Kannan Gopinathan Ias
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अपनी नौकरी छोड़ने वाले IAS अफसर ने दी लोगों को सलाह, "पहले खरीदें वॉशिंग मशीन, फिर छोड़ें नौकरी"
- Friday October 25, 2019
कननन ने हाल ही में ट्विटर पर पोस्ट करते हुए बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद वह किस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इसी के साथ उन्होंने इस बात का खुलासा भी किया कि नौकरी छोड़ने के बाद उन्हें अपने सारे कपड़े खुद ही धोने पड़े रहे हैं.
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कश्मीर में पाबंदियों का हवाला देकर IAS से इस्तीफा देने वाले अधिकारी गृह मंत्रालय की जांच के घेरे में
- Saturday September 14, 2019
- IANS
कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, "केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन ने गृह मंत्रालय को 11 जून 2019 को भेजे गए पत्र में सूचित किया है कि आईएएस कन्नन गोपीनाथन अवहेलना, काम में विलंब व लापरवाही जैसे कृत्यों में लिप्त रहे हैं."
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जम्मू-कश्मीर के हालात पर नौकरी छोड़ने वाले IAS के इस्तीफे के पीछे की वजह 'दुर्व्यवहार, ड्यूटी नहीं करने' पर मिला नोटिस तो नहीं?
- Wednesday September 11, 2019
- IANS
अब यह तथ्य सामने आया है कि आईएएस अधिकारी के इस्तीफा देने से पहले उन्हें आठ जुलाई को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया था, जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली ने उनके मामले में गृह मंत्रालय को उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रस्ताव भेजा था. केरल से एजीएमयूटी कैडर के 2012 बैच के अधिकारी को दादरा एवं नगर हवेली में बिजली एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग के सचिव के रूप में तैनात किया गया था.
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जम्मू-कश्मीर को लेकर इस्तीफा देने वाले IAS गोपीनाथन से बोली सरकार- इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ, आप काम करते रहें
- Thursday August 29, 2019
- PTI
चूंकि वह दादर और नगर हवेली की राजधानी सिलवासा में मौजूद नहीं थे, इसलिए अधिकारियों ने सरकारी गेस्टहाउस के दरवाजे पर नोटिस चिपका दिया, जहां वह रहता था. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के नियमों का हवाला देते हुए, नोटिस में कहा गया है कि एक सरकारी अधिकारी का इस्तीफा तब प्रभावी होता है, जब उसे स्वीकार कर लिया जाता है. 'इसलिए आपको निर्देश दिए जाते हैं कि जब तक आपके इस्तीफे पर कोई फैसला ना हो जाए, तब तक आप अपने पद की जिम्मेदारियों निभाते रहें.' संपर्क करने पर गोपीनाथन ने पीटीआई को बताया कि उन्हें नोटिस के बारे में नहीं पता, लेकिन उन्होंने आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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कश्मीर के हालातों से दुखी कन्नन गोपीनाथन बोले, 'सर्विस में रहते हुए आवाज उठाना ठीक नहीं लगा, इसलिए छोड़ी नौकरी'
- Thursday August 29, 2019
कन्नन गोपीनाथन ने NDTV से खास के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि सरकार लोकतंत्र में लोगों को उनके मौलिक अधिकार से वंचित कर रही है.
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पूर्व IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन बोले- कश्मीरियों को मनाने में मदद नहीं करेंगी पाबंदियां
- Monday August 26, 2019
- Bhasha
कश्मीर में लगी पाबंदियों से क्षुब्ध होकर आईएएस की नौकरी छोड़ने वाले कन्नन गोपीनाथन ने रविवार को कहा कि घाटी के लोगों को अनुच्छेद 370 को लेकर मनाया जाना चाहिए, लेकिन उन्हें विचार प्रकट करने का मौका न दिए जाने से ऐसा नहीं हो सका.
