Homosexual Rights
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Explainer: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सेम-सेक्स कपल के लिए क्या होंगे बदलाव?
- Tuesday October 17, 2023
- Reported by: सुनील प्रभु, Edited by: अंजलि कर्मकार
समलैंगिक जोड़ों के अधिकार कोई चुनावी मुद्दा नहीं हैं, लेकिन इस मामले पर किसी भी कदम के महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रभाव हो सकते हैं. समलैंगिक शादी को वैध बनाने की दिशा में किसी भी कदम को धार्मिक संगठनों समेत समाज के अंदर से विरोध का सामना करना पड़ेगा.
- ndtv.in
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शादी से मृत्युदंड तक...दुनिया में LGBT Rights को लेकर हैं ये अलग कानून
- Monday August 22, 2022
- Reported by: एएफपी, Edited by: वर्तिका
साल 2020 में प्रकाशित इंटरनेशनलल लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांस और इंटरसेक्स एसोसिएशन (ILGA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक होमोसेक्शुएलिटी 69 देशों में प्रतिबंधित थी जिनमें से 11 में इसकी सजा मौत है.
- ndtv.in
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Section 377 खत्म होने के बाद इस शख्स ने मनाई ऐसी खुशी, माता-पिता बोले- अब हमारा बेटा अपराधी नहीं
- Friday September 7, 2018
- मोहित चतुर्वेदी
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता (Homosexuality) को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है. इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा.
- ndtv.in
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धारा 377 खत्म होने पर बॉलीवुड सेलेब्स का कुछ यूं रहा रिएक्शन, Tweet करके लिखी ये बातें
- Thursday September 6, 2018
- Written by: अल्केश कुशवाहा
धारा 377 खत्म होने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री के सेलेब्स भी इस मामले में खुलकर अपने विचार रख रहे हैं. बॉलीवुड स्टार्स में करण जौहर, अभिषेक बच्चन, स्वरा भास्कर, आयुष्मान खुराना, रितेश देशमुख, आलिया भट्ट समेत कई बॉलीवुड स्टार्स ने इस मामले में अपने-अपने बयान रखे.
- ndtv.in
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Section 377: क्या है धारा 377? अब सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध मानने से किया इनकार
- Thursday September 6, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
समलैंगिकता अपराध है या नहीं, ( Homosexuality) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो चुका है. समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया और कहा कि समलैंगिक संबंध अब से अपराध नहीं हैं. संविधान पीठ ने सहमति से दो वयस्कों के बीच बने समलैंगिक यौन संबंध को एक मत से अपराध के दायरे से बाहर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया.
- ndtv.in
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समलैंगिकता पर फैसले से संसद की सर्वोच्चता दांव पर
- Monday January 8, 2018
- विराग गुप्ता
समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दिये जाने के लिए दायर दो साल पुरानी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने प्राइवेसी पर फैसले में जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस नरीमन और जस्टिस कौल ने संविधान के अनुच्छेद 21 में दिये गये जीवन के अधिकार के तहत समलैंगिकता समेत अनेक अधिकारों की चर्चा की थी. प्राइवेसी के कानूनी हक के बाद सुप्रीम कोर्ट को आधार पर फैसला देना है और संसद को डेटा सुरक्षा पर कानून बनाना बाकी है और अब समलैंगिकता का मामला भी नए तरीके से सुनवाई के लिए आ गया है.
- ndtv.in
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प्राइवेसी को समलैंगिकता के अधिकार से क्यों जोड़ें...
- Thursday July 20, 2017
- विराग गुप्ता
प्राइवेसी के अधिकार पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज चंद्रचूड़ द्वारा यह टिप्पणी की गई कि यदि निजता के असीमित अधिकार को मान्यता मिली तो फिर समलैंगिकता पर नाज फाउंडेशन मामले में निर्णय पर पुर्नविचार की मांग हो सकती है.
- ndtv.in
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समलैंगिक संबंधों पर धारा 377 को चुनौती देने वाली याचिका चीफ जस्टिस के पास भेजी गई
- Wednesday June 29, 2016
- Ashish Bhargava
समलैंगिक संबंधों पर IPC की धारा 377 को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस को भेज दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पांच जजों की संविधान पीठ क्युरेटिव याचिका पर सुनवाई कर रही है। चीफ जस्टिस तय करेंगे कि ये मामला क्यूरेटिव के साथ सुने या अलग से सुनवाई हो।
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Explainer: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सेम-सेक्स कपल के लिए क्या होंगे बदलाव?
