Ram Prasad Bismil
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आज ही के दिन राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह ने देश के लिए चूम लिया था मौत का फंदा
- Thursday December 19, 2019
- Reported by: भाषा
भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil), अशफाक उल्ला खान (Ashfaqulla Khan) और ठाकुर रोशन सिंह (Roshan Singh) को 1927 में 19 दिसंबर (19 December) के दिन ही फांसी दी गई थी. इस दिन को शहादत दिवस (Balidan Diwas) के रूप में मनाया जाता है. आजादी के इन मतवालों को काकोरी कांड को अंजाम देने के लिए फांसी पर चढ़ाया गया था.
- ndtv.in
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आज ही के दिन राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को दी गई थी फांसी
- Wednesday December 19, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को आज ही के दिन 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी. आज के इस दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत को आजादी दिलाने के लिए राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह ने अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था. आजादी के इन मतवालों को काकोरी कांड को अंजाम देने के लिए सूली पर चढ़ाया गया था.
- ndtv.in
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यूपी के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी बाबा गोरखनाथ, बाबा गंभीरनाथ और स्वामी प्रणवानंद की जीवनी
- Monday June 18, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
यूपी में छठी, सातवीं और आठवीं क्लास में पढ़ रहे सरकारी स्कूलों के बच्चों को नाथ संप्रदाय के गुरु बाबा गोरखनाथ, बाबा गंभीरनाथ और स्वामी प्रणवानंद सहित महान विभूतियों के बारे में पढ़ने का अवसर मिलेगा.
- ndtv.in
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राम प्रसाद बिस्मिल ने नहीं इन्होंने लिखी थी गजल, 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है...'
- Friday December 22, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
फांसी के फंदे को गले में डालने से पहले भी बिस्मिल ने 'सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है' के कुछ शेर पढ़े. वैसे तो ये शेर पटना के अजीमाबाद के मशहूर शायर बिस्मिल अजीमाबादी की रचना थी. लेकिन इसकी पहचान राम प्रसाद बिस्मिल को लेकर ज्यादा बन गई.
- ndtv.in
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आज ही के दिन राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह ने देश के लिए चूम लिया था मौत का फंदा
- Thursday December 19, 2019
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भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों राम प्रसाद बिस्मिल (Ram Prasad Bismil), अशफाक उल्ला खान (Ashfaqulla Khan) और ठाकुर रोशन सिंह (Roshan Singh) को 1927 में 19 दिसंबर (19 December) के दिन ही फांसी दी गई थी. इस दिन को शहादत दिवस (Balidan Diwas) के रूप में मनाया जाता है. आजादी के इन मतवालों को काकोरी कांड को अंजाम देने के लिए फांसी पर चढ़ाया गया था.
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आज ही के दिन राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को दी गई थी फांसी
- Wednesday December 19, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को आज ही के दिन 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी. आज के इस दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत को आजादी दिलाने के लिए राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह ने अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था. आजादी के इन मतवालों को काकोरी कांड को अंजाम देने के लिए सूली पर चढ़ाया गया था.
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यूपी के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी बाबा गोरखनाथ, बाबा गंभीरनाथ और स्वामी प्रणवानंद की जीवनी
- Monday June 18, 2018
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यूपी में छठी, सातवीं और आठवीं क्लास में पढ़ रहे सरकारी स्कूलों के बच्चों को नाथ संप्रदाय के गुरु बाबा गोरखनाथ, बाबा गंभीरनाथ और स्वामी प्रणवानंद सहित महान विभूतियों के बारे में पढ़ने का अवसर मिलेगा.
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राम प्रसाद बिस्मिल ने नहीं इन्होंने लिखी थी गजल, 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है...'
- Friday December 22, 2017
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फांसी के फंदे को गले में डालने से पहले भी बिस्मिल ने 'सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है' के कुछ शेर पढ़े. वैसे तो ये शेर पटना के अजीमाबाद के मशहूर शायर बिस्मिल अजीमाबादी की रचना थी. लेकिन इसकी पहचान राम प्रसाद बिस्मिल को लेकर ज्यादा बन गई.
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