Manna Dey
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अदालत ने कोलकाता के पत्रकार को मन्ना डे पर आधारित पुस्तक के प्रकाशन से रोका
- Saturday February 18, 2017
- Edited by: Sumit Kumar Rai
बेंगलुरू की एक दीवानी अदालत ने कोलकाता के एक पत्रकार और पांच अन्य प्रतिवादियों को अगली सुनवाई तक दिवंगत गायक मन्ना डे के परिवार के खिलाफ एक 'विवादित' किताब के प्रकाशन से रोक दिया.
- ndtv.in
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यादों के झरोखे से : संगीत के साथ-साथ कुश्ती और मुक्केबाजी के भी दीवाने थे मन्ना डे
- Monday October 24, 2016
- इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस
मन्ना डे के गाए गीतों के दीवाने कई दिग्गज गायक भी थे और हैं. उन्होंने गाया 'सुर ना सजे क्या गाऊं मैं..' लेकिन गाते रहे, सबको लुभाते रहे. फिर गाया 'जीना यहां मरना यहां' पर इस जहां में ठहरे कहां! मन्ना अब इस जहां में नहीं हैं, मगर करोड़ों दिलों में बसे हैं अपनी मखमली आवाज और गाने के अनोखे अंदाज की बदौलत.
- ndtv.in
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मशहूर गायक मन्ना डे नहीं रहे, बेंगलुरु में ली आखिरी सांस
- Thursday October 24, 2013
- From NDTV India
मन्ना डे के गाए कुछ गीतों... ‘‘पूछो न कैसे मैने..’’ (मेरी सूरत तेरी आंखें), ‘‘ऐ मेरी ज़ोहरा ज़बीं..’’ (वक़्त), ‘‘जि़ंदगी कैसी है पहेली..’’ (आनन्द), ‘‘ये दोस्ती..’’ (शोले), ‘‘इक चतुर नार..’’ (पड़ोसन) और ‘‘लागा चुनरी में दाग..’’ (दिल ही तो है) का जादू आज भी उनके चाहने वालों के सर चढ़ कर बोलता है।
- ndtv.in
-
उन्होंने मेरे गीत को अमर बना दिया : मन्ना डे
- Wednesday July 18, 2012
- Bhasha
हिन्दी फिल्मों के पहले महानायक राजेश खन्ना की कालजयी फिल्म ‘आनंद’ के सुपरहिट गीत ‘जिंदगी कैसी है पहेली’ के गायक मन्ना डे ने कहा कि उनका (राजेश खन्ना) जाना फिल्मोद्योग के लिए बहुत बड़ी क्षति है और उनके अभिनय ने उस गीत को अमर बना दिया।
- ndtv.in
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अदालत ने कोलकाता के पत्रकार को मन्ना डे पर आधारित पुस्तक के प्रकाशन से रोका
- Saturday February 18, 2017
- Edited by: Sumit Kumar Rai
बेंगलुरू की एक दीवानी अदालत ने कोलकाता के एक पत्रकार और पांच अन्य प्रतिवादियों को अगली सुनवाई तक दिवंगत गायक मन्ना डे के परिवार के खिलाफ एक 'विवादित' किताब के प्रकाशन से रोक दिया.
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यादों के झरोखे से : संगीत के साथ-साथ कुश्ती और मुक्केबाजी के भी दीवाने थे मन्ना डे
- Monday October 24, 2016
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मन्ना डे के गाए गीतों के दीवाने कई दिग्गज गायक भी थे और हैं. उन्होंने गाया 'सुर ना सजे क्या गाऊं मैं..' लेकिन गाते रहे, सबको लुभाते रहे. फिर गाया 'जीना यहां मरना यहां' पर इस जहां में ठहरे कहां! मन्ना अब इस जहां में नहीं हैं, मगर करोड़ों दिलों में बसे हैं अपनी मखमली आवाज और गाने के अनोखे अंदाज की बदौलत.
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मशहूर गायक मन्ना डे नहीं रहे, बेंगलुरु में ली आखिरी सांस
- Thursday October 24, 2013
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उन्होंने मेरे गीत को अमर बना दिया : मन्ना डे
- Wednesday July 18, 2012
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हिन्दी फिल्मों के पहले महानायक राजेश खन्ना की कालजयी फिल्म ‘आनंद’ के सुपरहिट गीत ‘जिंदगी कैसी है पहेली’ के गायक मन्ना डे ने कहा कि उनका (राजेश खन्ना) जाना फिल्मोद्योग के लिए बहुत बड़ी क्षति है और उनके अभिनय ने उस गीत को अमर बना दिया।
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