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This Article is From Jun 23, 2023

ऑप्शन चेन का चार्ट समझने के लिए इन टर्म्स को समझना जरूरी है

चार्ट में जो टर्म होते हैं उनमें OI, CHNG IN OI, Volume, IV, LTP, CHNG, BID QTY, BID PRICE, ASK PRICE, ASK QTY होते हैं. 

ऑप्शन चेन का चार्ट समझने के लिए इन टर्म्स को समझना जरूरी है
ऑप्शन चेन क्या है (प्रतीकात्मक तस्वीर.)
नई दिल्ली:

अपने एक लेख में ऑप्शन चेन के बारे में हमने बात की. ऑप्शन चेन क्या है, इसे ऑप्शन चेन क्यों कहते हैं और इस चार्ट को देखने पर क्या-क्या होता है. इस चार्ट को कैसे देखा जाता है और हर नंबर का क्या मतलब होता है. इससे क्या और कैसे पढ़ना चाहिए और बाजार की बेहतर समझ इससे कैसे मिलती है. सवाल यह भी कि इससे बाजार के बारे में कैसे अनुमान लगाया जाए. बाजार में पैसा लगाने से पहले इसे काफी अच्छे से समझ लेना चाहिए. सबसे पहले इन सभी के बारे में एक-एक करके समझते हैं.  चार्ट में जो टर्म होते हैं उनमें OI, CHNG IN OI, Volume, IV, LTP, CHNG, BID QTY, BID PRICE, ASK PRICE, ASK QTY होते हैं.

यह भी पढ़ें - ऑप्शन चेन क्या है, समझें यहां.

ओआई (OI Open Interest)

ओपन इंटरेस्ट का डाटा यह दिखाता है कि कॉल या पुट ऑप्शंस में लोगों ने कितनी पोजीशंस बना रखी हैं. बता दें कि ऑप्शन चेन में ओपन इंटरेस्ट का डाटा हमेशा लॉट (lot) में लिखा रहता है. 

चेंज इन ओआई (Change in Open Interest या CHNG IN OI)
इस कॉलम में भी डाटा लॉट में लिखा रहता है. इसका मतलब है कि कितनी पोजिशंस में बदलाव हुआ है.

वॉल्यूम (VOLUME)
इसका मतलब होता है कि कितने लोगों ने ओपन इंटरेस्ट में अपनी पोजिशंस बना रखी हैं.

IV (इम्प्लाइड वोलाटिलिटी Implied volatility)
इम्प्लाइड वोलाटिलिटी (IV) किसी कॉल या पुट ऑप्शन की अपेक्षाकृत वोलाटिलिटी को दर्शाती है. इससे किसी कॉल या पुट ऑप्शन में कितनी ज्यादा वोलाटिलिटी हो सकती है यह पता चलता है. ऑप्शंस की प्राइसिंग में IV बहुत जरूरी फैक्टर होता है. अगर बाजार में ज्यादा IV वोलाटिलिटी ज्यादा है तो ऑप्शन के प्राइस महंगे हो जाते हैं. कहा जाता है कि 20 से नीचे IV है तो समझ लीजिए कि ऑप्शंस सही दाम पर हैं, 30 से ऊपर जाने पर ज्यादा कीमत हो जाती है और ऑप्शंस के प्रीमियम बढ़ जाते हैं. IV को ATM पर देखना सही होता है. इससे ज्यादा एक्यूरेसी वाला डेटा मिलता है.

एलटीपी (LTP  या Last Traded Price)
बता दें कि यह उस खास स्ट्राइक प्राइस का एलटीपी (Last Traded Price) होता है जो यह बताता है कि उस स्ट्राइक प्राइस का प्रीमियम आखिरी बार कितने प्राइस पर ट्रेड हुआ था. एलटीपी (LTP) हर सेकंड चेंज बदलता है क्योंकि ऑप्शंस के बाय या सेल होने से प्रीमियम की कीमत भी ऊपर नीचे होती रहती है.

चेंज (CHNG या Change)
चेंज वाले कॉलम में LTP में होने वाला बदलाव दिखता है.

