राजद्रोह की IPC की 124 A की चुनौती देने की नई याचिका के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र पर बड़ा सवाल है. CJI एनवी रमना ने कहा कि राजद्रोह कानून (Sedition Law) का इस्तेमाल अंग्रेजों ने आजादी के अभियान को दबाने के लिए किया था, असहमति की आवाज को चुप करने के लिए किया था. महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक पर भी ये धारा लगाई गई, क्या सरकार आजादी के 75 साल भी इस कानून को बनाए रखना चाहती है? SC ने कहा कि इसके अलावा राजद्रोह के मामलों में सजा भी बहुत कम होती है. CJI ने कहा कि इन मामलों में अफसरों की कोई जवाबदेही भी नहीं है.