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Supreme Court On Sabarimala Temple

'Supreme Court On Sabarimala Temple' - 10 News Result(s)
  • सबरीमाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, 5 जजों की बेंच द्वारा भेजे गए रिफरेंस पर ही करेंगे सुनवाई

    सबरीमाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, 5 जजों की बेंच द्वारा भेजे गए रिफरेंस पर ही करेंगे सुनवाई

    CJI ने यह भी कहा कि जब रिफरेंस पर फैसला दे देंगे उसके बाद सबरीमला मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेंगे. सबरीमाला समेत दूसरे धर्मों में महिलाओं के मामले में वकील राजीव धवन ने व्यक्तिगत तौर पर बहस करने की इजाजत कोर्ट से  मांगी थी. जिस पर बेंच ने साफ कहा कि इस मामले में बहस करने के लिए एक समय सीमा तय की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि हम नही चाहते कि दलीलों की पुनरावृत्ति हो.

  • सबरीमाला मंदिर दर्शन करने पहुंची महिलाएं, प्रदर्शन कर रहे हैं श्रद्धालु

    सबरीमाला मंदिर दर्शन करने पहुंची महिलाएं, प्रदर्शन कर रहे हैं श्रद्धालु

    पिछले दिनों केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद आज सुबह कई महिलाएं (जिनकी उम्र 50 साल से कम) मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचीं.जिस महिला ने इस अभियान में मदुरई से पैदल यात्रा शुरू की थी, वह पुलिस से बचते हुए सुबह 4 बजे पांबा पहुंची.

  • अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल बोले- सुप्रीम कोर्ट की एक ही पीठ का दो अलग-अलग बातें करना खतरनाक

    अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल बोले- सुप्रीम कोर्ट की एक ही पीठ का दो अलग-अलग बातें करना खतरनाक

    दूसरे ‘जे दादाचनजी’ स्मारक संवाद में लोगों को संबोधित करते हुए वेणुगोपाल ने सबरीमला मामले में न्यायाधीश इंदू मल्होत्रा के बहुमत से अलग फैसले को ‘सूझ-बूझ’ से भरा बताकर इसकी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘मैं यह सब इस डर के कारण कह रहा हूं कि संवैधानिक नैतिकता की इस नई संकल्पना का अब कानूनों को जांचने के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा सकता है.’ तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने 28 सितंबर को 4:1 के बहुमत से केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ किया था.

  • सबरीमला - परंपरा बनाम अधिकार

    सबरीमला - परंपरा बनाम अधिकार

    केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति देने के अपने फैसले पर दायर पुनरीक्षण याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है. यह सुनवाई बाईस जनवरी को खुली अदालत में होगी. सभी 49 पुनरीक्षण याचिकाओं को मंजूर कर लिया गया है.

  • Sabarimala Temple Case: IIT से पढ़े इंजीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का केस, मगर जिता न सके

    Sabarimala Temple Case: IIT से पढ़े इंजीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का केस, मगर जिता न सके

    सबरीमाला मंदिर केस में मंदिर प्रबंधन की तरफ से ऐसे वकील ने वकालत की, जो कि वकील बनने से पहले इंजीनियर बने. बात हो रही है वकील जे साई दीपक ( Sai Deepak J) की.

  • Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा 

    Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा 

    केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं की रोक पर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई है. 

  • जानिए, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बहुमत से अलग क्यों रहा जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला

    जानिए, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बहुमत से अलग क्यों रहा जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला

    केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक से बैन हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिये. साथ ही बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है. बता दें कि अब तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की इस मामले में अलग राय थी. 

  • Sabarimala Verdict: जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- महिलाओं को भगवान की कमतर रचना मानना संविधान से आंख मिचौली, 10 बातें

    Sabarimala Verdict: जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- महिलाओं को भगवान की कमतर रचना मानना संविधान से आंख मिचौली, 10 बातें

    केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में अब सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म एक है गरिमा और पहचान है. अयप्पा कुछ अलग नहीं हैं. जो नियम जैविक और शारीरिक प्रक्रिया पर बने हैं वो संवैधानिक टेस्ट पर पास नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अलग राय थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए.

  • Sabarimala Temple Case:  अब सभी महिलाओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर से बैन हटाया

    Sabarimala Temple Case: अब सभी महिलाओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर से बैन हटाया

    केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये.  फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने यह कहते हुए कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह असंभव है.

