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Labour Codes

'Labour Codes' - 10 News Result(s)
  • हफ्ते में तीन दिन अवकाश देने का कोई प्रस्ताव नए लेबर कोड में नहीं : श्रम मंत्रालय सूत्र

    हफ्ते में तीन दिन अवकाश देने का कोई प्रस्ताव नए लेबर कोड में नहीं : श्रम मंत्रालय सूत्र

    श्रम मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि 25 अगस्त, 2022 से तिरुपति में शुरू होने जा रही श्रम मंत्रियों की दो-दिवसीय कॉन्फ्रेंस का वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. राज्यों के श्रम मंत्रियों की इस कॉन्फ्रेंस के एजेंडे में सभी चारों लेबर कोडों को लेकर राज्य सरकारों द्वारा नियमों को ड्राफ्ट किए जाने पर चर्चा शामिल है.

  • टेक-होम सैलरी का नया नियम, कामकाज के घंटे बढ़ा सकती हैं कंपनियां लेकिन...

    टेक-होम सैलरी का नया नियम, कामकाज के घंटे बढ़ा सकती हैं कंपनियां लेकिन...

    नए श्रम कानून (New Labour Laws) टेक-होम सैलरी, पीएफ (Provident Fund) में योगदान और एक सप्ताह में काम के घंटों और दिनों सहित काम के समय में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे. श्रम कानून संसद में पारित किए गए हैं, लेकिन इनको लागू करने में देरी हो रही है क्योंकि राज्यों ने अभी तक इन नियमों को नोटिफाई नहीं किया है. 

  • घट जाएगी आपकी टेक होम सैलरी, लेकिन बढ़ेगा रिटायरमेंट फंड, जल्द लागू हो सकते हैं नए नियम

    घट जाएगी आपकी टेक होम सैलरी, लेकिन बढ़ेगा रिटायरमेंट फंड, जल्द लागू हो सकते हैं नए नियम

    New Labour Codes : सरकार जल्द ही नए श्रम कानूनों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. इन नियमों के तहत कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में कटौती और उससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सोशल सिक्योरिटी फंड प्रॉविडेंट फंड के योगदान को बढ़ाने की बात है.

  • हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन की छुट्टी, नए लेबर कोड में PF से लेकर  ग्रेच्युटी तक ये होंगे बदलाव

    हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन की छुट्टी, नए लेबर कोड में PF से लेकर ग्रेच्युटी तक ये होंगे बदलाव

    काम करने के घंटे, पीएफ, सुविधाएं, अगर सरकार की मानें तो नए लेबर कोड (New Labour Code) लागू हो गए तो श्रम बाजार में नया सुधार आएगा.

  • लेबर कोड के विरोध में श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल 26 नवंबर को

    लेबर कोड के विरोध में श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल 26 नवंबर को

    भारत सरकार चार विवादास्पद लेबर कोड लागू करने के लिए कदम उठा रही है. इसके विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने का फैसला किया है. इन संगठनों में आरएसएस से जुड़ा बीएमएस शामिल नहीं है. 14 नवंबर को केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सामाजिक सुरक्षा, 2020 कोड के तहत मसौदा नियमों को अधिसूचित किया और हितधारकों से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए हैं.

  • विपक्ष रहा गैरमौजूद, राज्यसभा में दो दिन में 15 विधेयक पारित हो गए

    विपक्ष रहा गैरमौजूद, राज्यसभा में दो दिन में 15 विधेयक पारित हो गए

    सरकार ने विपक्ष के बहिष्कार के बावजूद राज्यसभा (Rajya Sabha) में पिछले सिर्फ दो दिनों में 15 बिल पारित करा लिए. बुधवार को राज्यसभा में आठ बिल पारित हुए जिनमें श्रम सुधार से जुड़े तीन विवादित लेबर कोड बिल (Labor code bills) शामिल हैं. आरएसएस (RSS) से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ ने कहा है कि सरकार ने जल्दबाजी में ये बिल पारित कराए हैं और उनकी मांगों को सरकार ने बिल में शामिल नहीं किया है.

