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Betaal Review: न गले उतरती है और न ही आंखों को भाती है जॉम्बी सीरीज 'बेताल'
- Monday May 25, 2020
- Written by: नरेंद्र सैनी
Betaal Review: 'बेताल' की कहानी एक आदिवासी गांव की है. जहां पर एक गुफा है, और उस गुफा के अंदर बेताल रहता है. गांववाले किसी तरह से उस बेताल को शांत रखे हुए हैं.
- ndtv.in
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नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'
- Tuesday February 11, 2020
- सूर्यकांत पाठक
भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता की पौराणिक कथा दोस्ती की मिसाल के रूप में उद्धृत की जाने वाली कहानी है. लेकिन इस सीधी सपाट कहानी में सुदामा के चरित्र का कोई प्रतिपक्ष भी हो सकता है. द्वापर युग के सुदामा के चरित्र की यदि कलयुग की परिस्थितियों में कल्पना की जाए तो उसमें आज की दूषित मानसिकता भी दिखाई दे सकती है. कहानी वही है, चरित्र भी वही हैं लेकिन इन चरित्रों का आचार-विचार वह है जो आज के आम जीवन में देखा जाता है. नाटक 'सुदामा के चावल' में इस पौराणिक कथा की प्रभावी प्रस्तुति हुई. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रतिष्ठित आयोजन 'भारत रंग महोत्सव' के तहत रविवार को दिल्ली के कमानी थिएटर में हुई इस शानदार नाट्य प्रस्तुति का प्रेक्षकों ने जमकर आनंद लिया. प्रस्तुति के दौरान हाल कई बार तालियों और ठहाकों से गूंजा.
- ndtv.in
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Movie Review: चाइल्ड रेप पर सनसनीखेज रिवेंज ड्रामा है Ajji
- Friday November 24, 2017
- Reported by: इकबाल परवेज़
पिछले कुछ साल से बलात्कार का मुद्दा खूब उछला है. फिल्में भी बलात्कार जैसे मुद्दे पर बन रही हैं. इस साल भी रवीना टंडन की फिल्म ‘मातृ’ और श्रीदेवी की फिल्म ‘मॉम’ इसी बलात्कार के मुद्दे पर बनी है.
- ndtv.in
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दो कालजयी त्रासदियों के जरिए शेक्सपियर का स्मरण
- Tuesday December 20, 2016
- अमितेश कुमार
अंग्रेजी साम्राज्य का सूरज तो डूब गया लेकिन शेक्सपियर के रूप में एक ऐसा प्रकाश दे गया जिसकी चमक विश्व की सभी भाषाओं में और विशेषकर उन भाषाओं के रंगमंच पर है. हर अभिनेता, हर निर्देशक जीवन में कम से कम एक बार शेक्सपियर के किसी नाटक का हिस्सा बनाना चाहता है या बन चुका होता है.
- ndtv.in
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युद्ध के विरुद्ध एक गजब की अदा ऐसी भी...
- Monday October 10, 2016
- सूर्यकांत पाठक
जब युद्ध के खिलाफ जनभावनाएं अलग-अलग माध्यमों में व्यक्त हो रही हैं तब यह विचार रंगमंच पर भी अवतरित हुआ. दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल ने युद्ध की विभीषिका पर केंद्रित नाटक 'गजब तेरी अदा' का प्रदर्शन किया. 'गजब तेरी अदा' में 'अदा' क्या है? 'अदा' वास्तव में उस स्त्री समाज की है जो हमेशा से युद्ध के कुप्रभावों को सबसे अधिक सहने के लिए अभिशप्त रही है.
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Betaal Review: न गले उतरती है और न ही आंखों को भाती है जॉम्बी सीरीज 'बेताल'
- Monday May 25, 2020
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Betaal Review: 'बेताल' की कहानी एक आदिवासी गांव की है. जहां पर एक गुफा है, और उस गुफा के अंदर बेताल रहता है. गांववाले किसी तरह से उस बेताल को शांत रखे हुए हैं.
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नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'
- Tuesday February 11, 2020
- सूर्यकांत पाठक
भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता की पौराणिक कथा दोस्ती की मिसाल के रूप में उद्धृत की जाने वाली कहानी है. लेकिन इस सीधी सपाट कहानी में सुदामा के चरित्र का कोई प्रतिपक्ष भी हो सकता है. द्वापर युग के सुदामा के चरित्र की यदि कलयुग की परिस्थितियों में कल्पना की जाए तो उसमें आज की दूषित मानसिकता भी दिखाई दे सकती है. कहानी वही है, चरित्र भी वही हैं लेकिन इन चरित्रों का आचार-विचार वह है जो आज के आम जीवन में देखा जाता है. नाटक 'सुदामा के चावल' में इस पौराणिक कथा की प्रभावी प्रस्तुति हुई. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रतिष्ठित आयोजन 'भारत रंग महोत्सव' के तहत रविवार को दिल्ली के कमानी थिएटर में हुई इस शानदार नाट्य प्रस्तुति का प्रेक्षकों ने जमकर आनंद लिया. प्रस्तुति के दौरान हाल कई बार तालियों और ठहाकों से गूंजा.
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Movie Review: चाइल्ड रेप पर सनसनीखेज रिवेंज ड्रामा है Ajji
- Friday November 24, 2017
- Reported by: इकबाल परवेज़
पिछले कुछ साल से बलात्कार का मुद्दा खूब उछला है. फिल्में भी बलात्कार जैसे मुद्दे पर बन रही हैं. इस साल भी रवीना टंडन की फिल्म ‘मातृ’ और श्रीदेवी की फिल्म ‘मॉम’ इसी बलात्कार के मुद्दे पर बनी है.
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दो कालजयी त्रासदियों के जरिए शेक्सपियर का स्मरण
- Tuesday December 20, 2016
- अमितेश कुमार
अंग्रेजी साम्राज्य का सूरज तो डूब गया लेकिन शेक्सपियर के रूप में एक ऐसा प्रकाश दे गया जिसकी चमक विश्व की सभी भाषाओं में और विशेषकर उन भाषाओं के रंगमंच पर है. हर अभिनेता, हर निर्देशक जीवन में कम से कम एक बार शेक्सपियर के किसी नाटक का हिस्सा बनाना चाहता है या बन चुका होता है.
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युद्ध के विरुद्ध एक गजब की अदा ऐसी भी...
- Monday October 10, 2016
- सूर्यकांत पाठक
जब युद्ध के खिलाफ जनभावनाएं अलग-अलग माध्यमों में व्यक्त हो रही हैं तब यह विचार रंगमंच पर भी अवतरित हुआ. दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रंगमंडल ने युद्ध की विभीषिका पर केंद्रित नाटक 'गजब तेरी अदा' का प्रदर्शन किया. 'गजब तेरी अदा' में 'अदा' क्या है? 'अदा' वास्तव में उस स्त्री समाज की है जो हमेशा से युद्ध के कुप्रभावों को सबसे अधिक सहने के लिए अभिशप्त रही है.
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