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समलैंगिकता को अपराध बताने वाली IPC की धारा 377 को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बंद की
- Thursday February 8, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
समलैंगिकता को अपराध बताने वाली आईपीसी की धारा 377 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका का निस्तारण कर सुनवाई बंद कर दी. पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि इस संबंध में 2018 में नवतेज सिंह जौहर केस में फैसला आ चुका है, लिहाजा यह याचिका निष्प्रभावी हो गई है.
- ndtv.in
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CrPC की धारा 64 के प्रावधान को चुनौती देने का मामला: SC ने जांच के लिए केंद्र को और 3 महीने का समय दिया
- Thursday April 6, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया कि CrPC और IPC प्रावधानों में संशोधन के लिए सरकार सक्रिय तौर पर विचार विमर्श कर रही है. इसमें राजद्रोह कानून भी विचार शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को जांच के लिए तीन महीने का और समय दिया है.
- ndtv.in
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राजद्रोह की धारा के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कही ये बात
- Tuesday February 9, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पवन पांडे
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस. ए. बोबडे ने कहा कि याचिकाकर्ता इससे कैसे प्रभावित है? आप पर क्या कॉज ऑफ एक्शन है. आपके खिलाफ कोई केस नहीं है. हमने पहले ही तय कर रखा है कि जब तक कोई कॉज ऑफ एक्शन नहीं होगा तो आप इसी तरह कानून को चुनौती नहीं दे सकते हैं. हमारे पास ऐसा कोई केस नहीं है जो जेल में सड़ रहा हो. आप अगर ठोस केस के साथ आते हैं तो देखेंगे.
- ndtv.in
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लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
- Tuesday May 5, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सुबोध आनंद गार्ग्य
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आईपीसी धारा 188 के तहत दर्ज एफआईआर रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी डॉ विक्रम सिंह की याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो फिर लॉकडाउन का पालन कैसे कराया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि हम हैरान हैं कि ये कैसी- कैसी याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं. इसके पीछे कोई एजेंडा हो सकता है.
- ndtv.in
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Coronavirus: मुंबई पुलिस ने समूह यात्रा पर रोक लगाने के लिए धारा 144 लागू की
- Sunday March 15, 2020
- भाषा
Coronavirus: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने विदेशी या घरेलू पर्यटन स्थलों पर समूह यात्रा कराने से टूर ऑपरेटरों को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 (Section 144) लागू कर दी गई है.
- ndtv.in
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तनुश्री दत्ता से पुलिस ने 5 घंटे तक पूछे कई सवाल, फिर नाना समेत 4 के खिलाफ केस दर्ज, अभी तक गिरफ्तारी नहीं
- Thursday October 11, 2018
- Reported by: सुनील कुमार सिंह
पुलिस ने नाना पाटेकर समेत चार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया है. शाम 7 बजकर 10 मिनट पर ओशिवरा थाने पहुंची तनुश्री पूरे 5 घंटे बाद रात 12 बजकर 10 मिनट पर थाने से बाहर निकलीं.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट बोला: व्यभिचार अपराध नहीं, पति, पत्नी का मालिक नहीं, पढ़ें इस मामले की पूरी टाइमलाइन
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार कानून को रद्द कर दिया और अब से यह अपराध नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से व्यभिचार से संबंधित दंडात्मक प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए उसे मनमाना और महिलाओं की व्यक्तिकता को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए निरस्त किया. मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "व्यभिचार अपराध नहीं हो सकता. यह निजता का मामला है. पति, पत्नी का मालिक नहीं है. महिलाओं के साथ पुरूषों के समान ही व्यवहार किया जाना. इस मामले में हुई सुनवाई से संबंधित घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट के ये हैं 5 जज, जिन्होंने समलैंगिकता के बाद अब व्यभिचार को किया अपराध से बाहर
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
- ndtv.in
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जानें क्या है IPC 497? सुप्रीम कोर्ट ने 158 साल पुराने व्यभिचार कानून को किया खत्म
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार-रोधी कानून को रद्द कर दिया है और कहा है कि व्यभिचार अपराध नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह तलाक का आधार हो सकता है लेकिन यह कानून महिला के जीने के अधिकार पर असर डालता है.
