दिल्ली में प्रदूषण ने लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया है. साफ हवा तो मिलने से रही, ऐसे में लोगों के पास एयर प्यूरीफायर ही विकल्प है. प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए तमाम सरकारी प्रयास चल रहे हैं, वहीं लोगों को अब प्रदूषण का सामाधान एयर प्यूरीफायर में दिख रहा है. न केवल अपर क्लास, बल्कि अब मिडिल क्लास फैमिली भी एयर प्यूरीफायर खरीद रही है. यही वजह है कि दिल्ली में एयर प्यूरीफायर की बिक्री 5 गुना बढ़ गई है. इस बीच दिल्ली संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने एयर प्यूरीफायर पर GST कम करने की मांग की है.
एयर प्यूरीफायर ज्यादा बिक रहे
दिल्ली NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो रही हैं इसलिए लोग बड़ी संख्या में घरों और ऑफिस में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर रहे हैं. दिल्ली में पहले इलेक्ट्रॉनिक की एक दुकान पर दिनभर में 4-5 प्यूरीफायर बिकते थे आज 20 एयर प्यूरीफायर बिक रहे हैं.
अभी लग रहा 18% GST, घटा कर 5% करने की मांग
दिल्ली संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि अक्टूबर के बाद जैसे ही दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा है, एयर प्यूरीफायर की डिमांड 5 गुना बढ़ गई है. CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और महासचिव गुरमीत अरोड़ा ने बताया कि एयर प्यूरीफायर और HEPA फिल्टर (हाई ऐफिसिएंशी पर्टिक्युलेट एयर) पर अभी 18% GST लग रहा है जो कि काफी ज्यादा है. इसे कम कर 5% के दायरे में लाने की मांग की जा रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
संगठन का कहना है कि एक तरफ जहां सरकार प्रदूषण की समस्या से निजात नहीं दिला पा रही है वहीं दूसरी तरफ एयर प्यूरीफायर और HEPA फिल्टर पर GST की दरें काफी ज्यादा हैं, जिससे कि आम लोगों को एयर प्यूरीफायर काफी महंगा पड़ रहा है. बृजेश गोयल ने बताया कि CTI ने इस मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर एयर प्यूरीफायर और HEPA फिल्टर पर GST की दरें 18% से घटाकर 5% करने की मांग की है.
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