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Rbi Vs Modi Govt

'Rbi Vs Modi Govt' - 8 News Result(s)
  • राहुल का हमला, प्रधानमंत्री को आर्थिक अव्यवस्था ठीक करने के लिए RBI से चाहिए इतने रुपये...

    राहुल का हमला, प्रधानमंत्री को आर्थिक अव्यवस्था ठीक करने के लिए RBI से चाहिए इतने रुपये...

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री को अपने विलक्षण आर्थिक सिद्धांतों के कारण फैली अव्यवस्था' को ठीक करने के लिए अब रिजर्व बैंक से 3.60 लाख करोड़ रुपये की बड़ी राशि की जरूरत पड़ गई है. एक अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार रिजर्व बैंक से 3.60 लाख करोड़ रुपये की मांग कर रही है.

  • बड़े डिफॉल्टरों पर आरबीआई इतना मेहरबान क्यों?

    बड़े डिफॉल्टरों पर आरबीआई इतना मेहरबान क्यों?

    भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को उन लोगों के नाम बताने में क्या परेशानी है जिन्होंने 50 करोड़ से लेकर 1 लाख करोड़ तक के लोन नहीं चुकाए हैं. भारतीय रिज़र्व बैंक कौन होता है उनकी इज्ज़त या साख की चिन्ता करने वाला वो भी जो बैंक का लोन नहीं चुका रहे हैं.

  • क्या सरकार की नज़र भारतीय रिज़र्व बैंक के रिज़र्व पर है?

    क्या सरकार की नज़र भारतीय रिज़र्व बैंक के रिज़र्व पर है?

    भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने 2010 में अर्जेंटीना के वित्त संकट का हवाला क्यों दिया कि केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच जब विवाद हुआ तो केंद्रीय बैंक के गवर्नर से इस्तीफा दे दिया और फिर वहां आर्थिक तबाही मच गई. एक समझदार सरकार अपने तात्कालिक सियासी फायदे के लिए एक ऐसी संस्था को कमतर नहीं करेगी जो देश के दूरगामी हितों की रक्षा करती है.

  • भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता में दखल क्यों?

    भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता में दखल क्यों?

    जब स्वदेशी जागरण मंच भारतीय रिजर्व बैंक को सलाह देने लगे कि उसे क्या करना है तो इसका मतलब यही है कि भारत में ईज ऑफ डूइंग वाकई अच्छा हो गया है. नोटबंदी के समय नोटों की गिनती में जो लंबा वक्त लगा, रिज़र्व बैंक ने सामान्य रिपोर्ट में नोटबंदी पर दो चार लाइन लिख दी, तब किसी को नहीं लगा कि उर्जित पटेल को इस्तीफा दे देना चाहिए. बल्कि तब रिजर्व बैंक को भी नहीं लगा कि सरकार हस्तक्षेप कर रही है. उसकी स्वायत्तता पर हमला हो रहा है. सबको उर्जित पटेल अर्जित पटेल लग रहे थे. अब उर्जित पटेल का इस्तीफा भी मांगा जा रहा है और उनके भी इस्तीफा देने की ख़बर आ रही है. 

  • ठीकरा फुड़वाने के लिए रिजर्व बैंक अपना सिर तैयार रखे...

    ठीकरा फुड़वाने के लिए रिजर्व बैंक अपना सिर तैयार रखे...

    देश की माली हालत को लेकर रहस्य पैदा हो गया है. रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच कुछ चल पड़ने की खबरें हैं. क्या चल रहा है? ये अभी नहीं पता. उजागर न किए जाने का कारण यह है कि आम तौर पर रिजर्व बैंक और सरकार के बीच कुछ भी चलने की बातें तब तक नहीं की जातीं जब तक सरकार कोई फैसला न ले ले. लेकिन हैरत की बात ये है कि सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से रिजर्व बैंक के बारे में एक बयान जारी किया है. कुछ गड़गड़ होने का शक पैदा होने के लिए इतना काफी से ज्यादा है. 

  • संवैधानिक संस्थाओं की साख बची रहने दें जेटली जी 

    संवैधानिक संस्थाओं की साख बची रहने दें जेटली जी 

    यह 2015 का साल था जब वित्त मंत्री अरुण जेटली राज्यसभा की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे थे. उनका कहना था कि जनता की चुनी हुई लोकसभा के पारित विधेयकों पर राज्यसभा को सवाल उठाने का हक़ नहीं है. तब लोकसभा के स्पीकर रहे सोमनाथ चटर्जी ने भी इसकी आलोचना की थी और कांग्रेस सांसद मधुसूदन मिस्त्री ने जेटली के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया था. दिलचस्प यह है कि अरुण जेटली तब यह बात कह रहे थे जब वे ख़ुद लोकसभा चुनाव हारकर राज्यसभा की मार्फ़त संसद में आए और मंत्री बने.

  • सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी?

    सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी?

    क्या सीबीआई के बाद अब सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई के कामकाज में भी दखल की तैयारी कर ली है? क्या आरबीआई की आजादी खतरे में है? ये सवाल इसलिए क्योंकि आरबीआई के कामकाज में दखल के आरोपों के बाद सरकार को अब सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा है. खबरें ये भी है कि सरकार ने इतिहास में पहली बार आरबीआई कानून की धारा सात के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कमजोर बैंकों के लिए नकदी मुहैया कराने, छोटे और मध्यम उद्योग को कर्ज देने और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए नकदी जैसे मुद्दों पर आरबीआई को कहा है.

  • डिप्टी गवर्नर के समर्थन में आए आरबीआई कर्मी, टकराव सार्वजनिक होने पर केंद्र नाराज

    डिप्टी गवर्नर के समर्थन में आए आरबीआई कर्मी, टकराव सार्वजनिक होने पर केंद्र नाराज

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) और केंद्र की मोदी सरकार(Modi Govt) के बीच भी तनातनी की खबरें आने लगीं हैं. ऐसी खबरें डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य (Dr Viral Acharya) के उस बयान के बाद आ रहीं हैं, जिसमें उन्होंने देश के इस केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर आवाज बुलंद की थी.

'Rbi Vs Modi Govt' - 8 News Result(s)
  • राहुल का हमला, प्रधानमंत्री को आर्थिक अव्यवस्था ठीक करने के लिए RBI से चाहिए इतने रुपये...

    राहुल का हमला, प्रधानमंत्री को आर्थिक अव्यवस्था ठीक करने के लिए RBI से चाहिए इतने रुपये...

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री को अपने विलक्षण आर्थिक सिद्धांतों के कारण फैली अव्यवस्था' को ठीक करने के लिए अब रिजर्व बैंक से 3.60 लाख करोड़ रुपये की बड़ी राशि की जरूरत पड़ गई है. एक अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार रिजर्व बैंक से 3.60 लाख करोड़ रुपये की मांग कर रही है.

  • बड़े डिफॉल्टरों पर आरबीआई इतना मेहरबान क्यों?

    बड़े डिफॉल्टरों पर आरबीआई इतना मेहरबान क्यों?

    भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को उन लोगों के नाम बताने में क्या परेशानी है जिन्होंने 50 करोड़ से लेकर 1 लाख करोड़ तक के लोन नहीं चुकाए हैं. भारतीय रिज़र्व बैंक कौन होता है उनकी इज्ज़त या साख की चिन्ता करने वाला वो भी जो बैंक का लोन नहीं चुका रहे हैं.

  • क्या सरकार की नज़र भारतीय रिज़र्व बैंक के रिज़र्व पर है?

    क्या सरकार की नज़र भारतीय रिज़र्व बैंक के रिज़र्व पर है?

    भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने 2010 में अर्जेंटीना के वित्त संकट का हवाला क्यों दिया कि केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच जब विवाद हुआ तो केंद्रीय बैंक के गवर्नर से इस्तीफा दे दिया और फिर वहां आर्थिक तबाही मच गई. एक समझदार सरकार अपने तात्कालिक सियासी फायदे के लिए एक ऐसी संस्था को कमतर नहीं करेगी जो देश के दूरगामी हितों की रक्षा करती है.

  • भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता में दखल क्यों?

    भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता में दखल क्यों?

    जब स्वदेशी जागरण मंच भारतीय रिजर्व बैंक को सलाह देने लगे कि उसे क्या करना है तो इसका मतलब यही है कि भारत में ईज ऑफ डूइंग वाकई अच्छा हो गया है. नोटबंदी के समय नोटों की गिनती में जो लंबा वक्त लगा, रिज़र्व बैंक ने सामान्य रिपोर्ट में नोटबंदी पर दो चार लाइन लिख दी, तब किसी को नहीं लगा कि उर्जित पटेल को इस्तीफा दे देना चाहिए. बल्कि तब रिजर्व बैंक को भी नहीं लगा कि सरकार हस्तक्षेप कर रही है. उसकी स्वायत्तता पर हमला हो रहा है. सबको उर्जित पटेल अर्जित पटेल लग रहे थे. अब उर्जित पटेल का इस्तीफा भी मांगा जा रहा है और उनके भी इस्तीफा देने की ख़बर आ रही है. 

  • ठीकरा फुड़वाने के लिए रिजर्व बैंक अपना सिर तैयार रखे...

    ठीकरा फुड़वाने के लिए रिजर्व बैंक अपना सिर तैयार रखे...

    देश की माली हालत को लेकर रहस्य पैदा हो गया है. रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच कुछ चल पड़ने की खबरें हैं. क्या चल रहा है? ये अभी नहीं पता. उजागर न किए जाने का कारण यह है कि आम तौर पर रिजर्व बैंक और सरकार के बीच कुछ भी चलने की बातें तब तक नहीं की जातीं जब तक सरकार कोई फैसला न ले ले. लेकिन हैरत की बात ये है कि सरकार ने आश्चर्यजनक रूप से रिजर्व बैंक के बारे में एक बयान जारी किया है. कुछ गड़गड़ होने का शक पैदा होने के लिए इतना काफी से ज्यादा है. 

  • संवैधानिक संस्थाओं की साख बची रहने दें जेटली जी 

    संवैधानिक संस्थाओं की साख बची रहने दें जेटली जी 

    यह 2015 का साल था जब वित्त मंत्री अरुण जेटली राज्यसभा की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे थे. उनका कहना था कि जनता की चुनी हुई लोकसभा के पारित विधेयकों पर राज्यसभा को सवाल उठाने का हक़ नहीं है. तब लोकसभा के स्पीकर रहे सोमनाथ चटर्जी ने भी इसकी आलोचना की थी और कांग्रेस सांसद मधुसूदन मिस्त्री ने जेटली के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया था. दिलचस्प यह है कि अरुण जेटली तब यह बात कह रहे थे जब वे ख़ुद लोकसभा चुनाव हारकर राज्यसभा की मार्फ़त संसद में आए और मंत्री बने.

  • सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी?

    सीबीआई के बाद अब आरबीआई की बारी?

    क्या सीबीआई के बाद अब सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई के कामकाज में भी दखल की तैयारी कर ली है? क्या आरबीआई की आजादी खतरे में है? ये सवाल इसलिए क्योंकि आरबीआई के कामकाज में दखल के आरोपों के बाद सरकार को अब सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा है. खबरें ये भी है कि सरकार ने इतिहास में पहली बार आरबीआई कानून की धारा सात के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कमजोर बैंकों के लिए नकदी मुहैया कराने, छोटे और मध्यम उद्योग को कर्ज देने और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए नकदी जैसे मुद्दों पर आरबीआई को कहा है.

  • डिप्टी गवर्नर के समर्थन में आए आरबीआई कर्मी, टकराव सार्वजनिक होने पर केंद्र नाराज

    डिप्टी गवर्नर के समर्थन में आए आरबीआई कर्मी, टकराव सार्वजनिक होने पर केंद्र नाराज

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) और केंद्र की मोदी सरकार(Modi Govt) के बीच भी तनातनी की खबरें आने लगीं हैं. ऐसी खबरें डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य (Dr Viral Acharya) के उस बयान के बाद आ रहीं हैं, जिसमें उन्होंने देश के इस केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर आवाज बुलंद की थी.