  • विपक्ष के बहिष्कार के बीच राज्यसभा में 3 लेबर कोड बिल पारित, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया सदन

    विपक्ष के बहिष्कार के बीच राज्यसभा में 3 लेबर कोड बिल पारित, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया सदन

    संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) जारी है. कृषि व अन्य विधेयकों को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं और सभी दल सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं. विपक्षी दलों के सदन की कार्यवाही के बॉयकॉट के बावजूद राज्यसभा (Rajya Sabha) में आज (बुधवार) तीन लेबर कोड बिलों (Labour Code Bills) को पारित कर दिया गया है.

  • लेबर कोड पर सरकार के खिलाफ RSS? भारतीय मजदूर संघ ने कहा- जल्दबाजी में क्यों पारित कराया बिल?

    लेबर कोड पर सरकार के खिलाफ RSS? भारतीय मजदूर संघ ने कहा- जल्दबाजी में क्यों पारित कराया बिल?

    BMS के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने कहा, 'जिस तरह से सरकार ने तीन लेबर कोड बिल पारित किए हैं, हम उसका विरोध करते हैं. सरकार ने लेबर कोड बिल जल्दबाजी में पारित कराएं, जो ठीक नहीं हैं. इस पर विस्तार से चर्चा नहीं हो पाई. सरकार ने हमारी महत्वपूर्ण मांगें नहीं मानी हैं. हमने मांग की थी कि सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था यूनिवर्सलाइज करनी चाहिए. यानी देश के हर मजदूर को सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था का फायदा मिलना चाहिए लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.'

  • Parliament Monsoon Session Live Update: अनिश्चित काल के लिए राज्यसभा स्थगित

    Parliament Monsoon Session Live Update: अनिश्चित काल के लिए राज्यसभा स्थगित

    Parliament Monsoon Session Live Update:  कोरोना वायरस महामारी के साये में आयोजित राज्यसभा का ‘‘ऐतिहासिक’’ मानसून सत्र बुधवार को अपने निर्धारित समय से करीब आठ दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. छोटी सी अवधि होने के बावजूद सत्र के दौरान 25 विधेयकों को पारित किया जबकि हंगामे के कारण आठ विपक्षी सदस्यों को रविवार को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. सभापति एम वेंकैया नायडू ने सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि यह सत्र कुछ मामलों में ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस दौरान उच्च सदन के सदस्यों को बैठने की नयी व्यवस्था के तहत पांच अन्य स्थानों पर बैठाया गया. ऐसा उच्च सदन के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. इसके अलावा सदन ने लगातार दस दिनों तक काम किया. शनिवार और रविवार को सदन में अवकाश नहीं रहा. 

  • कोरोना वायरस का असर: सामाजिक सुरक्षा कोड को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखाएगी सरकार

    कोरोना वायरस का असर: सामाजिक सुरक्षा कोड को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखाएगी सरकार

    लेबर कोड को पहले ही सदन में पेश किया जा चुका है. इनमें से वेतन संहिता को पास किया जा चुका है, जिसमें न्यूनतम मजदूरी, बोनस और समान पारिश्रमिक जैसे कानूनों को एक साथ रखा गया है. एक अध्यादेश, अन्य तीन को प्रभावित करेगा. जो तीन श्रम संहिताएं पेंडिंग हैं उनमें से एक सामाजिक सुरक्षा कोड है, जिसमें भविष्य निधि, बीमा, मैटरनिटी बेनिफिट जैसी सुविधाएं शामिल हैं. इसके अलावा दूसरा औद्योगिक संबंध कोड है जिसके अंतर्गत औद्योगिक विवाद, ट्रेड यूनियन जैसे कानून एक साथ हो जाएंगे और तीसरा है व्यावसायिक सुरक्षा, जिसके अंतर्गत कल्याण कानून जैसे नियम एक हो जाएंगे.   

