Supreme Court On Jammu Kashmir
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पहलगाम जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते... जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट
- Thursday August 14, 2025
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की याचिका पर आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा.
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Exclusive Interview: "इनको 370 हटाने में 70 साल लगे, क्या पता हमें 200 साल लगें वापस लाने में"...फारुख अब्दुल्ला
- Tuesday December 12, 2023
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सर आंखों पर उन्होंने फैसला दिया यह ठीक है. इसी सुप्रीम कोर्ट के जज ने 370 को लेकर फैसला दिया था कि 370 परमानेंट है आगे क्या होगा क्या पता है और कोर्ट में जाएंगे फिर देखेंगे कि क्या फैसला आता है.
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सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर बहस के बाद निलंबित जम्मू-कश्मीर के लेक्चरर बहाल
- Sunday September 3, 2023
जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को निलंबन आदेश को रद्द कर दिया. साथ ही भट को "अपने मूल पोस्टिंग स्थान पर वापस रिपोर्ट करने" के लिए कहा गया है.
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जम्मू-कश्मीर रोशनी जमीन घोटाला : अतिक्रमण हटाने के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार
- Tuesday January 31, 2023
म्मू-कश्मीर राज्य भूमि अधिनियम, 2001 को तत्कालीन फारूक अब्दुल्ला सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं के लिए फंड एकत्रित करने के उद्देश्य से बनाया था. इस कानून को 'रोशनी' नाम दिया गया था.
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'सरकार से अलग राय रखना देशद्रोह नहीं'- फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ दाखिल याचिका SC ने की खारिज
- Wednesday March 3, 2021
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खिलाफ बयान देने पर सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला पर देशद्रोह कार्यवाही करने के आदेश जारी करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी.
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"J&K के लोग पीड़ित" : अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए SC में अर्जी
- Tuesday November 3, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दो मार्च को अपने आदेश में कहा था कि इस मामले पर सुनवाई पांच जजों की बेंच ही करेगी. सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने मामले को सात जजों की बेंच के समक्ष भेजने की मांग को खारिज कर दिया था.
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जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल
- Wednesday April 29, 2020
जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट पर रोक के मामले में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि इंटरनेट इस्तेमाल करना मौलिक अधिकार नहीं है और इंटरनेट के जरिए व्यापार और पेशे को प्रतिबंधित किया जा सकता है. केंद्र सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जम्मू-कश्मीर सरकार के 26 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर जवाब देते हुए कहा गया है इंटरनेट का अधिकार एक मौलिक अधिकार नहीं है. साथ ही बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और इंटरनेट के माध्यम से किसी भी व्यापार और पेशे को चलाने की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा सकता है.
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J&K पर फैसले के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद बोले- इस बार किसी दबाव में नहीं आया SC, कोर्ट ने दिल की बात कही
- Friday January 10, 2020
उच्च्तम न्यायालय ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश में प्रतिबंध लगाने के सभी आदेशों की एक हफ्ते में समीक्षा करने का आदेश दिया.
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SC ने J&K में लगी पाबंदियों की समीक्षा का दिया आदेश, कांग्रेस बोली- मोदी सरकार को 2020 का पहला बड़ा झटका
- Friday January 10, 2020
इस फैसले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फैसले के बाद पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट के महत्व को मौलिक अधिकार बताते हुए मोदी सरकार की अवैध गतिविधियों को साल 2020 का पहला बड़ा झटका दिया है. उन्होंने कहा कि यह मोदी और शाह के लिए दोहरे झटके की तरह है,
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अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में जारी पाबंदियों पर सुप्रीम कोर्ट की 7 खरी-खरी बातें
- Friday January 10, 2020
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. लेकिन पांच महीने के बाद भी राज्य में इंटरनेट सेवा बहाल नहीं की जा सकी. हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि धारा-144 कई जगहों से हटा दिया गया है और सिर्फ कुछ ही जगहों पर यह प्रतिबंध जारी है. इन्हीं पाबंदियों के खिलाफ दी गई याचिकाओं पर आज जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई का संयुक्त बेंच ने सुनवाई की है. आपको बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर उसे दो केंद शासित राज्यों में बांट दिया गया था जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तब से घाटी में इंटरनेट बंद है, सिर्फ़ ब्रॉडबैंड से ही संपर्क कायम है. सरकार ने लैंडलाइन फ़ोन और पोस्टपेड मोबाइल सेवा भी हाल में ही शुरू की है.