- ndtv.in
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Supreme Court verdict on Adultery : चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति , फैसले की 10 बातें
- Thursday September 27, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: नवनीत मिश्र
व्यभिचार कानून की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो भी कानून महिला को उसकी गरिमा से विपरीत या भेदभाव करता है वो संविधान के कोप को आमंत्रित करता है. ऐसे प्रावधान असंवैंधानिक है. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ के सामने मसला उठा था कि आइपीसी की धारा 497 ध अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति. जानिए दस बातें
- ndtv.in
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158 साल पुराने व्यभिचार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द, संविधान पीठ ने कहा- यह अपराध नहीं
- Thursday September 27, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
- ndtv.in
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व्यभिचार मामले पर सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला के साथ गैरसमानता का बर्ताव करना असंवैधानिक
- Thursday September 27, 2018
- आशीष भार्गव
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
- ndtv.in
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IPC 498 A पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: दहेज प्रताड़ना मामले में गिरफ्तारी हो या नहीं, अब फिर पुलिस करेगी तय
- Friday September 14, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
498 A दहेज प्रताड़ना मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने बैलेंस बनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में गिरफ्तारी हो या नहीं ये तय करने का अधिकार पुलिस को वापस दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य के DGP इस मुद्दे पर पुलिस अफसरों व कर्मियों में जागरुकता फैलाएं और उन्हें बताया जाए कि सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को लेकर जो सिद्धान्त दिया है वो क्या है.
- ndtv.in
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समलैंगिकता के फैसले पर अनेक सवाल
- Friday September 7, 2018
- विराग गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट के प्रांगण में मीडिया द्वारा फोटोग्राफी निषेध है. इसके बावजूद समलैंगिकता पर फैसले के बाद पूरा परिसर इन्द्रधनुषीय रंग से सराबोर हो गया. दो वयस्क लोगों का निजी सम्बन्ध मानते हुए समलैंगिकता को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया परन्तु इस फैसले के लिए अपनाई गयी कानूनी प्रक्रिया पर अनेक सवाल खड़े हो गये हैं.
- ndtv.in
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आठ देशों में समलैंगिक संबंध बनाने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान
- Friday September 7, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के साथ ही भारत उन 125 अन्य देशों के साथ जुड़ गया, जहां समलैंगिकता वैध है. हालांकि दुनियाभर में अब भी 72 ऐसे देश और क्षेत्र हैं जहां समलैंगिक संबंध को अपराध समझा जाता है. इनमें 45 वे देश भी हैं जहां महिलाओं का आपस में यौन संबंध बनाना गैर कानूनी है.
- ndtv.in
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समलैंगिकता को अपराध बताने वाली IPC की धारा 377 को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बंद की
- Thursday February 8, 2024
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
समलैंगिकता को अपराध बताने वाली आईपीसी की धारा 377 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका का निस्तारण कर सुनवाई बंद कर दी. पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा कि इस संबंध में 2018 में नवतेज सिंह जौहर केस में फैसला आ चुका है, लिहाजा यह याचिका निष्प्रभावी हो गई है.
- ndtv.in
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CrPC की धारा 64 के प्रावधान को चुनौती देने का मामला: SC ने जांच के लिए केंद्र को और 3 महीने का समय दिया
- Thursday April 6, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया कि CrPC और IPC प्रावधानों में संशोधन के लिए सरकार सक्रिय तौर पर विचार विमर्श कर रही है. इसमें राजद्रोह कानून भी विचार शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को जांच के लिए तीन महीने का और समय दिया है.
- ndtv.in
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राजद्रोह की धारा के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कही ये बात
- Tuesday February 9, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पवन पांडे
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस. ए. बोबडे ने कहा कि याचिकाकर्ता इससे कैसे प्रभावित है? आप पर क्या कॉज ऑफ एक्शन है. आपके खिलाफ कोई केस नहीं है. हमने पहले ही तय कर रखा है कि जब तक कोई कॉज ऑफ एक्शन नहीं होगा तो आप इसी तरह कानून को चुनौती नहीं दे सकते हैं. हमारे पास ऐसा कोई केस नहीं है जो जेल में सड़ रहा हो. आप अगर ठोस केस के साथ आते हैं तो देखेंगे.
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लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
- Tuesday May 5, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सुबोध आनंद गार्ग्य
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आईपीसी धारा 188 के तहत दर्ज एफआईआर रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी डॉ विक्रम सिंह की याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की जाती है तो फिर लॉकडाउन का पालन कैसे कराया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि हम हैरान हैं कि ये कैसी- कैसी याचिकाएं दाखिल की जा रही हैं. इसके पीछे कोई एजेंडा हो सकता है.
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Coronavirus: मुंबई पुलिस ने समूह यात्रा पर रोक लगाने के लिए धारा 144 लागू की
- Sunday March 15, 2020
- भाषा
Coronavirus: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने विदेशी या घरेलू पर्यटन स्थलों पर समूह यात्रा कराने से टूर ऑपरेटरों को रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 (Section 144) लागू कर दी गई है.
