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Government Death Figures

'Government Death Figures' - 2 News Result(s)
  • 'अभी भी आंकड़े संदेहास्पद', बिहार में कोविड मृतकों की संख्या पर हाईकोर्ट असंतुष्ट

    'अभी भी आंकड़े संदेहास्पद', बिहार में कोविड मृतकों की संख्या पर हाईकोर्ट असंतुष्ट

    कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी भी ये आंकड़े सटीक और सच नहीं दिखते हैं, बल्कि संदेहास्पद दिखते हैं. हालांकि सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने माना कि गलती हुई और इसके लिए दोषी अधिकारियों को बक्शा नहीं जायेगा. कोर्ट का कहना था कि अगर कोर्ट से निर्देश नहीं होता तो ऐसी चूक कभी उजागर नहीं होती. इस मामले की सुनवाई शनिवार को भी होगी.

  • अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

    अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

    दो महीने तक आपने देखा कि किसी की ज़िंदगी की कोई गरिमा नहीं बची थी. आम आदमी हो या मुग़ालते में रहने वाले रसूख़दार लोग. सब अस्पताल में बेड खोज रहे थे और ऑक्सीजन का सिलेंडर तक हासिल नहीं कर पा रहे थे. इस अंजाम से गुज़रने के बाद भी अगर आग़ाज़ नया नहीं होगा तो फिर से वही अंजाम होगा. गुजराती अख़बारों और भास्कर समूह ने तमाम राज्यों से मौत के आंकड़े को छिपाने का जो खेल पकड़ा है उसे कुछ अंग्रेज़ी अख़बार भी सीख रहे हैं.

'Government Death Figures' - 2 News Result(s)
  • 'अभी भी आंकड़े संदेहास्पद', बिहार में कोविड मृतकों की संख्या पर हाईकोर्ट असंतुष्ट

    'अभी भी आंकड़े संदेहास्पद', बिहार में कोविड मृतकों की संख्या पर हाईकोर्ट असंतुष्ट

    कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभी भी ये आंकड़े सटीक और सच नहीं दिखते हैं, बल्कि संदेहास्पद दिखते हैं. हालांकि सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने माना कि गलती हुई और इसके लिए दोषी अधिकारियों को बक्शा नहीं जायेगा. कोर्ट का कहना था कि अगर कोर्ट से निर्देश नहीं होता तो ऐसी चूक कभी उजागर नहीं होती. इस मामले की सुनवाई शनिवार को भी होगी.

  • अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

    अप्रैल-मई के दो महीने, जब जिंदगी की गरिमा ही नहीं बची

    दो महीने तक आपने देखा कि किसी की ज़िंदगी की कोई गरिमा नहीं बची थी. आम आदमी हो या मुग़ालते में रहने वाले रसूख़दार लोग. सब अस्पताल में बेड खोज रहे थे और ऑक्सीजन का सिलेंडर तक हासिल नहीं कर पा रहे थे. इस अंजाम से गुज़रने के बाद भी अगर आग़ाज़ नया नहीं होगा तो फिर से वही अंजाम होगा. गुजराती अख़बारों और भास्कर समूह ने तमाम राज्यों से मौत के आंकड़े को छिपाने का जो खेल पकड़ा है उसे कुछ अंग्रेज़ी अख़बार भी सीख रहे हैं.