टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, टैक्स कंप्लायंस को लेकर बढ़ गईं कई डेडलाइन, चेक कर लें डिटेल्स

जीएसटी माफ करने की योजना का लाभ उठाने की अंतिम तारीख बढ़ाई गई है, वहीं कई अन्य नियमों के लिए भी डेडलाइन बढ़ गई है. वित्त मंत्रालय ने रविवार को जीएसटी माफ करने की योजना का लाभ उठाने की अंतिम तारीख तीन महीने के लिए बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है.

टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, टैक्स कंप्लायंस को लेकर बढ़ गईं कई डेडलाइन, चेक कर लें डिटेल्स

Income Tax विभाग ने कई टैक्स कंप्लायंस से जुड़ी डेडलाइन बढ़ाईं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

वित्त मंत्रालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने टैक्स रिटर्न से जुड़े कई टैक्स कंप्लायंस की तारीख बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को राहत दी है. एक और जहां जीएसटी माफ करने की योजना का लाभ उठाने की अंतिम तारीख बढ़ाई गई है, वहीं कई अन्य नियमों के लिए भी डेडलाइन बढ़ गई है. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने रविवार को जीएसटी माफ करने की योजना का लाभ उठाने की अंतिम तारीख तीन महीने के लिए बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है. योजना के तहत करदाताओं को मासिक रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए कम शुल्क का भुगतान करना होगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने मई में लंबित रिटर्न के लिए करदाताओं को विलंब शुल्क में राहत प्रदान करने की खातिर एक माफी योजना लाने का फैसला किया था. सभी राज्यों के वित्त मंत्री जीएसटी परिषद के सदस्य हैं. जुलाई 2017 से अप्रैल 2021 के लिए जीएसटीआर-3बी दाखिल ना करने पर उन करदाताओं की खातिर विलंब शुल्क 500 रुपये प्रति रिटर्न तक सीमित कर दिया गया है, जिन पर कोई कर देयता नहीं है. वहीं कर देयता वाले लोगों के लिए, अधिकतम 1,000 रुपये प्रति रिटर्न विलंब शुल्क लिया जाएगा, बशर्ते ऐसे रिटर्न 31 अगस्त, 2021 तक दाखिल कर दिए गए हों.

वहीं, दूसरी ओर. आयकर विभाग ने सामान्यीकरण शुल्क (इक्वलाइजेशन लेवी) और प्रेषण (रेमिटेंस) के लिए विवरण दाखिल करने सहित विभिन्न अनुपालनों के लिए रविवार को समयसीमा बढ़ा दी. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए फॉर्म-1 में सामान्यीकरण शुल्क ब्योरा दाखिल करने की समयसीमा 30 जून की मूल नियत तारीख के मुकाबले 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गयी है.

जून और सितंबर तिमाही के लिए किए गए प्रेषण के संबंध में अधिकृत डीलरों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले फॉर्म 15सीसी में त्रैमासिक विवरण अब क्रमशः 30 नवंबर और 31 दिसंबर तक दायर किया जा सकता है. इस विवरण को दाखिल करने की मूल नियत तारीख क्रमशः 15 जुलाई और 15 अक्टूबर थी.

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि करदाताओं और अन्य हितधारकों द्वारा कुछ फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दाखिल करने में आ रही दिक्कतों की जानकारी दी गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए इन फॉर्म की ई तरीके से जमा कराने की तारीखों को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है. एक अलग बयान में, सीबीडीटी ने प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना विवाद से विश्वास (वीएसवी) के तहत भुगतान करने की समयसीमा 30 सितंबर तक एक महीने तक बढ़ाने की घोषणा की.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)