बिड क्वांटिटी (BID QTY या कहें बिड क्वांटिटी)
बिड क्वांटिटी से पता चलता है कि लोगों ने खास स्ट्राइक प्राइस के लिए कितने बिड का दांव लगाया है. यानी कितने बिड ऑर्डर लगाए गए हैं. 

बिड प्राइस (BID PRICE)
बिड प्राइस का मतलब होता है कि बायर किस प्राइस पर खरीदने को तैयार है.

आस्क प्राइस (ASK PRICE)
आस्क प्राइस Ask price का अर्थ है कि सेलर किस प्राइस पर बेचने को तैयार है.

आस्क क्वांटिटी (ASK QTY)
आस्क क्वांटिटी से पता चलता है कि लोगों ने खास स्ट्राइक प्राइस के लिए कितने आस्क ऑर्डर प्लेस किए हैं.

स्ट्राइक प्राइस (STRIKE PRICE)
स्ट्राइक प्राइश का कॉलम पूरी ऑप्शन चैन में सबसे अहम होता है और इसलिए यह सबसे बीच में होता है. अभी तक ऊपर जिन कॉलम का जिक्र किया है वे 10 कॉलम कॉल साइड और पुट साइड में होते हैं. बता दें कि पूरी ऑप्शन चैन का डाटा स्ट्राइक प्राइस से ही जुड़ा होता है. यह भी बात गौर करने की होती है कि किसी भी स्टॉक, निफ्टी या बैंकनिफ्टी सभी का एक ही ATM होता है जबकि आईटीएम (ITM) और ओटीएम (OTM) बहुत सारे हो सकते हैं. इन्हीं सब कॉलम के डाटा से मिलकर ऑप्शन चैन बनती है.

जब भी कोई ऑप्शन चेन देखता है तो उसे एक तरफ के कुछ कॉलम पीले रंग के बैकग्राउंड में दिखते हैं जबकि कुछ का बैकग्राउंड सफेद रंग का दिखता है. यहां पर जो अंक पीले कलर वाले बैकग्राउंड में दिखते हैं वे सभी आईटीएम (ITM) स्ट्राइक प्राइस के डेटा होते हैं जबकि सफेद कलर वाले सभी ओटीएम (OTM) स्ट्राइक प्राइस के अंक होते हैं. साथ ही कॉल की ओर ITM के अंक ऊपर की ओर होते हैं जबकि पुट की ओर ITM के अंक नीचे की ओर होते हैं.

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ऑप्शन चैन डाटा देखने से क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है
बाजार के जानकार ऑप्शन चैन डाटा देखकर यह पता लगाते हैं कि आज मार्केट किस रेंज में ट्रेड करेगा, निफ्टी या बैंकनिफ्टी ऊपर जाएगा या नीचे, इसके अलावा ऑप्शन चैन डाटा एनालिसिस करने से कई जरूरी सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल भी पता चल जाते हैं. साथ ही ऑप्शन चैन डाटा देखकर यह पता चलता है कि किस स्ट्राइक प्राइस पर कितने लोग बैठे हैं और उस स्ट्राइक प्राइस का क्या रेट चल रहा है और उस स्ट्राइक प्राइस पर ओपन इंटरेस्ट कितना है.

आम तौर पर ऑप्शन चेन देखकर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल का पता करने के लिए बाजार के जानकार कुछ इन बातों का हिसाब से चलते हैं. सबसे पहले उस स्ट्राइक प्राइस देखते हैं जिसका ओपन इंटरेस्ट सबसे ज्यादा होता है. यह अंक चार्च के दोनों ओर यानी (call और put) देखा जाता है. इसके बाद यह देखें कि जिस स्ट्राइक प्राइस पर मार्केट चल रही है उससे बिल्कुल नजदीक का सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देख लें. 

बता दें कि ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देखने से पता चलता है कि उससे अधिक पर प्राइस जाना मुश्किल है, यानी उसे रेजिस्टेंस के तौर पर समझा जा सकता है. इस चेन पर इसी से ठीक कम ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस दूसरा रेजिस्टेंस लेवल है. ऐसे ही पुट की तरफ भी सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट वाला स्ट्राइक प्राइस देखकर सपोर्ट पता किया जा सकता है. यहां पर इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि इन दोनों में ATM के नजदीक वाला ओपन इंटरेस्ट देखना भी जरूरी है.

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