मध्य प्रदेश में 200 से अधिक ब्लैक फंगस रोगियों को पिछले कुछ दिनों में प्रतिकूल प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है. क्योंकि इस बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा का एक सस्ता विकल्प कथित तौर पर तीन प्रमुख अस्पतालों को दिया गया. जिससे मरीजों में बुखार उल्टी और रक्त चाप में उतार चढ़ाव जैसे लक्षण दिखाई देने लगे, उधर सरकार ने कहा है कि सस्ते इंजेक्शन में कोई गड़बड़ी नहीं है.