समलैंगिकता अपराध है या नहीं, इसे तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मंगलवार से जारी सुनवाई में कई तरह की बातें आने के बाद बुधवा को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ से कहा कि समलैंगिकता संबंधी धारा 377 की संवैधानिकता के मसले को हम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से एएसजी तुषार मेहता ने कहा हम ये मुद्दा कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं.
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