प्रतीकात्मक तस्वीर
- लड़के के पिता ने 2005 में बैंक से 52 हजार रुपये का कर्ज लिया था
- नोटिस में हर्षित को 2 लाख 6 हजार रुपये जमा करने की हिदायत दी गई है
- डीएम सारिका मोहन ने हर्षित के परिवार को मदद का भरोसा दिलाया है
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लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में बैंक की एक हैरान कर देने वाली हरकत सामने आई है. एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा कर रहे हैं, वहीं एक किसान की मौत के बाद बैंक ने उसके 12 साल के बेटे को पिता द्वारा लिया गया कर्ज जमा करने का नोटिस दिया है. अब उस मासूम को भी समझ नहीं आ रहा कि वह इतनी बड़ी रकम का इंतजाम कैसे करे.
मामला है सीतापुर के बिसवां स्थित थानगांव कस्बे का, जहां के निवासी लालता प्रसाद ने नवंबर 2005 में यूपी सहकारी ग्राम्य विकास बैंक से 52 हजार रुपये का कर्ज लिया था. तंगहाली की वजह से लालता प्रसाद वह कर्ज जमा नहीं कर सके और कर्ज की रकम ब्याज जुड़ते जुड़ते दो लाख को पार कर गई. उधर, तंगहाली और बीमारी की वजह से लालता प्रसाद की एक साल पहले मौत हो गई. घर के अकेले कमाऊ सदस्य की मौत के सदमे से अभी परिजन उबरे भी नहीं थे कि दो दिन पहले लालता प्रसाद के 12 साल के बेटे हर्षित के नाम से घर पहुंचे बैंक के नोटिस ने खलबली मचा दी. नोटिस में हर्षित को 2 लाख 6 हजार रुपये जमा करने की हिदायत दी गई है.
VIDEO: योगी का इंसाफ, एक पैसा कर्ज़ माफ : यूपी में किसानों की कर्ज़माफी बनी मज़ाक
सिर से पिता का साया उठने के बाद हर्षित के सामने अपनी पांचवीं कक्षा की पढ़ाई को जारी रखने और बड़ी बहन की शादी की ही चिंता थी, लेकिन बैंक के नोटिस ने हर्षित और उसके परिवार की नींद ही उड़ा दी है. मामले की भनक लगने पर डीएम सारिका मोहन ने हर्षित के परिवार को मदद का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि वे बैंक की पॉलिसी देखेंगी, अगर उसमें कर्ज माफ करने का प्रावधान होग तो उनके कर्ज को माफ कराने की कोशिश की जाएगी.
मामला है सीतापुर के बिसवां स्थित थानगांव कस्बे का, जहां के निवासी लालता प्रसाद ने नवंबर 2005 में यूपी सहकारी ग्राम्य विकास बैंक से 52 हजार रुपये का कर्ज लिया था. तंगहाली की वजह से लालता प्रसाद वह कर्ज जमा नहीं कर सके और कर्ज की रकम ब्याज जुड़ते जुड़ते दो लाख को पार कर गई. उधर, तंगहाली और बीमारी की वजह से लालता प्रसाद की एक साल पहले मौत हो गई. घर के अकेले कमाऊ सदस्य की मौत के सदमे से अभी परिजन उबरे भी नहीं थे कि दो दिन पहले लालता प्रसाद के 12 साल के बेटे हर्षित के नाम से घर पहुंचे बैंक के नोटिस ने खलबली मचा दी. नोटिस में हर्षित को 2 लाख 6 हजार रुपये जमा करने की हिदायत दी गई है.
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सिर से पिता का साया उठने के बाद हर्षित के सामने अपनी पांचवीं कक्षा की पढ़ाई को जारी रखने और बड़ी बहन की शादी की ही चिंता थी, लेकिन बैंक के नोटिस ने हर्षित और उसके परिवार की नींद ही उड़ा दी है. मामले की भनक लगने पर डीएम सारिका मोहन ने हर्षित के परिवार को मदद का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि वे बैंक की पॉलिसी देखेंगी, अगर उसमें कर्ज माफ करने का प्रावधान होग तो उनके कर्ज को माफ कराने की कोशिश की जाएगी.
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