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जम्मू-कश्मीर में जारी 'पाबंदियों' से दुखी IAS अधिकारी ने नौकरी छोड़ी
- Sunday August 25, 2019
देश की सबसे प्रतिष्ठित IAS की नौकरी को कन्नन गोपीनाथ (33) ने छोड़ दिया है क्योंकि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्मकर लाखों लोगों के 'मूलभूत अधिकार' छीन लिए गए हैं. गोपीनाथ ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'मेरे इस्तीफे से कोई फर्क तो नहीं पड़ेगा लेकिन हर किसी को अंतर्रात्मा को आवाज देना होता है'. आपको बता दें कि गोपीनाथ दादर नगर हवेली में कई मुख्य विभागों में सचिव हैं और उन्होंने घाटा झेल रही एक सरकारी बिजली कंपनी के फायदे में ला दिया था.
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अपनी नौकरी छोड़ने वाले IAS अफसर ने दी लोगों को सलाह, "पहले खरीदें वॉशिंग मशीन, फिर छोड़ें नौकरी"
- Friday October 25, 2019
कननन ने हाल ही में ट्विटर पर पोस्ट करते हुए बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद वह किस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इसी के साथ उन्होंने इस बात का खुलासा भी किया कि नौकरी छोड़ने के बाद उन्हें अपने सारे कपड़े खुद ही धोने पड़े रहे हैं.
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- Saturday September 14, 2019
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- Wednesday September 11, 2019
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अब यह तथ्य सामने आया है कि आईएएस अधिकारी के इस्तीफा देने से पहले उन्हें आठ जुलाई को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया था, जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली ने उनके मामले में गृह मंत्रालय को उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रस्ताव भेजा था. केरल से एजीएमयूटी कैडर के 2012 बैच के अधिकारी को दादरा एवं नगर हवेली में बिजली एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग के सचिव के रूप में तैनात किया गया था.
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जम्मू-कश्मीर को लेकर इस्तीफा देने वाले IAS गोपीनाथन से बोली सरकार- इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ, आप काम करते रहें
- Thursday August 29, 2019
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चूंकि वह दादर और नगर हवेली की राजधानी सिलवासा में मौजूद नहीं थे, इसलिए अधिकारियों ने सरकारी गेस्टहाउस के दरवाजे पर नोटिस चिपका दिया, जहां वह रहता था. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के नियमों का हवाला देते हुए, नोटिस में कहा गया है कि एक सरकारी अधिकारी का इस्तीफा तब प्रभावी होता है, जब उसे स्वीकार कर लिया जाता है. 'इसलिए आपको निर्देश दिए जाते हैं कि जब तक आपके इस्तीफे पर कोई फैसला ना हो जाए, तब तक आप अपने पद की जिम्मेदारियों निभाते रहें.' संपर्क करने पर गोपीनाथन ने पीटीआई को बताया कि उन्हें नोटिस के बारे में नहीं पता, लेकिन उन्होंने आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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कश्मीर के हालातों से दुखी कन्नन गोपीनाथन बोले, 'सर्विस में रहते हुए आवाज उठाना ठीक नहीं लगा, इसलिए छोड़ी नौकरी'
- Thursday August 29, 2019
कन्नन गोपीनाथन ने NDTV से खास के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि सरकार लोकतंत्र में लोगों को उनके मौलिक अधिकार से वंचित कर रही है.
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- Monday August 26, 2019
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देश की सबसे प्रतिष्ठित IAS की नौकरी को कन्नन गोपीनाथ (33) ने छोड़ दिया है क्योंकि जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्मकर लाखों लोगों के 'मूलभूत अधिकार' छीन लिए गए हैं. गोपीनाथ ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'मेरे इस्तीफे से कोई फर्क तो नहीं पड़ेगा लेकिन हर किसी को अंतर्रात्मा को आवाज देना होता है'. आपको बता दें कि गोपीनाथ दादर नगर हवेली में कई मुख्य विभागों में सचिव हैं और उन्होंने घाटा झेल रही एक सरकारी बिजली कंपनी के फायदे में ला दिया था.
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