- Tuesday October 17, 2023
- Reported by: सुनील प्रभु, Edited by: अंजलि कर्मकार
समलैंगिक जोड़ों के अधिकार कोई चुनावी मुद्दा नहीं हैं, लेकिन इस मामले पर किसी भी कदम के महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रभाव हो सकते हैं. समलैंगिक शादी को वैध बनाने की दिशा में किसी भी कदम को धार्मिक संगठनों समेत समाज के अंदर से विरोध का सामना करना पड़ेगा.
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शादी से मृत्युदंड तक...दुनिया में LGBT Rights को लेकर हैं ये अलग कानून
- Monday August 22, 2022
- Reported by: एएफपी, Edited by: वर्तिका
साल 2020 में प्रकाशित इंटरनेशनलल लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांस और इंटरसेक्स एसोसिएशन (ILGA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक होमोसेक्शुएलिटी 69 देशों में प्रतिबंधित थी जिनमें से 11 में इसकी सजा मौत है.
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Section 377 खत्म होने के बाद इस शख्स ने मनाई ऐसी खुशी, माता-पिता बोले- अब हमारा बेटा अपराधी नहीं
- Friday September 7, 2018
- मोहित चतुर्वेदी
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता (Homosexuality) को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है. इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा.
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धारा 377 खत्म होने पर बॉलीवुड सेलेब्स का कुछ यूं रहा रिएक्शन, Tweet करके लिखी ये बातें
- Thursday September 6, 2018
- Written by: अल्केश कुशवाहा
धारा 377 खत्म होने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री के सेलेब्स भी इस मामले में खुलकर अपने विचार रख रहे हैं. बॉलीवुड स्टार्स में करण जौहर, अभिषेक बच्चन, स्वरा भास्कर, आयुष्मान खुराना, रितेश देशमुख, आलिया भट्ट समेत कई बॉलीवुड स्टार्स ने इस मामले में अपने-अपने बयान रखे.
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Section 377: क्या है धारा 377? अब सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध मानने से किया इनकार
- Thursday September 6, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
समलैंगिकता अपराध है या नहीं, ( Homosexuality) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो चुका है. समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया और कहा कि समलैंगिक संबंध अब से अपराध नहीं हैं. संविधान पीठ ने सहमति से दो वयस्कों के बीच बने समलैंगिक यौन संबंध को एक मत से अपराध के दायरे से बाहर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया.
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समलैंगिकता पर फैसले से संसद की सर्वोच्चता दांव पर
- Monday January 8, 2018
- विराग गुप्ता
समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दिये जाने के लिए दायर दो साल पुरानी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने प्राइवेसी पर फैसले में जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस नरीमन और जस्टिस कौल ने संविधान के अनुच्छेद 21 में दिये गये जीवन के अधिकार के तहत समलैंगिकता समेत अनेक अधिकारों की चर्चा की थी. प्राइवेसी के कानूनी हक के बाद सुप्रीम कोर्ट को आधार पर फैसला देना है और संसद को डेटा सुरक्षा पर कानून बनाना बाकी है और अब समलैंगिकता का मामला भी नए तरीके से सुनवाई के लिए आ गया है.
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प्राइवेसी को समलैंगिकता के अधिकार से क्यों जोड़ें...
- Thursday July 20, 2017
- विराग गुप्ता
प्राइवेसी के अधिकार पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज चंद्रचूड़ द्वारा यह टिप्पणी की गई कि यदि निजता के असीमित अधिकार को मान्यता मिली तो फिर समलैंगिकता पर नाज फाउंडेशन मामले में निर्णय पर पुर्नविचार की मांग हो सकती है.
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समलैंगिक संबंधों पर धारा 377 को चुनौती देने वाली याचिका चीफ जस्टिस के पास भेजी गई
- Wednesday June 29, 2016
- Ashish Bhargava
समलैंगिक संबंधों पर IPC की धारा 377 को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस को भेज दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पांच जजों की संविधान पीठ क्युरेटिव याचिका पर सुनवाई कर रही है। चीफ जस्टिस तय करेंगे कि ये मामला क्यूरेटिव के साथ सुने या अलग से सुनवाई हो।
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