shark tank india season 2 judges: सोनी टीवी के बिजनेस रिएलिटी शो शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 (Shark Tank India Season 2) में बतौर जज नजर आ रहीं विनीता सिंह (Vineeta Singh) एक सक्सेसफुल बिजनेस वुमन है. वह ब्यूटी एंड कॉस्मेटिक ब्रांड शुगर कॉस्मेटिक (SUGAR Cosmetics) की को-फाउंडर(Co-Founder) और सीईओ (CEO) हैं. इसके साथ ही वह अपनी फिटनेस और फैशन सेंस के लिए भी जानी जाती हैं. वह कई फिजिकल एक्टिविटीज में भी भाग लेती रहती हैं. हाल में विनीता सिंह ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि जब उन्होंने एक ट्रायथलॉन में भाग लिया तो स्विमिंग करते हुए उन्हें पैनिक अटैक आ गया था. हालांकि, इसके बाद क्या हुआ यह जानकर आपको यकीन नहीं होगा. सबसे पहले आप विनिता सिंह का यह इंस्टाग्राम पोस्ट देख लीजिए.
इस पोस्ट को शेयर करते हुए विनीता सिंह ने अपने साथ हुए इस घटना के बाद के एक्सपीरिएंस के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि स्विमिंग करते हुए पैनिक अटैक आने के बाद वह रेस में सबसे बाद में जरूर पहुंची मगर हार नहीं मानीं. इस पोस्ट में उन्होंने अपने बच्चों के लिए भी एक इमोशन मैसेज लिखा है. तो चलिए जानते हैं...
विनीता सिंह ने अपने पोस्ट में कुछ फोटो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है कि मैंने सबसे अंतिम में रेस खत्म किया. मैं स्विमिंग करते समय हमेशा स्ट्रगल करती रही हूं. हालांकि, दुर्भाग्य कुछ ऐसा है कि सभी ट्रायथलॉन स्विमिंग के साथ ही शुरू होती हैं. वह भी खुले समुद्र में होती है. पिछले हफ्ते शिवाजी ट्रायथलॉन मेरी लाइफ की सबसे कठिन रेस थी. इस दौरान काफी तेज लहरें उठ रही थी और हवाएं भी चल रही थी. इसके चलते मुझे स्विमिंग करते समय पैनिक अटैक आ गया. जो कि 1 घंटे के लिए था. इस दौरान शाम और कौटिक द्वारा मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए किए गए तमाम कोशिशों के बावजूद मैं सांस नहीं ले पा रही थी.
पैनिक अटैक पर एक्सपीरियंस शेयर करते हुए विनीता सिंह ने आगे कहा कि इसके बाद मुझे रेस्क्यू टीम पानी से बाहर ले गई. फिर मैंने रेस से क्विट करने करने का मन बना लिया था, जो कि मेरे लिए काफी दर्दनाक फैसला था. उस समय शिवाजी झील उफान पर था. मेरे पास उस उफान का डटकर सामना करने की हिम्मत नहीं थी.
लेकिन मैं जैसे ही रेस्क्यू बोट पर बैठकर कांपती हुई बाहर आ रही थी, मैंने देखा कि एक 9 साल की लड़की लहरों को चीरते हुए अपना रास्ता तय कर रही थी. हालांकि, इस समय मैं अपना तौलिया फेंकने वाली थी, लेकिन फिर मैं शांत हो गई और सोचा कि ये इतना कठिन नहीं है.” मैंने ज्यादा ट्रेनिंग भी नहीं ली थी. इसलिए अपने बच्चों के पास वापस जाना ही ठीक लगा. और फिर उन्हें बह कहना कि मां को अभी खुले समुद्र में तैरने की ट्रेनिंग लेने की जरूरत है, अलगी बार फिर कोशिश करूंगी.
उन्होंने आगे लिखा, मैंने रेस से बाहर जाने का मन बना लिया था. लेकिन फिर मैंने अपने दिमाग को चुनौती दी. जब रेस में कोई टाइमिंग लिमिट नहीं था, तो मेरे पास इसे छोड़ने के लेकर कोई एसक्यूज भी नहीं था. यह सोचकर मैं एक बार फिर पानी में कूद गई और स्विमिंग शुरू कर दी. जो रेस 39 मिनट में पूरा करना होता है उसे करने में मुझे डेढ़ घंटे लग गए. इस रेस में शामिल सभी लोगों ने अपनी रेस 10:30 बजे तक पूरी कर ली थी. लेकिन मुझे इसे पूरा करने में दोपहर 12:20 तक का समय लग गया. जब मैं सबसे अंत में पानी से बाहर निकली तो मुझे नेवी के 100 जवान चियर कर रहे थे. आईएनएस शिवाजी के सभी लोगों के लिए मैं आभार व्यक्त करती हूं.
इस पोस्ट में बच्चों को लेकर भी उन्होंने इमोशन बातें कहीं. उन्होंने बताया कि मैंने अंत में अपने बच्चों के पास आकर उनसे कहा, मां आज अंतिम आई है लेकिन मां ने क्विट नहीं किया. विनीती सिंह की इस बहादुरी और हिम्मत की हर कोई दात दे रहा है. खुद शार्क टैंक के अन्य जज भी इस पोस्ट पर कमेंट करने से खुद को नहीं रोक पाए. Emcure फर्मा नमिता थापर (Namita Thapar),से लेकर शादी डॉट कॉम (Shadi.com) के फाउंडर अनुपम मित्तल (Anupam Mittal) तक ने विनीती सिंह के जज्बे को सराहा है.
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