Madhya Pradesh Black Fungus
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मध्य प्रदेश सरकार ने माना- कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग मर रहे थे, तब 204 वेंटिलेटर डिब्बों में बंद थे
- Saturday June 12, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 200 से अधिक म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस (Black Fungus) रोगियों को पिछले कुछ दिनों में प्रतिकूल प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है, क्योंकि इस बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा का एक सस्ता विकल्प कथित तौर पर तीन प्रमुख अस्पतालों को दिया गया था. जिससे मरीजों में बुखार, उल्टी और रक्तचाप में उतार-चढ़ाव जैसे लक्षण दिखाई दिए. उधर सरकार ने कहा है कि सस्ते इंजेक्शन में कोई गड़बड़ी नहीं है. एक और मामले में सरकार ने कोर्ट में माना है कि दूसरी लहर के दौरान कई वेंटिलेटर पैक करके ही रखे रहे.
- ndtv.in
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ब्लैक फंगस : 200 लोगों को दिया एम्फोटेरिसिन-बी का इंजेक्शन, 80 मरीज ठंड से कांपने लगे
- Tuesday June 8, 2021
- Reported by: भाषा
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (MYH) के ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) वॉर्ड में भर्ती करीब 40 प्रतिशत मरीज हिमाचल प्रदेश के एक दवा संयंत्र में बना एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लगाए जाने के बाद ठंड से कांपने लगे. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को यह इंजेक्शन लगाने का सिलसिला एहतियात के तौर पर रोक दिया है. गौरतलब है कि एमवायएच, राज्य में ब्लैक फंगस का इलाज करने वाला सबसे व्यस्त अस्पताल है, जहां इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती हैं.
- ndtv.in
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शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में एम्फोटेरिसिन-बी उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी किया
- Saturday June 5, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
प्रदेश के जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति में बताया गया कि मध्यप्रदेश के खाद्य एवं औषधि नियंत्रक ने जबलपुर के उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक निजी क्षेत्र की दवा कंपनी ‘रेवा क्योर लाइफ साइंसेज’ को 22 दिसंबर 2021 तक के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के उत्पादन के लिए यह लाइसेंस जारी किया है.
- ndtv.in
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कोरोना की दूसरी लहर में क्यों तेजी से फैला 'ब्लैक फंगस', जानें एम्स डॉयरेक्टर रणदीप गुलेरिया से
- Saturday May 22, 2021
- Edited by: गुणातीत ओझा
देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच तेजी से बढ़ते ब्लैक फंगस के मामलों से लोग डरे हुए हैं. इस बीमारी को लेकर कई तरह की अफवाह भी फैल रही है. ब्लैक फंगस के इलाज और इसके कारणों को लेकर तरह-तरह की फेक न्यूज भी सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है. ऐसे में इस बीमारी के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. ब्लैक फंगस क्यों होता है? ब्लैक फंगस से किन लोगों को खतरा है? ब्लैक फंगस से बचने के लिए क्या करना चाहिए? कोरोना मरीजों को ब्लैक फंगस का कितना खतरा है? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए एनडीटीवी ने एम्स के डॉयरेक्टर रणदीप गुलेरिया से बात की है.
- ndtv.in
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ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के बाद अब 'ब्लैक फंगस' की दवाई भी बाजार से गायब, भटक रहे हैं लोग
- Monday May 17, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
कोविड 19 की दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीज के परिजनों पर एक और नई विपत्ति ब्लैक फंगसके रूप में सामने आई है. जैसे-तैसे ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का बंदोबस्त करने के बाद ब्लैक फंगस इन्फेक्शन होने पर मरीजों इलाज नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि जिस तरह रेमडेसिविर की बाजार में कमी है उसी तरह से ब्लैक फंगस के मरीजों को एंफोटेरिक या फिर लिपोसोमल एंफोटोरिसिन बी नाम के इंजेक्शन लगाने की सलाह डॉक्टर्स दे रहे हैं.
- ndtv.in
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कोविड के बाद मध्यप्रदेश में बढ़े 'ब्लैक फंगस' के मामले, अमेरिकी डॉक्टरों से सलाह लेगी सरकार
- Wednesday May 12, 2021
- Reported by: भाषा
कोविड-19 (Covid-19) से ठीक हुए व्यक्तियों में म्यूकरमाइकोसिस (MucorMycosis) या ''ब्लैक फंगस'' (Black Fungus) के संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बुधवार को कहा कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सकों की टीम इससे निपटने के लिए अमेरिकी चिकित्सकों से चर्चा कर सलाह लेगी.
- ndtv.in
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मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस के 50 मामले, गरीब मरीजों के इलाज में शासन करेगा सहयोग : CM शिवराज सिंह
- Wednesday May 12, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस संक्रमण की घटनाएं सामने आ रही हैं जो बहुत भयानक है. यह हमारे लिए चिंता का विषय है. इसमें नाक,मुंह, दांत, आंख मस्तिष्क और बाकी अंग भी संक्रमित हो जाते हैं. अभी तक प्रदेश में 50 रोगियों की पुष्टि हुई है.
