एकड़ में कॉरिडोर 500 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाए और जिसमें जमीन खरीद में बांके बिहारी मंदिर के खजाने के रूपये का प्रयोग किया जाए. कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विशेष अध्यादेश के द्वारा न्यास बोर्ड गठन की अधिसूचना जारी कर दी है. हालांकि मंदिर सेवायत की पुनर्विचार याचिका पर  को सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई होनी है.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 213 के खंड 1 में प्रदत्त शक्ति का उपयोग करते हुए प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने   श्री बांके बिहारी न्यास अध्यादेश 2025 के गठन की अधिसूचना जारी करते हुए धर्मार्थ कार्य विभाग को प्रशासनिक कार्य के रूप में संबद्ध किया है. अध्यादेश के तहत प्रदेश सरकार द्वारा जल्द ही 18 सदस्यीय समिति का गठन करेगी. जिसमें 7 पदेन और 11 सदस्य नामित होंगे. पदेन सदस्यों में जिलाधिकारी,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,नगरआयुक्त,तीर्थ विकास परिषद के सीईओ, धर्मार्थ कार्य विभाग के एक अधिकारी, राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी के अलावा नामित सदस्यों में संत,वैष्णव,शिक्षाविद आदि शामिल होंगे.

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