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तनुश्री दत्ता से पुलिस ने 5 घंटे तक पूछे कई सवाल, फिर नाना समेत 4 के खिलाफ केस दर्ज, अभी तक गिरफ्तारी नहीं
- Thursday October 11, 2018
- Reported by: सुनील कुमार सिंह
पुलिस ने नाना पाटेकर समेत चार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया है. शाम 7 बजकर 10 मिनट पर ओशिवरा थाने पहुंची तनुश्री पूरे 5 घंटे बाद रात 12 बजकर 10 मिनट पर थाने से बाहर निकलीं.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट बोला: व्यभिचार अपराध नहीं, पति, पत्नी का मालिक नहीं, पढ़ें इस मामले की पूरी टाइमलाइन
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार कानून को रद्द कर दिया और अब से यह अपराध नहीं रहा. सुप्रीम कोर्ट की प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से व्यभिचार से संबंधित दंडात्मक प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए उसे मनमाना और महिलाओं की व्यक्तिकता को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए निरस्त किया. मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा, "व्यभिचार अपराध नहीं हो सकता. यह निजता का मामला है. पति, पत्नी का मालिक नहीं है. महिलाओं के साथ पुरूषों के समान ही व्यवहार किया जाना. इस मामले में हुई सुनवाई से संबंधित घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा.
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सुप्रीम कोर्ट के ये हैं 5 जज, जिन्होंने समलैंगिकता के बाद अब व्यभिचार को किया अपराध से बाहर
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
158 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने व्यभिचार को आपराधिक कृत्य बताने वाले दंडात्मक प्रावधान को सर्वसम्मति से निरस्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने 157 साल पुराने व्यभिचार को रद्द कर दिया और कहा कि किसी पुरुष द्वारा विवाहित महिला से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार कानून असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यभिचार कानून मनमाना और भेदभावपूर्ण है. यह लैंगिक समानता के खिलाफ है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि इस पीठ ने ही धारा 377 पर अपना अहम फैसला सुनाया था. इससे पहले इसी बेंच ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से अलग किया था. तो चलिए जानते हैं उन पांचों जजों के बारे में...
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जानें क्या है IPC 497? सुप्रीम कोर्ट ने 158 साल पुराने व्यभिचार कानून को किया खत्म
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार-रोधी कानून को रद्द कर दिया है और कहा है कि व्यभिचार अपराध नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह तलाक का आधार हो सकता है लेकिन यह कानून महिला के जीने के अधिकार पर असर डालता है.
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Supreme Court verdict on Adultery : चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति , फैसले की 10 बातें
- Thursday September 27, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: नवनीत मिश्र
व्यभिचार कानून की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो भी कानून महिला को उसकी गरिमा से विपरीत या भेदभाव करता है वो संविधान के कोप को आमंत्रित करता है. ऐसे प्रावधान असंवैंधानिक है. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ के सामने मसला उठा था कि आइपीसी की धारा 497 ध अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- महिला का मास्टर नहीं होता है पति. जानिए दस बातें
- ndtv.in
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158 साल पुराने व्यभिचार कानून को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द, संविधान पीठ ने कहा- यह अपराध नहीं
- Thursday September 27, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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व्यभिचार मामले पर सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला के साथ गैरसमानता का बर्ताव करना असंवैधानिक
- Thursday September 27, 2018
- आशीष भार्गव
157 साल पुराने कानून IPC 497 (व्यभिचार) की वैधता (Supreme Court verdict on Adultery under Section 497) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला गुरुवार को आएगा. सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था. पीठ तय करेगी कि यह धारा अंसवैधानिक है या नहीं, क्योंकि इसमें सिर्फ पुरुषों को आरोपी बनाया जाता है, महिलाओं को नहीं.
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IPC 498 A पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: दहेज प्रताड़ना मामले में गिरफ्तारी हो या नहीं, अब फिर पुलिस करेगी तय
- Friday September 14, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
498 A दहेज प्रताड़ना मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने बैलेंस बनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में गिरफ्तारी हो या नहीं ये तय करने का अधिकार पुलिस को वापस दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य के DGP इस मुद्दे पर पुलिस अफसरों व कर्मियों में जागरुकता फैलाएं और उन्हें बताया जाए कि सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को लेकर जो सिद्धान्त दिया है वो क्या है.
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समलैंगिकता के फैसले पर अनेक सवाल
- Friday September 7, 2018
- विराग गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट के प्रांगण में मीडिया द्वारा फोटोग्राफी निषेध है. इसके बावजूद समलैंगिकता पर फैसले के बाद पूरा परिसर इन्द्रधनुषीय रंग से सराबोर हो गया. दो वयस्क लोगों का निजी सम्बन्ध मानते हुए समलैंगिकता को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया परन्तु इस फैसले के लिए अपनाई गयी कानूनी प्रक्रिया पर अनेक सवाल खड़े हो गये हैं.
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आठ देशों में समलैंगिक संबंध बनाने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान
- Friday September 7, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के साथ ही भारत उन 125 अन्य देशों के साथ जुड़ गया, जहां समलैंगिकता वैध है. हालांकि दुनियाभर में अब भी 72 ऐसे देश और क्षेत्र हैं जहां समलैंगिक संबंध को अपराध समझा जाता है. इनमें 45 वे देश भी हैं जहां महिलाओं का आपस में यौन संबंध बनाना गैर कानूनी है.
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