'Labour Codes' - 10 News Result(s)
  • हफ्ते में तीन दिन अवकाश देने का कोई प्रस्ताव नए लेबर कोड में नहीं : श्रम मंत्रालय सूत्र

    हफ्ते में तीन दिन अवकाश देने का कोई प्रस्ताव नए लेबर कोड में नहीं : श्रम मंत्रालय सूत्र

    श्रम मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि 25 अगस्त, 2022 से तिरुपति में शुरू होने जा रही श्रम मंत्रियों की दो-दिवसीय कॉन्फ्रेंस का वर्चुअल उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. राज्यों के श्रम मंत्रियों की इस कॉन्फ्रेंस के एजेंडे में सभी चारों लेबर कोडों को लेकर राज्य सरकारों द्वारा नियमों को ड्राफ्ट किए जाने पर चर्चा शामिल है.

  • टेक-होम सैलरी का नया नियम, कामकाज के घंटे बढ़ा सकती हैं कंपनियां लेकिन...

    टेक-होम सैलरी का नया नियम, कामकाज के घंटे बढ़ा सकती हैं कंपनियां लेकिन...

    नए श्रम कानून (New Labour Laws) टेक-होम सैलरी, पीएफ (Provident Fund) में योगदान और एक सप्ताह में काम के घंटों और दिनों सहित काम के समय में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे. श्रम कानून संसद में पारित किए गए हैं, लेकिन इनको लागू करने में देरी हो रही है क्योंकि राज्यों ने अभी तक इन नियमों को नोटिफाई नहीं किया है. 

  • घट जाएगी आपकी टेक होम सैलरी, लेकिन बढ़ेगा रिटायरमेंट फंड, जल्द लागू हो सकते हैं नए नियम

    घट जाएगी आपकी टेक होम सैलरी, लेकिन बढ़ेगा रिटायरमेंट फंड, जल्द लागू हो सकते हैं नए नियम

    New Labour Codes : सरकार जल्द ही नए श्रम कानूनों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. इन नियमों के तहत कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में कटौती और उससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सोशल सिक्योरिटी फंड प्रॉविडेंट फंड के योगदान को बढ़ाने की बात है.

  • हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन की छुट्टी, नए लेबर कोड में PF से लेकर  ग्रेच्युटी तक ये होंगे बदलाव

    हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन की छुट्टी, नए लेबर कोड में PF से लेकर ग्रेच्युटी तक ये होंगे बदलाव

    काम करने के घंटे, पीएफ, सुविधाएं, अगर सरकार की मानें तो नए लेबर कोड (New Labour Code) लागू हो गए तो श्रम बाजार में नया सुधार आएगा.

  • लेबर कोड के विरोध में श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल 26 नवंबर को

    लेबर कोड के विरोध में श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल 26 नवंबर को

    भारत सरकार चार विवादास्पद लेबर कोड लागू करने के लिए कदम उठा रही है. इसके विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने का फैसला किया है. इन संगठनों में आरएसएस से जुड़ा बीएमएस शामिल नहीं है. 14 नवंबर को केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सामाजिक सुरक्षा, 2020 कोड के तहत मसौदा नियमों को अधिसूचित किया और हितधारकों से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए हैं.

  • विपक्ष रहा गैरमौजूद, राज्यसभा में दो दिन में 15 विधेयक पारित हो गए

    विपक्ष रहा गैरमौजूद, राज्यसभा में दो दिन में 15 विधेयक पारित हो गए

    सरकार ने विपक्ष के बहिष्कार के बावजूद राज्यसभा (Rajya Sabha) में पिछले सिर्फ दो दिनों में 15 बिल पारित करा लिए. बुधवार को राज्यसभा में आठ बिल पारित हुए जिनमें श्रम सुधार से जुड़े तीन विवादित लेबर कोड बिल (Labor code bills) शामिल हैं. आरएसएस (RSS) से जुड़े भारतीय मज़दूर संघ ने कहा है कि सरकार ने जल्दबाजी में ये बिल पारित कराए हैं और उनकी मांगों को सरकार ने बिल में शामिल नहीं किया है.

  • विपक्ष के बहिष्कार के बीच राज्यसभा में 3 लेबर कोड बिल पारित, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया सदन

    विपक्ष के बहिष्कार के बीच राज्यसभा में 3 लेबर कोड बिल पारित, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया सदन

    संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) जारी है. कृषि व अन्य विधेयकों को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं और सभी दल सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहे हैं. विपक्षी दलों के सदन की कार्यवाही के बॉयकॉट के बावजूद राज्यसभा (Rajya Sabha) में आज (बुधवार) तीन लेबर कोड बिलों (Labour Code Bills) को पारित कर दिया गया है.

  • लेबर कोड पर सरकार के खिलाफ RSS? भारतीय मजदूर संघ ने कहा- जल्दबाजी में क्यों पारित कराया बिल?

    लेबर कोड पर सरकार के खिलाफ RSS? भारतीय मजदूर संघ ने कहा- जल्दबाजी में क्यों पारित कराया बिल?

    BMS के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने कहा, 'जिस तरह से सरकार ने तीन लेबर कोड बिल पारित किए हैं, हम उसका विरोध करते हैं. सरकार ने लेबर कोड बिल जल्दबाजी में पारित कराएं, जो ठीक नहीं हैं. इस पर विस्तार से चर्चा नहीं हो पाई. सरकार ने हमारी महत्वपूर्ण मांगें नहीं मानी हैं. हमने मांग की थी कि सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था यूनिवर्सलाइज करनी चाहिए. यानी देश के हर मजदूर को सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था का फायदा मिलना चाहिए लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.'

  • Parliament Monsoon Session Live Update: अनिश्चित काल के लिए राज्यसभा स्थगित

    Parliament Monsoon Session Live Update: अनिश्चित काल के लिए राज्यसभा स्थगित

    Parliament Monsoon Session Live Update:  कोरोना वायरस महामारी के साये में आयोजित राज्यसभा का ‘‘ऐतिहासिक’’ मानसून सत्र बुधवार को अपने निर्धारित समय से करीब आठ दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. छोटी सी अवधि होने के बावजूद सत्र के दौरान 25 विधेयकों को पारित किया जबकि हंगामे के कारण आठ विपक्षी सदस्यों को रविवार को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. सभापति एम वेंकैया नायडू ने सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि यह सत्र कुछ मामलों में ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस दौरान उच्च सदन के सदस्यों को बैठने की नयी व्यवस्था के तहत पांच अन्य स्थानों पर बैठाया गया. ऐसा उच्च सदन के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ. इसके अलावा सदन ने लगातार दस दिनों तक काम किया. शनिवार और रविवार को सदन में अवकाश नहीं रहा. 

  • कोरोना वायरस का असर: सामाजिक सुरक्षा कोड को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखाएगी सरकार

    कोरोना वायरस का असर: सामाजिक सुरक्षा कोड को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखाएगी सरकार

    लेबर कोड को पहले ही सदन में पेश किया जा चुका है. इनमें से वेतन संहिता को पास किया जा चुका है, जिसमें न्यूनतम मजदूरी, बोनस और समान पारिश्रमिक जैसे कानूनों को एक साथ रखा गया है. एक अध्यादेश, अन्य तीन को प्रभावित करेगा. जो तीन श्रम संहिताएं पेंडिंग हैं उनमें से एक सामाजिक सुरक्षा कोड है, जिसमें भविष्य निधि, बीमा, मैटरनिटी बेनिफिट जैसी सुविधाएं शामिल हैं. इसके अलावा दूसरा औद्योगिक संबंध कोड है जिसके अंतर्गत औद्योगिक विवाद, ट्रेड यूनियन जैसे कानून एक साथ हो जाएंगे और तीसरा है व्यावसायिक सुरक्षा, जिसके अंतर्गत कल्याण कानून जैसे नियम एक हो जाएंगे.