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This Article is From May 26, 2023

वर्ष 2047 तक सबको बीमा के लिए त्रिआयामी नजरिया : देवाशीष पांडा

देश की आजादी के वर्ष 2047 में सौ साल पूरा होने तक बीमा उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं.

वर्ष 2047 तक सबको बीमा के लिए त्रिआयामी नजरिया : देवाशीष पांडा
इरडा प्रमुख देबाशीष पांडा.
नई दिल्ली:

बीमा विनियामक इरडा के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने कहा कि वर्ष 2047 तक देश के हरेक नागरिक को बीमा के दायरे में लाने के लिए नियामक त्रिआयामी दृष्टिकोण लेकर चल रहा है. देश की आजादी के वर्ष 2047 में सौ साल पूरा होने तक बीमा उत्पादों की पहुंच बढ़ाने के लिए भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं.

पांडा ने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा कि इरडा अब नियम-आधारित दृष्टिकोण की जगह सिद्धांत-आधारित दृष्टिकोण को अपना रहा है. वर्ष 2047 तक सबको बीमा सुविधा देने के लिए नियामक ने उपलब्धता, पहुंच एवं किफायत के त्रिआयामी परिप्रेक्ष्य को लेकर चल रहा है.

उन्होंने कहा, 'हम बीमा क्षेत्र के लिए यूपीआई की तरह की स्थिति पैदा करने के लिए जीवन एवं साधारण बीमा दोनों क्षेत्रों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इस बारे में एक अवधारणात्मक प्रारूप भी बनाया गया है.'

पांडा ने कहा कि देश में बीमा का बहुत बड़ा बाजार मौजूद है लेकिन उसके अनुरूप अभी पहुंच नहीं स्थापित हो पाई है. इसे सुगम बनाने के लिए इरडा ने 70 से अधिक नियमों को निरस्त कर दिया है जबकि 1,000 से अधिक परिपत्रों को वापस ले लिया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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