शर्मिला जालान और संपादक ने उनके लिखे-पढ़े को इस तरह संयोजित किया है कि हम प्रबोध कुमार के व्यक्तित्व, स्वभाव और उनके जीवन-दृष्टि के सामाजिक पक्ष से परिचित होते हैं.
शर्मिला जालान और संपादक ने उनके लिखे-पढ़े को इस तरह संयोजित किया है कि हम प्रबोध कुमार के व्यक्तित्व, स्वभाव और उनके जीवन-दृष्टि के सामाजिक पक्ष से परिचित होते हैं.