बजट में इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है. न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट 25000 तक बढ़ा दिया गया है. जिसके बाद अब न्यू टैक्स रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन या 80C का दायरा बढ़कर 75000 हो गया है. वहीं, न्यू टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है. इसके तहत अगर आपकी कमाई सालाना 3 लाख रुपये से कम है तो आपको टैक्स नहीं देना होगा.यहां आप न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स नए टैक्स स्लैब देख सकते हैं.
2023-24 वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स फाइल (Income Tax Filing 2024) करने की डेडलाइन 31 जुलाई है. टैक्सपेयर्स (Taxpayers) के बीच ओल्ड टैक्स रिजीम और या न्यू टैक्स रिजीम (Old or New Tax Regimes) को लेकर काफी कन्फ्यूजन है. इसको लेकर हर सैलरीड क्लास के मन में कई तरह के सवाल हैं. जिसके बारे में हम यहां बात करने जा रहे हैं. सबसे पहले ये बता दें कि वर्तमान आयकर कानून के तहत टैक्सपेयर्स को सैलरी पर टैक्स कटौती के लिए ओल्ड (Old Tax Regimes) या न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regimes) में से किसी एक को चुनने की अनुमति दी जा रही है. यह ऑप्शन पूरे वित्त वर्ष के लिए लागू होता है.
1 अप्रैल 2023 से, यदि किसी इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स ने ओल्ड टैक्स रिजीम को नहीं चुना है, तो उनका एम्पलॉयर न्यू टैक्स रिजीम के आधार पर उनकी सैलरी से टैक्स की कटौती करेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि वित्त वर्ष 2023-24 से न्यू टैक्स रिजीम डिफ़ॉल्ट ऑप्शन के तहत लागू कर दिया गया है. वहीं, 2024 के अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) में इनकम टैक्स नियमों (Income Tax Rules) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसलिए चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भी न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट ऑप्शन बना रहेगा.
किन टैक्सपेयर्स के लिए न्यू टैक्स रिजीम डिफ़ॉल्ट लागू होगी?
आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार, सैलरी पर टैक्स कटौती के लिए न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime)का डिफ़ॉल्ट ऑप्शन इन सबके लिए लागू होगी:
- इंडिविजुअल्स (Individuals)
- हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) (सहकारी समिति को छोड़कर)
- बीओआई(BOI)
- कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति (Artificial Juridical Person)
क्या ITR फाइल करते समय टैक्स रिजीम स्विच करना संभव?
आईटीआर फाइल करते समय ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम (Old or New Regime) में स्विच करना संभव है. आप अपना आयकर रिटर्न (ITR Filing) दाखिल करते समय यह ऑप्शन चुन कर सकते हैं. आपको ओल्ड या न्यू टैक्स रिजीम के लिए एक चेकबॉक्स चुनना होगा और फॉर्म 10IE में इसका विवरण देना होगा.
ITR दाखिल करने से पहले कर लें लायबलिटी की तुलना
हालांकि, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल (ITR Filing 2024) करने से पहले न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्स लायबलिटी की तुलना जरूर कर लें. टैक्स लायबलिटी कैलकुलेशन के लिए Income Tax Calculator लिंक पर क्लिक करें.
Income tax regime कितनी बार स्विच कर सकते हैं?
आप हर साल न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकते हैं. लेकिन ये ध्यान रखना जरूरी है कि यह सुविधा सिर्फ सैलरीड क्लास के लिए है, जिनकी कोई बिजनेस की आमदनी नहीं है. अगर आपका बिजनेस है तो आप दोनों रिजीम के बीच स्विचिंग नहीं कर सकते है.
अगर आप अपना ITR दाखिल करते समय ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहते हैं तो निर्धारिट डेडलाइन पर या उससे पहले ITR दाखिल कर लें. इसमें देरी करने पर टैक्स कैलकुलेशन न्यू टैक्स रिजीम के हिसाब से की जाएगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं