केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में देश के बेरोजगार युवाओं को विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत बेरोजगारी लाभ (Unemployment Benefits) प्रदान किए जाने के बारे में जानकारी दी. दरअसल पिछले सप्ताह हुए संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में, सांसद जी सी चंद्रशेखर (GC Chandrashekhar) ने सरकार से देश के बेरोजगार युवाओं के बढ़ती महंगाई से निपटने में उनकी मदद करने के लिए बेरोजगारी भत्ते (Unemployment Allowance) की पेशकश करने वाली स्कीम शुरू करने की योजना के बारे में पूछा. साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार ने इस संबंध में कोई प्रस्ताव तैयार किया है.
युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने वाली कोई योजना आने वाली हैं क्या?
इस सवाल का जवाब देते हुए, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे (Shobha Karandlaje) ने कहा कि युवाओं के कल्याण के साथ रोजगार पैदा करना सरकार की प्राथमिकता है और इस पर सरकार लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि यह एक सतत और गतिशील प्रक्रिया है. श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने अपने जवाब में कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees' State Insurance Corporation - ESIC) की अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (Atal Beemit Vyakti Kalyan Yojana - ABVKY) के तहत, पात्रता के मुताबिक, नौकरी खोने वाले बीमित श्रमिकों (Insured workers) को बेरोजगारी लाभ (Unemployment benefit) का फायदा दिया जाता है.
देश में नौकरियां पैदा होने की दर में इजाफा
श्रम मंत्रालय ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि भारत में पिछले कुछ सालों में रोजगार में काफी वृद्धि देखने को मिली है. सरकार का कहना है कि रोजगार में लगभग 36% की वृद्धि हुई है, 2016-17 और 2022-23 के दौरान लगभग 170 मिलियन यानी 17 करोड़ नौकरियां पैदा हुई हैं. भारत की इकोनॉमिक ट्राजेक्टोरी (Economic trajectory) प्रमुख क्षेत्रों में लगातार पैदा हो रहे रोजगारों (job creation) को दर्शाती है.
2022-23 में देश में बेरोजगारी दर गिरकर 3.2% हुई
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एक हालिया रिपोर्ट जिसका शीर्षक है 'Busting the myth of jobless growth: Insights from data, theory, and logic' पिछले कुछ सालों में भारत में रोजगार के ट्रेंड (Employment Trends) के बारे में बताती है.ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) 2017-18 में 6% से गिरकर 2022-23 में 3.2% हो गई है.
मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के KLEMS डेटाबेस से इम्प्लॉयमेंट डेटा, जो एंप्लॉयमेंट एंड अनइंप्लॉयमेंट सर्वे (Employment and Unemployment Survey) और पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) जैसे सर्वे पर निर्भर करता है, उसके मुताबिक 1980 के दशक के बाद से रोजगार में लगातार वृद्धि का संकेत मिला है.
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