
हर कोई चाहता है कि उसका सपनों का घर हो, जहां वह आराम से अपने परिवार के साथ अपनी जिंदगी हँसी-खुशी बिता सके.लेकिन आज के दौर में जब प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं, तो ये सपना हकीकत से दूर होता जा रहा है.किराए के मकान में हर महीने जेब पर बोझ भी पड़ता है और मन में एक अधूरापन भी बना रहता है. लेकिन जब बात आती है खुद का घर खरीदने की, तो सबसे बड़ी टेंशन होती है बजट की. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मिडल क्लास या नौकरीपेशा लोग भी अपना घर खरीद सकते हैं? इसके साथ ही लोगों के मन में ये भी सवाल हैं कि आखिर कौन सा ऐसा शहर है, जहां घर खरीदना मिडल क्लास लोगों के लिए भी मुमकिन हो?
अगर आप भी रेंट की टेंशन से निकलकर अपने खुद के घर में रहना चाहते हैं, तो आज की ये खबर आपके बहुत काम की है. हम आपको बताने जा रहे हैं देश के ऐसे शहरों के बारे में जो न सिर्फ सस्ते हैं, बल्कि यहां घर खरीदना आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ेगा. आइए जानते हैं भारत के कुछ ऐसे शहरों के बारे में, जो घर खरीदने के लिए सबसे ज्यादा बजट-फ्रेंडली माने जाते हैं.
घर खरीदने के लिए सबसे किफायती शहर कौन से हैं?
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले लगभग 6 महीनों में RBI की ओर से रेपो दर में कटौती के मद्देनजर, इस साल की 6 महीने में देश के आठ प्रमुख शहरों में घर खरीदना काफी किफायती रहा है. नाइट फ्रैंक इंडिया की लेटेस्ट्स अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स (वर्ष 2025 की पहले 6 महीने, H1 2025) के अनुसार, अधिकांश प्रमुख शहरों में हाउसिंग अफोर्डेबिलिटी में सुधार हुआ है, जिसमें अहमदाबाद, पुणे और कोलकाता सबसे किफायती बाजार के रूप में उभरे हैं.
अहमदाबाद 2025 की पहली छमाही में सबसे किफायती
अहमदाबाद टॉप आठ शहरों में सबसे किफायती हाउसिंग मार्केट है, जिसका अनुपात 18% है, इसके बाद पुणे 22% और कोलकाता 23% पर है. बता दें, बाजार के इंडेक्स ने इतिहास में पहली बार 50% का आंकड़ा पार किया है.
मुंबई में घर खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं
नाइट फ्रैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में घर खरीदना अभी भी अधिकांश लोगों की पहुंच से बाहर है, जबकि शहर पिछले 15 वर्षों में सबसे अधिक किफायती स्तर पर पहुंच गया है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि औसतन, मुंबई में एक परिवार अब अपनी इनकम का 48% मंथली होम लोन EMI पर खर्च करता है. यह पिछले साल के 50% से थोड़ा सुधार है, लेकिन फिर भी अन्य प्रमुख भारतीय शहरों की तुलना में बहुत अधिक है.
क्या है राजधानी दिल्ली का हाल?
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में लोग अपनी आय का 30% से कुछ कम EMI पर खर्च करते हैं, जबकि अहमदाबाद में यह केवल 18% है. नाइट फ्रैंक के 2025 की पहले 6 महीने के लिए Affordability Index के अनुसार, यह मुंबई को भारत के टॉप आठ शहरों में सबसे महंगा आवास बाजार बनाता है.
आपको बता दें कि हाउसिंग अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में यह सुधार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फरवरी 2025 से रेपो रेट में 100 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती के बाद हुआ है, जिससे EMI कम हो गई है और घर खरीदारों पर बोझ भी कम हो गया है.
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