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जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों की एक हफ्ते के अंदर समीक्षा हो, जहां जरूरत वहां इंटरनेट शुरू किया जाए : सुप्रीम कोर्ट
- Friday January 10, 2020
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद इंटरनेट बैन और लॉक डाउन के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज (शुक्रवार) फैसला सुनाया. जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की संयुक्त बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया. जस्टिस रमना ने फैसला पढ़ते हुए कश्मीर की खूबसूरती का जिक्र किया.
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कश्मीर में किशोर न्याय समिति नाबालिगों को हिरासत में लेने के आरोपों की फिर से करे जांच: सुप्रीम कोर्ट
- Tuesday November 5, 2019
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और जम्मू कश्मीर प्रशासन के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि समिति को सौंपा गया काम समयाभाव की वजह से शीर्ष अदालत के आदेश की भावना के अनुरूप नहीं किया गया. पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत का 20 सितंबर का आदेश समिति के पास 23 सितंबर को पहुंचा था और दो दिन बाद जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक ने मीडिया और याचिका में इस बारे में किये गये दावों और आरोपों का 25 सितंबर को सिरे से खंडन किया. समिति की रिपोर्ट में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के निष्कर्ष भी शामिल थे जिसमे कश्मीर मे गैरकानूनी तरीके से किशोरों को हिरासत में रखने के आरोपों से इंकार किया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 370 पर दायर याचिकाओं पर शुक्रवार को करेगा सुनवाई
- Thursday August 15, 2019
- Bhasha
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एस ए नजीर की विशेष पीठ, अधिवक्ता एम एल शर्मा और कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. अधिवक्ता ने जहां अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती दी है वहीं पत्रकार ने अपनी याचिका में पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट एवं लैंडलाइन सेवाओं समेत संचार के सभी माध्यमों को बहाल करने के निर्देश देने की मांग की है
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पहलगाम जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते... जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट
- Thursday August 14, 2025
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की याचिका पर आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा.
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Exclusive Interview: "इनको 370 हटाने में 70 साल लगे, क्या पता हमें 200 साल लगें वापस लाने में"...फारुख अब्दुल्ला
- Tuesday December 12, 2023
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सर आंखों पर उन्होंने फैसला दिया यह ठीक है. इसी सुप्रीम कोर्ट के जज ने 370 को लेकर फैसला दिया था कि 370 परमानेंट है आगे क्या होगा क्या पता है और कोर्ट में जाएंगे फिर देखेंगे कि क्या फैसला आता है.
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सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर बहस के बाद निलंबित जम्मू-कश्मीर के लेक्चरर बहाल
- Sunday September 3, 2023
जम्मू-कश्मीर सरकार ने रविवार को निलंबन आदेश को रद्द कर दिया. साथ ही भट को "अपने मूल पोस्टिंग स्थान पर वापस रिपोर्ट करने" के लिए कहा गया है.
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जम्मू-कश्मीर रोशनी जमीन घोटाला : अतिक्रमण हटाने के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार
- Tuesday January 31, 2023
म्मू-कश्मीर राज्य भूमि अधिनियम, 2001 को तत्कालीन फारूक अब्दुल्ला सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं के लिए फंड एकत्रित करने के उद्देश्य से बनाया था. इस कानून को 'रोशनी' नाम दिया गया था.
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'सरकार से अलग राय रखना देशद्रोह नहीं'- फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ दाखिल याचिका SC ने की खारिज
- Wednesday March 3, 2021
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खिलाफ बयान देने पर सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला पर देशद्रोह कार्यवाही करने के आदेश जारी करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी.
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"J&K के लोग पीड़ित" : अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए SC में अर्जी
- Tuesday November 3, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दो मार्च को अपने आदेश में कहा था कि इस मामले पर सुनवाई पांच जजों की बेंच ही करेगी. सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने मामले को सात जजों की बेंच के समक्ष भेजने की मांग को खारिज कर दिया था.
