
क्या आपने आज बैंक ऐप खोला? बिल पे किया? सोशल मीडिया चलाया या ईमेल पढ़ा? शायद आपने स्टोर पर पेमेंट भी मोबाइल से किया होगा. अब सोचिए, जब आपकी जिंदगी का इतना हिस्सा ऑनलाइन हो गया है, तो ऑनलाइन खतरे भी उतने ही बढ़ गए हैं. यही वजह है कि आज के वक्त में डिजिटल हाइजीन या डिजिटल सैनिटाइजेशन आपकी फाइनेंशियल सेफ्टी के लिए उतनी ही जरूरी है जितनी समय-समय पर हाथ धोना.
ऑस्ट्रेलिया की साइबर सिक्योरिटी रिपोर्ट के मुताबिक 2023-24 में 87,000 से ज्यादा साइबर क्राइम केस सामने आए. यानी हर 6 मिनट में एक ठगी. और 2024 में अब तक ऑस्ट्रेलिया के लोगों को लगभग 319 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है. इस बढ़ते खतरे का सबसे बड़ा कारण है ऑनलाइन यूजर्स की लापरवाही..
डिजिटल सैनिटाइजेशन क्या है?
डिजिटल सैनिटाइजेशन का मतलब होता है आपके मोबाइल या कंप्यूटर को ऐसे तरीके से इस्तेमाल करना कि कोई हैकर या धोखेबाज आपके डेटा या पैसों तक न पहुंच सके. जैसे रोजाना नहाना आपको बीमारियों से बचाता है, वैसे ही ये छोटी-छोटी डिजिटल आदतें आपको ऑनलाइन ठगी से बचा सकती हैं.
ऑनलाइन धोखाधड़ी से कैसे बचें ?
साइबर फ्रॉड से बचना कोई रॉकेट साइंस नहीं है. आपको बस 5 आसान आदतें अपनानी हैं –
- सोच-समझकर लिंक खोलना
- मजबूत पासवर्ड बनाना
- टू-स्टेप वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करना
- मोबाइल और ऐप्स को अपडेट रखना
- किसी को भी जानकारी शेयर करने से पहले दो बार सोचना.
खुद को ही नहीं, दूसरों को भी बचाएं
ऑनलाइन सेफ्टी सिर्फ आपकी नहीं, सभी की जिम्मेदारी है. आप जिस ग्रुप में मैसेज करते हैं, जहां ईमेल भेजते हैं या सोशल मीडिया पर कनेक्टेड रहते हैं, आपकी एक लापरवाही बाकी लोगों को भी खतरे में डाल सकती है.इसलिए दोस्तों और परिवार से बात करें, उन्हें बताएं कि कैसे किसी गलत लिंक पर क्लिक करने से बड़ा नुकसान हो सकता है. जितनी बात होगी, उतनी जागरूकता बढ़ेगी.
अगर हो जाए ठगी तो क्या करें?
अगर आपको लगता है कि आप हैक हो गए हैं, तो तुरंत अपने सभी पासवर्ड बदलें. अपने मोबाइल या कंप्यूटर में वायरस स्कैन करें और जरूरत हो तो एक्सपर्ट से मदद लें.
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