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मध्य प्रदेश सरकार ने माना- कोरोना की दूसरी लहर में जब लोग मर रहे थे, तब 204 वेंटिलेटर डिब्बों में बंद थे
- Saturday June 12, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 200 से अधिक म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस (Black Fungus) रोगियों को पिछले कुछ दिनों में प्रतिकूल प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है, क्योंकि इस बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा का एक सस्ता विकल्प कथित तौर पर तीन प्रमुख अस्पतालों को दिया गया था. जिससे मरीजों में बुखार, उल्टी और रक्तचाप में उतार-चढ़ाव जैसे लक्षण दिखाई दिए. उधर सरकार ने कहा है कि सस्ते इंजेक्शन में कोई गड़बड़ी नहीं है. एक और मामले में सरकार ने कोर्ट में माना है कि दूसरी लहर के दौरान कई वेंटिलेटर पैक करके ही रखे रहे.
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ब्लैक फंगस : 200 लोगों को दिया एम्फोटेरिसिन-बी का इंजेक्शन, 80 मरीज ठंड से कांपने लगे
- Tuesday June 8, 2021
- Reported by: भाषा
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर स्थित शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (MYH) के ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) वॉर्ड में भर्ती करीब 40 प्रतिशत मरीज हिमाचल प्रदेश के एक दवा संयंत्र में बना एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लगाए जाने के बाद ठंड से कांपने लगे. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को यह इंजेक्शन लगाने का सिलसिला एहतियात के तौर पर रोक दिया है. गौरतलब है कि एमवायएच, राज्य में ब्लैक फंगस का इलाज करने वाला सबसे व्यस्त अस्पताल है, जहां इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती हैं.
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शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में एम्फोटेरिसिन-बी उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी किया
- Saturday June 5, 2021
- Reported by: भाषा, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
प्रदेश के जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति में बताया गया कि मध्यप्रदेश के खाद्य एवं औषधि नियंत्रक ने जबलपुर के उमरिया-डुंगरिया औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक निजी क्षेत्र की दवा कंपनी ‘रेवा क्योर लाइफ साइंसेज’ को 22 दिसंबर 2021 तक के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के उत्पादन के लिए यह लाइसेंस जारी किया है.
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कोरोना की दूसरी लहर में क्यों तेजी से फैला 'ब्लैक फंगस', जानें एम्स डॉयरेक्टर रणदीप गुलेरिया से
- Saturday May 22, 2021
- Edited by: गुणातीत ओझा
देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर के बीच तेजी से बढ़ते ब्लैक फंगस के मामलों से लोग डरे हुए हैं. इस बीमारी को लेकर कई तरह की अफवाह भी फैल रही है. ब्लैक फंगस के इलाज और इसके कारणों को लेकर तरह-तरह की फेक न्यूज भी सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है. ऐसे में इस बीमारी के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. ब्लैक फंगस क्यों होता है? ब्लैक फंगस से किन लोगों को खतरा है? ब्लैक फंगस से बचने के लिए क्या करना चाहिए? कोरोना मरीजों को ब्लैक फंगस का कितना खतरा है? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए एनडीटीवी ने एम्स के डॉयरेक्टर रणदीप गुलेरिया से बात की है.
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ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के बाद अब 'ब्लैक फंगस' की दवाई भी बाजार से गायब, भटक रहे हैं लोग
- Monday May 17, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: नितेश श्रीवास्तव
कोविड 19 की दवाइयों और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीज के परिजनों पर एक और नई विपत्ति ब्लैक फंगसके रूप में सामने आई है. जैसे-तैसे ऑक्सीजन और रेमडेसिविर का बंदोबस्त करने के बाद ब्लैक फंगस इन्फेक्शन होने पर मरीजों इलाज नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि जिस तरह रेमडेसिविर की बाजार में कमी है उसी तरह से ब्लैक फंगस के मरीजों को एंफोटेरिक या फिर लिपोसोमल एंफोटोरिसिन बी नाम के इंजेक्शन लगाने की सलाह डॉक्टर्स दे रहे हैं.
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कोविड के बाद मध्यप्रदेश में बढ़े 'ब्लैक फंगस' के मामले, अमेरिकी डॉक्टरों से सलाह लेगी सरकार
- Wednesday May 12, 2021
- Reported by: भाषा
कोविड-19 (Covid-19) से ठीक हुए व्यक्तियों में म्यूकरमाइकोसिस (MucorMycosis) या ''ब्लैक फंगस'' (Black Fungus) के संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बुधवार को कहा कि प्रदेश के सरकारी चिकित्सकों की टीम इससे निपटने के लिए अमेरिकी चिकित्सकों से चर्चा कर सलाह लेगी.
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मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस के 50 मामले, गरीब मरीजों के इलाज में शासन करेगा सहयोग : CM शिवराज सिंह
- Wednesday May 12, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस संक्रमण की घटनाएं सामने आ रही हैं जो बहुत भयानक है. यह हमारे लिए चिंता का विषय है. इसमें नाक,मुंह, दांत, आंख मस्तिष्क और बाकी अंग भी संक्रमित हो जाते हैं. अभी तक प्रदेश में 50 रोगियों की पुष्टि हुई है.
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