  • क्या सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को मिलेगी एंट्री? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आज, 10 बातें

    क्या सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को मिलेगी एंट्री? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आज, 10 बातें

    केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाएगी. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाना है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

'Supreme Court On Sabarimala Temple' - 10 News Result(s)
  • सबरीमाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, 5 जजों की बेंच द्वारा भेजे गए रिफरेंस पर ही करेंगे सुनवाई

    सबरीमाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, 5 जजों की बेंच द्वारा भेजे गए रिफरेंस पर ही करेंगे सुनवाई

    CJI ने यह भी कहा कि जब रिफरेंस पर फैसला दे देंगे उसके बाद सबरीमला मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेंगे. सबरीमाला समेत दूसरे धर्मों में महिलाओं के मामले में वकील राजीव धवन ने व्यक्तिगत तौर पर बहस करने की इजाजत कोर्ट से  मांगी थी. जिस पर बेंच ने साफ कहा कि इस मामले में बहस करने के लिए एक समय सीमा तय की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि हम नही चाहते कि दलीलों की पुनरावृत्ति हो.

  • सबरीमाला मंदिर दर्शन करने पहुंची महिलाएं, प्रदर्शन कर रहे हैं श्रद्धालु

    सबरीमाला मंदिर दर्शन करने पहुंची महिलाएं, प्रदर्शन कर रहे हैं श्रद्धालु

    पिछले दिनों केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद आज सुबह कई महिलाएं (जिनकी उम्र 50 साल से कम) मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचीं.जिस महिला ने इस अभियान में मदुरई से पैदल यात्रा शुरू की थी, वह पुलिस से बचते हुए सुबह 4 बजे पांबा पहुंची.

  • अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल बोले- सुप्रीम कोर्ट की एक ही पीठ का दो अलग-अलग बातें करना खतरनाक

    अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल बोले- सुप्रीम कोर्ट की एक ही पीठ का दो अलग-अलग बातें करना खतरनाक

    दूसरे ‘जे दादाचनजी’ स्मारक संवाद में लोगों को संबोधित करते हुए वेणुगोपाल ने सबरीमला मामले में न्यायाधीश इंदू मल्होत्रा के बहुमत से अलग फैसले को ‘सूझ-बूझ’ से भरा बताकर इसकी प्रशंसा की. उन्होंने कहा, ‘मैं यह सब इस डर के कारण कह रहा हूं कि संवैधानिक नैतिकता की इस नई संकल्पना का अब कानूनों को जांचने के उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा सकता है.’ तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने 28 सितंबर को 4:1 के बहुमत से केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ किया था.

  • सबरीमला - परंपरा बनाम अधिकार

    सबरीमला - परंपरा बनाम अधिकार

    केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति देने के अपने फैसले पर दायर पुनरीक्षण याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है. यह सुनवाई बाईस जनवरी को खुली अदालत में होगी. सभी 49 पुनरीक्षण याचिकाओं को मंजूर कर लिया गया है.

  • Sabarimala Temple Case: IIT से पढ़े इंजीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का केस, मगर जिता न सके

    Sabarimala Temple Case: IIT से पढ़े इंजीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का केस, मगर जिता न सके

    सबरीमाला मंदिर केस में मंदिर प्रबंधन की तरफ से ऐसे वकील ने वकालत की, जो कि वकील बनने से पहले इंजीनियर बने. बात हो रही है वकील जे साई दीपक ( Sai Deepak J) की.

  • Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा 

    Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा 

    केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं की रोक पर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई है. 

  • जानिए, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बहुमत से अलग क्यों रहा जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला

    जानिए, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बहुमत से अलग क्यों रहा जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला

    केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक से बैन हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिये. साथ ही बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है. बता दें कि अब तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की इस मामले में अलग राय थी. 

  • Sabarimala Verdict: जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- महिलाओं को भगवान की कमतर रचना मानना संविधान से आंख मिचौली, 10 बातें

    Sabarimala Verdict: जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- महिलाओं को भगवान की कमतर रचना मानना संविधान से आंख मिचौली, 10 बातें

    केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में अब सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म एक है गरिमा और पहचान है. अयप्पा कुछ अलग नहीं हैं. जो नियम जैविक और शारीरिक प्रक्रिया पर बने हैं वो संवैधानिक टेस्ट पर पास नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अलग राय थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए.

  • Sabarimala Temple Case:  अब सभी महिलाओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर से बैन हटाया

    Sabarimala Temple Case: अब सभी महिलाओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर से बैन हटाया

    केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये.  फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने यह कहते हुए कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह असंभव है.

  • क्या सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को मिलेगी एंट्री? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आज, 10 बातें

    क्या सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को मिलेगी एंट्री? सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आज, 10 बातें

    केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाएगी. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाना है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.