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जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल
- Wednesday April 29, 2020
जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट पर रोक के मामले में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि इंटरनेट इस्तेमाल करना मौलिक अधिकार नहीं है और इंटरनेट के जरिए व्यापार और पेशे को प्रतिबंधित किया जा सकता है. केंद्र सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जम्मू-कश्मीर सरकार के 26 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर जवाब देते हुए कहा गया है इंटरनेट का अधिकार एक मौलिक अधिकार नहीं है. साथ ही बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और इंटरनेट के माध्यम से किसी भी व्यापार और पेशे को चलाने की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा सकता है.
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J&K पर फैसले के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद बोले- इस बार किसी दबाव में नहीं आया SC, कोर्ट ने दिल की बात कही
- Friday January 10, 2020
उच्च्तम न्यायालय ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश में प्रतिबंध लगाने के सभी आदेशों की एक हफ्ते में समीक्षा करने का आदेश दिया.
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SC ने J&K में लगी पाबंदियों की समीक्षा का दिया आदेश, कांग्रेस बोली- मोदी सरकार को 2020 का पहला बड़ा झटका
- Friday January 10, 2020
इस फैसले पर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फैसले के बाद पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट के महत्व को मौलिक अधिकार बताते हुए मोदी सरकार की अवैध गतिविधियों को साल 2020 का पहला बड़ा झटका दिया है. उन्होंने कहा कि यह मोदी और शाह के लिए दोहरे झटके की तरह है,
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अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में जारी पाबंदियों पर सुप्रीम कोर्ट की 7 खरी-खरी बातें
- Friday January 10, 2020
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. लेकिन पांच महीने के बाद भी राज्य में इंटरनेट सेवा बहाल नहीं की जा सकी. हालांकि केंद्र सरकार का दावा है कि धारा-144 कई जगहों से हटा दिया गया है और सिर्फ कुछ ही जगहों पर यह प्रतिबंध जारी है. इन्हीं पाबंदियों के खिलाफ दी गई याचिकाओं पर आज जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई का संयुक्त बेंच ने सुनवाई की है. आपको बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर उसे दो केंद शासित राज्यों में बांट दिया गया था जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तब से घाटी में इंटरनेट बंद है, सिर्फ़ ब्रॉडबैंड से ही संपर्क कायम है. सरकार ने लैंडलाइन फ़ोन और पोस्टपेड मोबाइल सेवा भी हाल में ही शुरू की है.
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जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों की एक हफ्ते के अंदर समीक्षा हो, जहां जरूरत वहां इंटरनेट शुरू किया जाए : सुप्रीम कोर्ट
- Friday January 10, 2020
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद इंटरनेट बैन और लॉक डाउन के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज (शुक्रवार) फैसला सुनाया. जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की संयुक्त बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया. जस्टिस रमना ने फैसला पढ़ते हुए कश्मीर की खूबसूरती का जिक्र किया.
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कश्मीर में किशोर न्याय समिति नाबालिगों को हिरासत में लेने के आरोपों की फिर से करे जांच: सुप्रीम कोर्ट
- Tuesday November 5, 2019
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और जम्मू कश्मीर प्रशासन के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि समिति को सौंपा गया काम समयाभाव की वजह से शीर्ष अदालत के आदेश की भावना के अनुरूप नहीं किया गया. पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत का 20 सितंबर का आदेश समिति के पास 23 सितंबर को पहुंचा था और दो दिन बाद जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक ने मीडिया और याचिका में इस बारे में किये गये दावों और आरोपों का 25 सितंबर को सिरे से खंडन किया. समिति की रिपोर्ट में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के निष्कर्ष भी शामिल थे जिसमे कश्मीर मे गैरकानूनी तरीके से किशोरों को हिरासत में रखने के आरोपों से इंकार किया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 370 पर दायर याचिकाओं पर शुक्रवार को करेगा सुनवाई
- Thursday August 15, 2019
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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एस ए नजीर की विशेष पीठ, अधिवक्ता एम एल शर्मा और कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. अधिवक्ता ने जहां अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती दी है वहीं पत्रकार ने अपनी याचिका में पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट एवं लैंडलाइन सेवाओं समेत संचार के सभी माध्यमों को बहाल करने के निर्देश देने की मांग की है
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