अर्थव्यवस्था चुनौतियों से गुज़र रही है मगर उसी पर चर्चा कम है. 11 दिसंबर को जब बीजेपी हार रही थी तब न्यूज़ चैनलों में बैठे एक्सपर्ट हार के कई कारणों में एक कारण नोटबंदी को भी बता रहे थे, लेकिन उसी वक्त नोटबंदी की तारीफ करने वाले और नोटबंदी के समय वित्त मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए शक्ति कांत दास को भारतीय रिज़र्व बैंक का गवर्नर बनाए जाने का एलान हो रहा था. शक्तिकांत दास 2015-17 के दौरान आर्थिक मामलों के सचिव थे और उन्हीं के कार्यकाल में नोटबंदी लागू हुई थी. नवंबर से दिसंबर 2016 के बीच करीब करीब हर दिन शक्ति कांत दास की प्रेस कांफ्रेंस होती थी और वे नोटबंदी के लागू किए जाने को लेकर नए नए नियम बनाते थे. सूचना देते थे. जब जनता नोट बदलने को लेकर समस्याओं से घिरी थी तब वे नया नया आइडिया लेकर आते थे.